अफगानिस्तान की महिला फुटबॉल टीम की कप्तान ने कहा, खिलाड़ी लगाएं अपनी जर्सी में आग, डिलीट करें सोशल अकाउंट
अफगानिस्तान इन दिनों सबसे बड़े संकट से जूझ रहा है। अफगानिस्तान को तालिबान ने अपने कब्जे में कर लिया है। आए दिन अफगानिस्तान में हो रहे खून-खराबे की तस्वीरें और खबरें आ रही हैं। स्थानीय लोगों को अपना...

अफगानिस्तान इन दिनों सबसे बड़े संकट से जूझ रहा है। अफगानिस्तान को तालिबान ने अपने कब्जे में कर लिया है। आए दिन अफगानिस्तान में हो रहे खून-खराबे की तस्वीरें और खबरें आ रही हैं। स्थानीय लोगों को अपना घर छोड़कर भागना पड़ रहा है। जब किसी मुल्क से लोग दहशतगर्दों के खौफ से अपने वतन से भागने को मजबूर हो जाएं तो उस देश की हालत समझी जा सकती है। अफगानिस्तान में एकदम से सबकुछ ठप पड़ गया है। इसी बीच अफगानिस्तान फुटबॉल टीम की कप्तान खालिदा पोपल, जो कभी युवा लड़कियों को प्रेरित करती थीं, आज खालिदा एक नया संदेश लेकर लोगों के सामने आई हैं। उन्होंने अपील की है कि वे अपने सोशल मीडिया अकाउंट को डिलीट कर दें, अपनी सामाजिक पहचान मिटा दें और अपने यूनीफॉर्म को जला दें।
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खालिदा ने वीडियो जारी करते हुए कहा, 'मैंने अफगानिस्तान की महिला फुटबॉल टीम के लिए बहुत कुछ किया है लेकिन आज मैं कहती हूं कि आप अपनी सुरक्षा के लिए अपनी पहचान छिपा लीजिए, अपनी नेशनल टीम की यूनीफॉर्म जला दीजिए। यह मेरे लिए दर्दभरा है, क्योंकि मैंने अफगानिस्तान की महिला हॉकी टीम के लिए ख्याति प्राप्त की थी। हमें अपने देश का प्रतिनिधित्व करने में गर्व महसूस होता था। हम ने देश के लिए जो भी किया आज वो सब बर्बाद हो गया।' उन्होंने कहा, 'हम फुटबॉल को ऐक्टिविज्म के रूप में देखते हैं, अपने अधिकारों के लिए खड़े होते हैं। हम तालिबान के खिलाफ मजबूती से खड़े होकर यह करते हैं कि हम अफगानिस्तान की सशक्त महिला हैं। इससे फर्क नहीं पड़ता कि तुमने हमारी कितनी ही बहनों का कत्ल कर दिया हो, लेकिन तुम कभी महिलाओं की आवाज को नहीं रोक पाओगे। हम अपनी बहनों के साथ खड़े हैं।'
Former Afghan women's soccer captain Khalida Popal had always used her voice to encourage young women ‘to be bold, to be visible.’ But now, she has a different message for players: delete social media, erase your public identity and burn your uniforms https://t.co/VqlioYYhky pic.twitter.com/1RFk6KR6Rq
— Reuters (@Reuters) August 19, 2021
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उन्होंने आगे कहा, 'लेकिन आज सभी लड़कियां तालिबान के खिलाफ मुखर हैं। आज जब ये बाहर देखती हैं तो उन्हें अपने दुश्मन नजर आते हैं। आज ना सिर्फ खिलाड़ी बल्कि ऐक्टिविस्ट भी बेहद डरी हुई हैं और बेहद चिंतित भी हैं।' बता दें कि अफगानी महिलाओं को जो अधिकार पहले थे, तालिबान ने उन सभी अधिकारों को एक झटके में खत्म कर दिया है। उनपर अनेकों प्रकार की पाबंदियां लगा दी गई हैं।
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