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अब इस खिलाड़ी पर बनेगी बायोपिक, आलिया भट्ट निभाएंगी किरदार!

बॉलीवुड अभिनेत्री आलिया भट्ट सिल्वर स्क्रीन पर अरुणिमा सिन्हा का किरदार जीवंत करती नजर आ सकती है। बॉलीवुड में इन दिनों बायोपिक फिल्मों का चलन जोरों पर है। आलिया भट्ट भी एक बायोपिक करने जा रही हैं। यह...

अब इस खिलाड़ी पर बनेगी बायोपिक, आलिया भट्ट निभाएंगी किरदार!
एजेंसी,नई दिल्लीWed, 06 Mar 2019 09:59 AM
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बॉलीवुड अभिनेत्री आलिया भट्ट सिल्वर स्क्रीन पर अरुणिमा सिन्हा का किरदार जीवंत करती नजर आ सकती है। बॉलीवुड में इन दिनों बायोपिक फिल्मों का चलन जोरों पर है। आलिया भट्ट भी एक बायोपिक करने जा रही हैं। यह फिल्म अरुणिमा सिन्हा पर बन रही है और बताया जा रहा है कि आलिया ने इस फिल्म के लिए अपनी सहमति दे दी है। 

बता दें कि अरुणिमा सिन्हा एक नेशनल वॉलीबॉल प्लेयर थीं, जो कुछ लुटेरों से लड़ते हुए चलती ट्रेन से गिर गई थीं। इस दुर्घटना में अरुणिमा ने अपना एक पैर खो दिया। हालांकि, अरुणिमा ने अपनी हिम्मत नहीं खोई और एक साल के भीतर ही वह एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली दिव्यांग महिला बन गईं।

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बताया जा रहा है कि यह फिल्म 'बॉर्न अगेन ऑन द माउंटेन: ए स्टोरी ऑफ लूजिंग एवरीथिंग ऐंड फाइंडिंग बैक' नाम की किताब पर आधारित होगी।  इस फिल्म को करण जौहर और विवेक रंगाचारी प्रोड्यूस करेंगे। 

फिल्म में अरुणिमा के किरदार को निभाने के लिए आलिया को वजन बढ़ाने के लिए भी कहा गया है। इस फिल्म के लिए आलिया को दिव्यांग व्यक्ति के साथ सख्त ट्रेनिंग करनी होगी। बताया जा रहा है कि इस फिल्म की शुरुआती शूटिंग लखनऊ में की जाएगी।

अप्रैल, 2011 में लखनऊ से नई दिल्ली जा रही एक राष्ट्रीय स्तर की वॉलीबॉल खिलाड़ी को कुछ बदमाशों ने चलती ट्रेन से धक्का दे दिया था। इस दुर्घटना में उस खिलाड़ी ने अपनी एक टांग गंवा दी। दो साल बाद लोगों ने उसी खिलाड़ी को दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगे के साथ देखा और उनके जज्बे को सलाम किया। वह खिलाड़ी थीं अरुणिमा सिन्हा।  

अरुणिमा के लिए हालांकि, यह सफर भी आसान नहीं था। एक घटना में अपनी टांग गंवाने के बाद उन्होंने निराश न होकर एक नई मंजिल को अपनाने का फैसला किया। इस हौंसले के लिए जहां कई लोगों ने उन्हें सराहा, तो कई लोगों ने उनकी आलोचना भी की थी। 

इस पर अरुणिमा ने कहा था, “मैंने जब एवरेस्ट पर फतह की थी तब मैं दोनों हाथ ऊपर उठाकर जोर से चिल्लाना चाहती थी और उन सभी लोगों को यह कहना चाहती थी कि देखो मैंने कर दिखाया। उन सभी लोगों को, जिन्होंने मुझे पागल कहा, विक्लांग कहा और यह भी कहा कि एक औरत होकर मैं ऐसा नहीं कर पाऊंगी।”

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अरुणिमा ने कहा था, “मैं अपने आलोचकों की सबसे ज्यादा शुक्रगुजार हूं। उन्हीं की वजह से मुझे मेरे लक्ष्य को हासिल करने का जुनून मिला और आखिरकार मैंने वो कर दिखाया।”

अरुणिमा ने एक कृत्रिम पैर के सहारे एवरेस्ट फतह करने के साथ-साथ किलिमंजारो (अफ्रीका), एल्ब्रुस (रूस), कास्टेन पिरामिड (इंडोनेशिया), किजाश्को (आस्ट्रेलिया) और माउंट अकंकागुआ (दक्षिण अमेरिका) पर्वत चोटियों पर फतह हासिल कर ली है और माउंट विन्सन उनकी आखिरी मंजिल है। दक्षिणी ध्रुव में अंटार्कटिका स्थित माउंट विन्सन उनकी आखिरी मंजिल है। 

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