चोट का बहाना बना विनेश फोगाट जीत सकती थीं सिल्वर मेडल? जानें इस मामले में क्या कहते हैं नियम
- सोशल मीडिया पर कई लोग यह कहने लगे हैं कि आखिर जब विनेश और भारतीय अधिकारियों को अधिक वजन का पता चल गया था तो उन्होंने भारतीय रेसलर को चोटिल क्यों नहीं घोषित कर दिया, जिससे उन्हें कम-से-कम सिल्वर मेडल तो मिल जाता।
Vinesh Phogat Disqualification: पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए बुधवार का दिन काफी दिल तोड़ने वाला रहा। मंगलवार को तीन मैच जीतकर फाइनल में पहुंचीं भारतीय रेसलर विनेश फोगाट को 100 ग्राम अधिक वजन के चलते ओलंपिक से अयोग्य घोषित कर दिया गया। आखिरी समय तक पेरिस में मौजूद भारतीय टीम से जुड़े अधिकारियों ने कोशिशें कीं, लेकिन विनेश को कोई भी मेडल नहीं मिल सका। सेमीफाइनल मुकाबला जीतकर विनेश ने कम-से-कम सिल्वर मेडल पक्का कर लिया था और सिर्फ फाइनल का मुकाबला ही खेला जाना था। अब जब विनेश को डिस्क्वालिफाई कर दिया गया है, तो सोशल मीडिया पर कई लोग यह कहने लगे हैं कि आखिर जब विनेश और भारतीय अधिकारियों को अधिक वजन का पता चल गया था तो उन्होंने भारतीय रेसलर को चोटिल क्यों नहीं घोषित कर दिया। लोगों ने दावा किया कि इससे विनेश के खाते में कम से कम सिल्वर मेडल तो आ ही जाता। हालांकि, नियमों की मानें तो विनेश ऐसा नहीं कर सकती थीं।
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के आर्टिकल-11 के अनुसार, "यदि कोई एथलीट वजन माप (पहला या दूसरा वजन माप) में शामिल नहीं होता है या फिर विफल हो जाता है, तो उसे प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाएगा और बिना किसी रैंक के अंतिम स्थान पर रखा जाएगा मेडिकल सर्विस इंटरवेंशन में कहा गया है कि अगर कोई एथलीट चोटिल हो जाता है और मुकाबला जारी नहीं रख सकता, तो वह उस मैच को हार जाएगा। संबंधित एथलीट को दूसरे वजन माप में शामिल होने की जरूरत नहीं होगी और उसे चोट लगने तक मिले प्वाइंट्स के आधार पर रैंक किया जाएगा। अगर एथलीट अगले मैच को खेलने के लिए तैयार है और वह चोटिल हो जाता है तो उसे यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) के डॉक्टर से मंजूरी लेनी होगी।
नियम में आगे कहा गया है कि प्रतियोगिता के पहले दिन के बाद या प्रतियोगिता से बाहर होने वाली अन्य सभी प्रकार की चोटों या बीमारियों के लिए एथलीट को दूसरे वजन-माप में शामिल होना होगा, नहीं तो उसे प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाएगा और बिना रैंक के अंतिम स्थान पर रखा जाएगा। यानी कि इस नियम से साफ है कि पहले दिन मैच के बाद या फिर बाहर लगने वाली चोट के लिए एथलीट को दूसरे राउंड के वेट मापने में शामिल ही होना होगा। बता दें कि साल 2017 में ही UWW ने अपने वजन मापने वाले नियम में बदलाव किया था। पहले एथलीट्स का सिर्फ पहले ही दिन वजन मापा जाता था।
'अब इस मामले में कुछ नहीं हो सकता'
उधर, कुश्ती के लिए वैश्विक संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) के प्रमुख नेनाद लालोविक ने कहा है कि विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक से अयोग्य ठहराए जाने के बारे में अब कुछ नहीं किया जा सकता। बुधवार को वजन मापने में विफल रहने के बाद भारतीय पहलवान को अयोग्य घोषित कर दिया गया था। विनेश को महिलाओं की 50 किग्रा कुश्ती में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक मुकाबले में यूएसए की सारा हिल्डेब्रांट से भिड़ना था। वह ओलंपिक फाइनल में प्रतिस्पर्धा करने वाली भारत की पहली महिला पहलवान होतीं, लेकिन 29 वर्षीय पहलवान का वजन स्वीकार्य सीमा से 100 ग्राम अधिक पाया गया, जिससे वह पदक जीतने से वंचित रह गईं। भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) ने फोगाट को अयोग्य ठहराए जाने के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के समक्ष अपील दायर की थी। IOA ने एक बयान में कहा, "रात भर टीम के सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद, आज सुबह उनका वजन 50 किग्रा से कुछ ग्राम अधिक पाया गया।"
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