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पेरिस ओलंपिक 2024: उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाए भारतीय मुक्केबाज, सभी लौटे खाली हाथ

  • पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय मुक्केबाज उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाए। जिनसे गोल्ड मेडल की उम्मीद थी, वे कांस्य पदक मैच तक नहीं पहुंच सके। 6 मुक्केबाज रिंग में उतरे और सभी के सभी पेरिस से खाली हाथ लौटे।

पेरिस ओलंपिक 2024: उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाए भारतीय मुक्केबाज, सभी लौटे खाली हाथ
Vikash Gaur लाइव हिन्दुस्तानMon, 12 Aug 2024 10:03 AM
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निकहत जरीन और लवलीना बोरगोहेन जैसे मौजूदा विश्व चैंपियन खिलाड़ियों के बावजूद भारतीय मुक्केबाज पेरिस ओलंपिक में उम्मीद के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पाए और उन्हें बिना पदक के वापस लौटना पड़ा। विजेंदर सिंह के बीजिंग ओलंपिक 2008 में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतने के बाद भारतीय मुक्केबाजों से ओलंपिक में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद की जाने लगी थी। इसके चार साल बाद एमसी मैरी कॉम ने लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। रियो ओलंपिक 2016 में भारतीय मुक्केबाज पदक नहीं जीत पाए, लेकिन टोक्यो ओलंपिक में लवलीना कांस्य पदक हासिल करने में सफल रही थीं।

इस परिदृश्य में उम्मीद की जा रही थी कि भारतीय मुक्केबाज पदक जीतने का सिलसिला जारी रखेंगे, लेकिन उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा। खेल के जानकारों का मानना ​​था कि ओलंपिक खेलों के लिए क्वॉलिफाई करने वाले छह मुक्केबाजों से दो नहीं तो कम से कम एक पदक की उम्मीद की जा सकती है। दो बार की विश्व चैंपियन जरीन (50 किग्रा), लवलीना (75 किग्रा) और विश्व चैंपियनशिप 2023 के कांस्य पदक विजेता निशांत देव (71 किग्रा) सभी को पोडियम पर पहुंचने का मजबूत दावेदार माना जा रहा था, लेकिन जब वास्तविक प्रतिस्पर्धा की बात आई तो भारतीय खिलाड़ियों में आवश्यक गति की कमी नजर आई।

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निशांत को अपवाद माना जा सकता है, क्योंकि क्वॉर्टर फाइनल में विवादास्पद परिणाम के कारण वह पदक से वंचित हो गए। जहां तक जरीन और लवलीना का सवाल है तो वह अपनी मजबूत प्रतिद्वंदियों के सामने संघर्ष करती हुई नजर आईं। अमित पंघाल (51 किग्रा) अपनी पिछली फॉर्म को दिखाने में नाकाम रहे। लवलीना, पंघाल और निशांत को पदक सुरक्षित करने के लिए सिर्फ दो जीत की जरूरत थी। हालांकि, लवलीना और जरीन को मुश्किल ड्रॉ मिला था, लेकिन वह दोनों मौजूदा विश्व चैंपियन हैं और ऐसे में उनसे इस तरह की चुनौतियों से पार पाने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन इन दोनों मुक्केबाजों ने चीन की अपनी प्रतिद्वंदियों के सामने आसानी से घुटने टेक दिए।

निकहत जरीन को स्वर्ण पदक का दावेदार माना जा रहा था, लेकिन वह दूसरे दौर में ही वू यू से हार गईं। लवलीना को चीन की अपनी चिर प्रतिद्वंद्वी ली कियान से हार का सामना करना पड़ा। इन दोनों मुक्केबाजों के बीच अभी तक खेले गए चार मुकाबलों में से तीन में चीन की खिलाड़ी ने जीत दर्ज की है। पुरुष वर्ग में पंघाल जाम्बिया के पैट्रिक चिनेम्बा के खिलाफ अपने तेज और आक्रामक खेल का प्रदर्शन नहीं कर पाए। जांबिया का मुक्केबाज भी दूसरे दौर से आगे नहीं बढ़ पाया। जैस्मीन लेम्बोरिया (57 किग्रा) पिछले ओलंपिक खेलों की रजत पदक विजेता नेस्टी पेटेसियो से हार गईं। प्रीति पवार (54 किग्रा) ने मौजूदा विश्व रजत पदक विजेता येनी मार्सेला एरियास को कड़ी चुनौती दी, लेकिन आखिर में अनुभव की कमी उनके आड़े आई और उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

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