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एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप: रवि ने जीता गोल्ड, बजरंग पुनिया को सिल्वर से करना पड़ा संतोष

विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता रवि कुमार ने शनिवार (22 फरवरी) को ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए यहां इंदिरा गांधी स्टेडियम के केडी जाधव कुश्ती हॉल में चल रही सीनियर एशियाई कुश्ती प्रतियोगिता में...

एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप: रवि ने जीता गोल्ड, बजरंग पुनिया को सिल्वर से करना पड़ा संतोष
भाषा,नई दिल्लीSun, 23 Feb 2020 01:57 AM
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विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता रवि कुमार ने शनिवार (22 फरवरी) को ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए यहां इंदिरा गांधी स्टेडियम के केडी जाधव कुश्ती हॉल में चल रही सीनियर एशियाई कुश्ती प्रतियोगिता में 57 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर देश को गौरवान्वित कर दिया जबकि बजरंग पुनिया, गौरव बालियान और सत्यव्रत कादियान ने देश को रजत पदक दिलाए। भारत के चार पहलवान रवि (57), बजरंग (65), गौरव (79) और सत्यव्रत (97) फाइनल में पहुंचे, लेकिन बजरंग, गौरव और सत्यव्रत तीनों को फाइनल में हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। इनकी हार से फैली निराशा के बीच रवि ने जबरदस्त प्रदर्शन किया और स्वर्ण पदक जीतकर हीरो बन गए।

रवि ने फाइनल में ताजिकिस्तान के हिकमातुलो वोहिदोव को 10-0 से धूल चटाकर पूरे स्टेडियम को हर्षोल्लास से भर दिया। पुरुष फ्रीस्टाइल मुकाबलों में भारत का यह पहला और इस प्रतियोगिता में पांचवां स्वर्ण पदक था। भारत ने प्रतियोगिता में ग्रीको रोमन शैली में एक स्वर्ण और चार कांस्य सहित कुल पांच पदक तथा महिला पहलवानों ने महिला पहलवानों ने तीन स्वर्ण, दो रजत और तीन कांस्य सहित आठ पदक जीते हैं। भारत ने पुरुष फ्रीस्टाइल में एक स्वर्ण और तीन रजत पदक जीत लिए हैं। भारत के अब तक पांच स्वर्ण, पांच रजत और सात कांस्य सहित कुल 17 पदक हो गए हैं और वह तालिका में जापान और ईरान के बाद तीसरे स्थान पर है।

रवि ने फाइनल में कमाल का प्रदर्शन किया और पहले ही राउंड में 6-0 की बढ़त बना ली। वोहिदोव भारतीय पहलवान के सामने पूरी तरह बेबस नजर आए। दूसरा राउंड शुरु होते ही रवि ने विपक्षी पहलवान से एक के बाद एक दो-दो अंक लिए और स्कोर 10-0 होते ही मुकाबला समाप्त हो गया। पूरे स्टेडियम में करतल ध्वनि गूंज रही थी और रवि के मैट से उतरते ही उन्हें बधाईयां मिलने लगी। रवि ने 57 किग्रा के क्वालिफिकेशन में जापान के यूकी ताकाहाशी को 14-5 से, क्वार्टरफाइनल में मंगोलिया के तुग्स बतजारगल को 6-3 से, सेमीफाइनल में कजाकिस्तान के नुरइस्लाम सानायेव को 7-2 से हराया था और फाइनल मुकाबला उन्होंने 10-0 से जीत लिया।

इससे पहले टोक्यो ओलंपिक के लिए भारत की सबसे बड़ी पदक उम्मीद बजरंग ने 65 किग्रा के फाइनल में निराश किया और जापान के ताकुतो ओतोगुरो से एकतरफा अंदाज में 2-10 से पराजित हो गए। बजरंग ने पिछली चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था और इस बार वह रजत तक ही पहुंच पाए। बजरंग ने क्वालिफिकेशन में ताजिकिस्तान के जमशेद शरीफोव को 11-0 से, क्वार्टरफाइनल में उजबेकिस्तान के अब्बास रखमोनोेव को 12-2 से और सेमीफाइनल में ईरान के अमीर हुसैन अजीम को 10-0 से पराजित किया। लेकिन स्वर्ण पदक मुकाबले में वह जापानी पहलवान से पार नहीं पा सके।

79 किग्रा में गौरव ने क्वार्टरफाइनल में मंगोलिया के बातजुल दामजिन को 3-1 से और सेमीफाइल में जापान के शिनकिची ओकुई को 6-5 से हराया। गौरव फाइनल में किर्गिजिस्तान के अर्सलान बुदाझापोव से भिड़े और उन्हें कड़े मुकाबले में 5-7 से हार का सामना करना पड़ा। गौरव पहले राउंड में 1-2 से पीछे थे। दूसरे राउंड में उन्होंने 3-2 की बढ़त बनायी लेकिन विपक्षी पहलवान ने दो अंक लेकर स्कोर 3-4 कर दिया। गौरव ने दोनों अंक लेकर 5-4 की बढ़त बनायी लेकिन बुदाझापोव ने तीन अंक लेकर 7-5 से मुकाबला जीत लिया।

सत्यव्रत ने 97 किग्रा के क्वार्टरफाइनल में जॉर्डन के जैद हुसैन को 10-0 से और सेमीफाइनल में ताजिकिस्तान के रुस्तम इसकंदारी को 10-0 से पराजित किया। सत्यव्रत को फाइनल में ईरान के मुज्तबा मोहम्मदशफी ने 10-0 के अंतर से धोकर स्वर्ण पदक जीत लिया। 70 किग्रा में नवीन को सेमीफाइनल में ईरान के अमीरहुसैन अली से नजदीकी मुकाबले में 2-3 से हार का सामना करना पड़ा। नवीन का कांस्य पदक के लिए कजाकिस्तान के मेरझान अशीरोव से मुकाबला हुआ जिसमें उन्हें एकतरफा अंदाज में 1-12 से हार का सामना करना पड़ा। यह मुकाबला मात्र दो मिनट छह सेकेंड में समाप्त हो गया।

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