Hindi Newsराजस्थान न्यूज़Working women entitled to 180 days maternity leave Rajasthan High Court

मैटरनिटी लीव को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने दिया बड़ा फैसला, दिए ये निर्देश

  • राजस्थान में सरकारी और ​प्राइवेट संस्थानों में काम करने वाली वर्किंग वुमन के लिए हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा- कोई भी वर्किंग वुमन (कामकाजी महिला) 180 दिन के मातृत्व अवकाश (मैटरनिटी लीव) की हकदार है।

Prem Narayan Meena लाइव हिन्दुस्तानSat, 7 Sep 2024 02:35 AM
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राजस्थान में सरकारी और ​प्राइवेट संस्थानों में काम करने वाली वर्किंग वुमन के लिए हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा- कोई भी वर्किंग वुमन (कामकाजी महिला) 180 दिन के मातृत्व अवकाश (मैटरनिटी लीव) की हकदार है।

अदालत ने रोडवेज में कार्यरत याचिकाकर्ता महिला को 90 दिन के बजाए 180 दिन का मातृत्व अवकाश देने को कहा है। अदालत ने कहा कि यदि समय बीतने के कारण 90 दिनों का बढ़ा हुआ अवकाश देना संभव नहीं हो, तो उसे इस अवधि का अतिरिक्त वेतन मुआवजे के तौर पर दिया जाए। जस्टिस अनूप ढंड की एकलपीठ ने यह आदेश मीनाक्षी चौधरी की याचिका को स्वीकार करते हुए दिए।

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि मातृत्व लाभ केवल संवैधानिक अधिकारों या नियोक्ता व कर्मचारी के बीच समझौते से प्राप्त नहीं होते हैं, बल्कि यह एक महिला की पहचान और उसकी गरिमा का मौलिक पहलू है। अदालत ने कहा कि किसी महिला कर्मचारी को मातृत्व अवकाश देने में सिर्फ इस आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता कि वह आरएसआरटीसी में काम कर रही है। मातृत्व अवकाश को लेकर वर्ष 2017 में संशोधन कर इसे 180 दिन का किया गया है। ऐसे में रोडवेज वर्ष 1965 के विनियम का सहारा लेकर सिर्फ 90 दिन का अवकाश नहीं दे सकता।

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