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कोच का नाम द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए न भेजे जाने पर नाराज हुए अमित पंघल

एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के अग्रणी मुक्केबाज अमित पंघल ने अपने कोच अनिल कुमार का नाम इस साल द्रोणाचार्य अवॉर्ड के लिए न भेजे जाने पर गहरी निराशा जाहिर की है और कहा है कि उनके...

कोच का नाम द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए न भेजे जाने पर नाराज हुए अमित पंघल
एजेंसी,नई दिल्लीWed, 01 May 2019 06:57 PM
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एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के अग्रणी मुक्केबाज अमित पंघल ने अपने कोच अनिल कुमार का नाम इस साल द्रोणाचार्य अवॉर्ड के लिए न भेजे जाने पर गहरी निराशा जाहिर की है और कहा है कि उनके कोच के साथ अच्छा बर्ताव नहीं हुआ है। भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने पंघल के कोच को नजरअंदाज कर मंगलवार को संध्या गुरंग और शिव सिंह के नाम द्रोणाचार्य अवॉर्ड के लिए भेजे हैं। पंघल और गौरव बिधुड़ी के नाम अजुर्न पुरस्कार के लिए भेजे गए हैं।

पंघल ने द्रोणाचार्य अवॉर्ड के नांमाकन पर निराशा जाहिर करते हुए आईएएनएस से कहा, “मुझे लगता है कि मेरे कोच अनिल कुमार का नाम द्रोणाचार्य अवॉर्ड के लिए भेजा जाना चाहिए था। वह मेरे कोच हैं और इल नाते उनके प्वाइंट्स सबसे ज्यादा हैं। उनका नाम पिछली बार भी नहीं भेजा गया था और इस बार भी उनका नाम नहीं हैं। यह गलत हुआ है।” 

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उन्होंने कहा, “द्रोणाचार्य अवॉर्ड के लिए किसी और के नाम की सिफारिश कर दी गई है। ऐसे व्यक्ति का नाम भेजा गया है, जिनके प्वाइंट्स कम हैं। लेकिन मेरे सर (कोच) के प्वाइंटस ज्यादा हैं तो उनके नाम नहीं भेज रहे हैं।” 

द्रोणाचार्य अवॉर्ड के लिए नामित की गईं संध्या बीते एक दशक से महिला टीम के साथ रही हैं। वहीं, शिव सिंह तीन दशक से कोचिंग कर रहे हैं। 

एशियाई खेलों में स्वर्ण और राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतने वाले पंघल ने कहा, “मैंने शुरुआत से ही अनिल सर के साथ रहकर कोचिंग की है और उनके मार्गदर्शन में कई सारे पदक जीते हैं। द्रोणाचार्य अवॉर्ड दो तरीके से मिलते हैं। एक तो कोच के प्रदर्शन के आधार पर और दूसरा उनके शिष्य के प्रदर्शन के आधार पर। मेरा प्रदर्शन अबतक का सर्वश्रेष्ठ रहा है और इसका श्रेय मेरे कोच को जाता है। मेरे प्रदर्शन के आधार पर मेरे कोच के अंक सबसे अधिक हैं लेकिन बीते साल की तरह इस साल भी उन्हें नजरअंदाज किया।” 

उन्होंने कहा, “मैंने अबतक जो भी उपलब्धि हासिल की है, उसका श्रेय मेरे कोच अनिल सर को ही जाता है। लेकिन उन्हें सम्मान नहीं मिल रहा हैं, जिनके वह हकदार हैं।” 

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पंघल ने कहा कि जिस शिव सिंह को द्रोणाचार्य अवॉर्ड के लिए नामांकित किया है, वह बेशक लम्बे समय से कोच रहे हैं लेकिन अभी उनके अंक मेरे कोच के अंक से कम हैं और इस लिहाज से मेरे कोच का हक ज्यादा बनता है।

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