विनेश फोगाट के लिए 3 साल रहे हैं दर्द भरे, अब लड़ते-लड़खड़ाते ओलंपिक फाइनल में पहुंचीं, लेकिन...
- विनेश फोगाट के लिए पिछले 3 साल एक सदी जैसे रहे हैं। उन्होंने लड़ते-लड़खड़़ाते ओलंपिक फाइनल तक का सफर तय किया, लेकिन फाइनल से ठीक पहले उनको अयोग्य करार दे दिया गया।
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत के पदकों की संख्या आज यानी 7 अगस्त को तीन से चार होनी थी, लेकिन एक अनहोनी ने ऐसा होने नहीं दिया। वुमेंस फ्रीस्टाइल 50 किलोग्राम भार वर्ग रेस्लिंग के फाइनल में विनेश फोगाट ने जगह बना ली थी और देश के लिए सिल्वर मेडल पक्का हो गया था। हालांकि, फाइनल की सुबह उनका वजन थोड़ा सा ज्यादा निकला और वह इन खेलों से डिस्क्वालिफाई हो गईं। पिछले करीब तीन साल में उन्होंने काफी कुछ झेला है। 3 साल उनके लिए एक सदी जैसे रहे। टोक्यो ओलंपिक के बाद उनको सस्पेंड कर दिया गया, महासंघ के चीफ के खिलाफ प्रदर्शन किया, पुलिस ने मारा-पीटा और घसीटा, जैसे-तैसे ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई किया। इनके बारे में यहां 10 प्वॉइंट्स में समझ लिए...
1. टोक्यो के बाद सस्पेंड
टोक्यो ओलंपिक 2021 के क्वॉर्टर फाइनल में हारने के बाद विनेश फोगाट को सस्पेंड कर दिया गया था। खराब आचरण के लिए उनको भारतीय कुश्ती महासंघ ने सस्पेंड किया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने बाकी खिलाड़ियों के साथ ट्रेनिंग नहीं की और टीम इंडिया ऑफिशियल किट भी नहीं पहनी थी।
2. महासंघ के मुखिया के खिलाफ प्रदर्शन
भारतीय कुश्ती महासंघ यानी डब्ल्यूएफआई के चीफ रहे बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विनेश फोगाट और अन्य महिला पहलवानों ने आवाज उठाई और उन पर आरोप लगाए कि उन्होंने यौन शोषण किया है। डब्ल्यूएफआई चीफ के खिलाफ लंबे समय तक उन्होंने आंदोलन किया था।
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3. 40 दिनों तक फुटपाथ पर सोईं
विनेश फोगाट और अन्य महिला पहलवान करीब 40 दिनों तक दिल्ली में फुटपाथ पर सोईं थीं। उनकी आवाज उस समय किसी ने नहीं सुनी थी। बाद में केंद्र सरकार ने कुछ मंत्रियों को भेजा था और फिर पहलवानों की बात हुई थी।
4. पुलिस ने मारा-पीटा और घसीटा
विनेश की तमाम तस्वीरें हमने देखी थीं, जिनमें पुलिस ने उनको घसीटा और मारा-पीटा भी था। ऐसे आरोप उन्होंने ही लगाए थे। ये सब उस समय हुआ था, जब उन्होंने अपनी मांगों को लेकर नए संसद की ओर कूच किया था।
5. गंगा में बहाने वाली थीं मेडल
विनेश फोगाट समेत की पहलवानों ने अपने मेडल गंगा में बहाने की कसम खा ली थी। ये पहलवान हरिद्वार भी पहुंच गए थे, लेकिन उनको जैसे-तैसे मनाया गया और दर्जनों पदक गंगा में बहाए जाने से बच गए। पहलवान चाहते थे कि बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी हो और उनकी अन्य मांगें स्वीकार की जाएं।
6. घुटने की कराई सर्जरी
डब्ल्यूएफआई से सस्पेंड और महासंघ के मुखिया के खिलाफ आंदोलन छेड़ने के बीच विनेश फोगाट को अपने घुटने की सर्जरी करानी पड़ी। इससे उबरने में उनको महीनों लग गए और फिर उन्होंने मैट पर वापसी की।
7. जैसे-तैसे ओलंपिक कोटा हासिल किया
53 किलोग्राम भार वर्ग में ओलंपिक कोटा हासिल करने से चूकने के बाद उन्होंने अपना वजन कम किया और 50 किलोग्राम भार वर्ग में जैसे-तैसे ओलंपिक कोटा हासिल किया। ये अपने आप में एक बड़ी बात उनके लिए थी।
8. लगातार तीसरे ओलंपिक में जगह बनाकर इतिहास रचा
रियो ओलंपिक 2016, टोक्यो ओलंपिक 2020 और पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए उन्होंने क्वॉलिफाई किया और वह देश की इकलौती महिला पहलवान बन गईं, जिन्होंने लगातार तीन ओलंपिक में भाग लिया।
9. नंबर वन रेस्लर को हराया और एक दिन में 3 मुकाबले जीते
इतना सब कुछ ही समय में झेलने के बाद पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट का पहला मुकाबला दुनिया की नंबर वन रेस्लर था। जापान की यूई सुसाकी को हराया, जिन्होंने पिछले कई सालों से एक भी नॉकआउट नहीं गंवाया था। यहां तक कि हर बार उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था। पहले सुसाकी और फिर दो और मुकाबले उन्होंने एक ही दिन में खेले और जीतकर फाइनल में जगह बनाई।
10. विनेश हुईं डिस्क्वालिफाई
8 अगस्त की रात को उनको फाइनल खेलना था। भारत के लिए सिल्वर मेडल पक्का था। अगर वे यूएसए की रेस्लर के खिलाफ जीत जातीं तो उनको गोल्ड मेडल मिलता और हारतीं तो सिल्वर तो मिलना ही था। हालांकि, कई बार आप जो सोचते हैं, वैसा होता नहीं है और विनेश फोगाट के साथ भी यही हुई। गोल्ड मेडल मैच की सुबह वेट कैटेगरी वाले खिलाड़ियों का वजन होता है और उसमें विनेश फोगाट का वजन 100 ग्राम ज्यादा निकला। इस वजह से वह डिस्क्वालिफाई हो गईं और पदक से चूक गईं।
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