वर्क फ्रॉम होम व ऑनलाइन क्लासेज से बढ़ी परेशानी
कोरोना काल में लोगों की जीवन शैली बदल गई है। ऑनलाइन क्लॉस एवं वर्क फ्रॉम होम के कारण परेशानी बढ़ रही है। लोग बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। किसी को सिर दर्द तो किसी को माइग्रेन हो रहा है। लगातार एक ही स्थान पर बैठकर कार्य करने से सर्वाइकल स्पांडिलाइटिस की समस्या बढ़ी है। आपके प्रिय अखबार हिन्दुस्तान व सिटी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल द्वारा रविवार को इस मुद्दे पर एक लाइव वेबिनार का आयोजन किया। सिटी हॉस्पिटल के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने लोगों को योगा, व्यायाम, मॉनिंग वॉक, नियमित खान-पान पर जोर दिया।
रविवार को आयोजित वेबिनार की थीम बदलती जीवन शैली से पनपती बीमारियां पर रखी गई। विशेषज्ञ डॉक्टरों ने इस पर चर्चा की और लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का जवाब दिया। स्पांडिलाइटिस को लेकर हुई चर्चा में कहा गया कि नसों पर पड़ने वाले दबाव, खिंचाव, अकड़न और दर्द को कम करने, रीढ़ की हड्डी में होने वाले नुकसान और डी-जनरेशन को रोकने के लिए कई तरह के उपचार हैं, लेकिन इस रोग का सबसे मु×फीद इलाज है जीवन की गतिशीलता को बनाए रखना और नियमित व्यायाम करना। अगर आपको कंप्यूटर पर अधिक देर तक काम करना पड़ता है, तो मॉनीटर सीधा रखें। लगातार बैठे रहने के बजाय थोड़े-थोड़े अंतराल पर उठते रहें। उठकर बॉडी मूवमेंट करें. हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें कुर्सी पर बैठते समय पीठ को सटाकर रखें।
कोरोना ने बदल दी है लोगों की जीवन शैली
लाइव वेबिनार में सिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर एवं फिजिशियन डॉक्टर गौरव भारद्वाज ने बताया कि कोरोना महामारी ने लोगों की जीवन शैली को बदल दिया। कम उम्र के बच्चों को स्पांडिलाइटिस हो रही है। लगातार टीवी, मोबाइल देखना और कंप्यूटर या लैपटॉप पर लम्बी सिटिंग ठीक नहीं है। शरीर एवं गर्दन को आराम चाहिए। अनदेखी से मांस-पेशियों में खिचाव आ रहा है। युवाओं में ब्रेन स्ट्रोक एवं दिमागी परेशानी बढ़ी है। तनाव भी इसका कारण है। सिटी हॉस्पिटल मरीजों को बेहतर सेवाएं दे रहा है। ओपीडी एवं इमरजेंसी व्यवस्था है। पहले उपचार को बाहर जाना पड़ता था लेकिन अब उपचार यहीं संभव है। आधुनिक मशीनें हैं। समय से उपचार शुरू हो जाए तो बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है। वर्क फ्रॉम होम को बंद नहीं कर सकते हैं लेकिन जीवन शैली मे बदलाव लाकर स्वास्थ्य को सही रखा जा सकता है। फिजिकल एक्टिविटी जरूरी है।
कसरत न करने और अनियमित दिनचर्या से बढ़ी परेशानी
पीजीआई आरएमएल में सेवा दे चुके न्यूरो सर्जन डॉक्टर प्रेमपाल भाटी (एमसीएच) ने वेबिनार में बताया कि कोरोना के चलते आज वर्क फ्रॉम होम एवं ऑनलाइन क्लास चलने से अधिकतर समय लैपटॉप या मोबाइल पर देना पड़ रहा है। आंख पर दबाव पड़ता है। इस कारण गर्दन, सिर दर्द, कमर दर्द की शिकायतें बढ़ी हैं। वर्क प्रेशर भी है। कॉरपोरेट्स में प्रेशर अधिक है। फिजिकल एक्टीविटी अधिक न होने से दिमागी, डायबिटीज, वजन बढ़ने की परेशानी बढ़ी है। कार्य के बीच ब्रेक जरूरी है और पलकें झपकनी चाहिए। महिलाओं में माइग्रेन की परेशानी बढ़ रही है। हारमोंस एवं पीरियड समस्या, सही नींद न लेना भी इसका एक कारण है। एक ही इलाज है कि तनावमुक्त रहें। प्रतिदिन योगा, व्यायाम एवं सुबह-शाम टहलें। डायबिटीज के लिए करीब 40 मिनट वर्किंग करें। सही खान-पान लें, परेशानी होने पर चिकित्सकीय परामर्श करें। मेडिकल चेकअप जरूरी है।
लगातार घर पर रहने से बढ़ीं हैं लोगों में समस्या
सिटी हॉस्पिटल में सेवाएं दे रहे फोर्टिस गुरुग्राम के एक्स कंसलटेंट डॉक्टर अभिषेक चौधरी (एमबीबीएस एमडी) ने वेबिनार में कहा कि कोविड के कारण सोशल आइसोलेशन हो गया है। यानि बाहर आना-जाना कम हुआ है। अधिकतर समय अब मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप पर दिया जा रहा है। नींद का सिस्टम बिगड़ गया है। इसका दिमाग पर पड़ता है। स्वस्थ रहने के लिए अच्छी नींद जरूरी है। बैलेंस करना आवश्यक है। लगातार घर पर रहने से मानसिक समस्या भी हो रही है। डिप्रेशन,अकेलापन, एनर्जी कम, ड्रग लेने, बेरोजगारी की समस्या बढ़ रही है। इस कारण आत्महत्या जैसे कदम भी लोग उठा रहे हैं। मनोचिकित्सक से परामर्श जरूरी है। साइको थैरेपी एवं दवा से बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। इसके अलावा परिवार एवं बच्चों को समय दें। चर्चा कर उनकी परेशानी समझें। तभी स्वस्थ रह सकते हैं।
सवाल-जवाब
1-प्रश्न : युवाओं में कमर दर्द, सिर दर्द, सर्वाइकल स्पांडिलाइटिस केस क्यों बढ़ रहे हैं?
जवाब : जीवन शैली बदलने के कारण यह समस्या बढ़ रही है। लगातार लैपटॉप पर कार्य, टीवी, मोबाइल देखना गलत है। बचाव के लिए कार्य के बीच ब्रेक जरूरी है।
2-प्रश्न : सिर दर्द के मरीज क्यों बढ़ रहे हैं ?
जवाब : तनाव की वजह से यह बीमारी बढ़ रही है। युवा भी इसकी चपेट में आने लगे हैं। कोरोना बीमारी भी इसका एक कारण है। दिनचर्या बदलनी होगी। 30 मिनट सुबह एवं 20 मिनट शाम को टहलें। नमक एवं शुगर का सेवन कम करें।
3-प्रश्न : कोराना महामारी की वजह से मरीज बढ़े हैं ?
जवाब : जी हां, कोरोना बीमारी के चलते मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
4-प्रश्न : ब्रेन स्ट्रोक के मरीज कम उम्र में बढ़ने का कारण क्या है?
जवाब : बदलती लाइफ स्टाइल, खानपान, बेरोजगारी के कारण बीपी के मरीज बढ़े हैं।
5-प्रश्न : आजकल डिप्रेशन के मरीज क्यों बढ़ रहे हैं?
जवाब : डिप्रेशन की समस्या तनाव के कारण बढ़ रही है। इसकी अनदेखी सही नहीं है। परिवार के सदस्य एक-दूसरे को समय दें। चिकित्सकीय परामर्श करें।
बरतें सावधानी
’ लगातार सिटिंग न करें। ना ही लगातार लैपटॉप या कंप्यूटर पर कार्य करें। बीच में ब्रेक जरूरी
’ ऑनलाइन क्लास में ही कुछ देर के लिए ब्रेक आवश्यक
’ बिगड़ती दिनचर्या को सही करें। नींद सही लें। फिजिकल एक्टीविटी जरूरी
’ कार्य के साथ परिवार के साथ बिताएं समय, आपस में करें चर्चा
’ तनावमुक्त रहें, व्यायाम, योगा, सुबह-शाम टहलना आवश्यक
खास बातें
’ कोरोना काल में बीमारी से बचाव को जीवन शैली बदलना जरूरी
’ कोविड के कारण हो गया सोशल आइसोलेशन, बढ़ रहीं बीमारियां
’ स्वस्थ रहने के लिए रुटीन चेकअप एवं उपचार जरूरी, लापरवाही न बरतें
’ एक ही स्थान पर बैठकर कार्य करने से सर्वाइकल स्पांडिलाइटिस की समस्या
’ रोजना सुबह और शाम टहलने का दिया सुझाव, नियमित योगा करने से भी बीमारियों से छुटकारा
’ दिनचर्या सही रखने के लिए योगा, व्यायाम, सुबह-शाम टहलें, नमक एवं शुगर कम लें
’ तनाव से युवाओं में ब्रेन स्ट्रोक एवं दिमाग की परेशानी बढ़ी
’ स्वास्थ्य खराब होने पर चिकित्सक से परामर्श लेने की दी सलाह, नियमित मेडिकल चेकअप कराते रहें
देखिये पूरा वेबिनार सेशन