ओलंपिक में जिस कोच ने भारत को मेडल जिताने में दिया अहम योगदान, उनको किया जा रहा है 'बेघर'
- पेरिस ओलंपिक 2024 से लौटने के कुछ ही घंटों के भीतर नेशनल पिस्टल कोच समरेश जंग को घर से निकाले जाने का खतरा है। उनको नोटिस मिल गया है कि कुछ ही घंटे में उनको अपने घर को खाली करना होगा।
पेरिस ओलंपिक 2024 में जिस कोच ने भारतीय खिलाड़ियों को मेडल जिताने में अहम योगदान दिया, उसे भारत लौटने के कुछ ही घंटों के भीतर एक बड़ी समस्या से गुजरना पड़ा। भारत के नेशनल पिस्टल कोच समरेश जंग उस समय हैरान रह गए जब उन्हें पता चला कि जिस घर में उनका परिवार करीब 75 साल से रह रहा था, वह एक ‘अवैध निर्माण’ है और उनके पास इसे खाली करने के लिए सिर्फ 48 घंटे का समय है। समरेश जंग जब पेरिस से लौटे तो उसके कुछ ही घंटे बाद उनको ये सूचना मिली और वे अवाक रह गए।
राष्ट्रमंडल खेल 2006 और 2010 में सात स्वर्ण, पांच रजत और दो कांस्य पदक जीतने के बाद ‘गोल्डफिंगर’ उपनाम पाने वाले समरेश जंग ने कहा कि उन्हें अपना सामान बांधकर जाने के लिए कम से कम दो महीने चाहिए। इस समस्या से परेशान समरेश जंग ने पीटीआई को बताया, ‘‘यह एक ऐसी संपत्ति थी जिस पर हम पिछले 75 वर्षों से रह रहे थे। 1978 में जमीन और ढांचे को श्री सिंह को पट्टे पर दिया गया था और तब से हम उन्हें किराया दे रहे हैं।’’
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उन्होंने आगे बताया, "एल एंड डीओ (भूमि एवं विकास कार्यालय) ने हमें कल ही नोटिस भेजा है। असल में मुझे पेरिस से घर पहुंचने के एक घंटे बाद ही इस बारे में पता चला।’’ पेरिस में चल रहे ओलंपिक खेलों में पिस्टल निशानेबाजों ने भारत के तीन पदक में से दो पदक जीते हैं, जिसमें मनु भाकर ने व्यक्तिगत स्पर्धा में 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीता है और उन्होंने ही सरबजोत सिंह के साथ मिलकर मिक्स्ड टीम इवेंट में भी कांस्य पदक जीता।
जंग का घर सिविल लाइंस इलाके में है और उन्होंने कहा कि 200 परिवारों को दो दिनों के भीतर घर खाली करने का आदेश दिया गया है। दिल्ली हाई कोर्ट सोमवार को इस मामले की सुनवाई करेगा। जंग ने कहा, ‘‘मैं कानून से ऊपर नहीं हूं और अगर कानून यही कहता है तो मैं घर खाली कर दूंगा, लेकिन दो दिन का नोटिस देना कोई तरीका नहीं है। कम से कम हमें घर खाली करने के लिए कुछ महीने तो दीजिए।’’
उन्होंने पूछा, ‘‘क्या यह कोई आपातकाल या युद्ध की स्थिति है कि हमें एक दिन में घर खाली करना पड़े?’’ इस 54 वर्षीय पूर्व निशानेबाज ने कहा कि दिल्ली में उनके पास दूसरा घर नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘अब मेरे पास जाने के लिए कोई जगह नहीं है। मेरे पास 1000 से ज्यादा किताबों की एक बड़ी लाइब्रेरी है और मेरा भाई घर की तलाश में गया है और हम सब कुछ पैक करने की कोशिश कर रहे हैं।’’
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