फेक निकला ‘लव-जिहाद’ का दावा करने वाला वायरल वीडियो, जानें क्या है पूरा मामला
राजस्थान के पाली जिले से वायरल हुआ लव-जिहाद का दावा करने वाला वीडियो फेक निकला। इस 29 सेकंड के वीडियो में पाली जिले के एक गांव का वृद्ध अपनी पगड़ी उतारकर युवती के समक्ष रख रहा है। वृद्ध उस युवती के...
राजस्थान के पाली जिले से वायरल हुआ लव-जिहाद का दावा करने वाला वीडियो फेक निकला। इस 29 सेकंड के वीडियो में पाली जिले के एक गांव का वृद्ध अपनी पगड़ी उतारकर युवती के समक्ष रख रहा है। वृद्ध उस युवती के सामने कभी हाथ जोड़ रहा है तो कभी उसके पैर पकड़ने का प्रयास कर रहा है। वीडियो में वृद्ध के पीछे खड़े अन्य परिजन भी हाथ जोड़कर युवती से घर चलने की मिन्नतें कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो को शादी के वक्त बेटी को मनाते पिता के वीडियो को ‘लव-जिहाद’ का दावा करते हुए गत 3 अक्टूबर को सबसे पहले एक समाज के नाम से बनाए फेसबुक पेज पर जारी किया गया। पुलिस की साइबर विंग की मदद से जब इस वीडियो को चेक किया गया तो चौंकाने वाली बात सामने आई। वीडियो की सत्यता का पता लगाने के बगैर ही फेसबुक पर 6 हजार से ज्यादा यूजर्स ने इसे शेयर कर दिया।
लोगों ने धार्मिक भावना भड़काते हुए कमेंट्स किए। साथ ही यह भी जानकारी दी गई कि इस घटना के बाद युवती के पिता ने सदमे से आत्महत्या कर ली। जबकि पड़ताल में सामने आया कि पाली जिले के सादड़ी के निकट एक गांव की लड़की जब दो साल की थी तो उसके माता-पिता ने उसकी शादी गुलाब नाम के युवक से करवा दी थी। 10वीं तक पढ़ी इस लड़की को पति पसंद नहीं था, लेकिन घरवालों ने 6 माह पहले उसका गौना करवा दिया।
एक साल पहले उसका संपर्क अपने रिश्तेदार लखाराम से हुआ, जिसके बाद दोनों ने शादी करने का फैसला किया और गत 28 अगस्त को युवती अपने ससुराल से लखाराम के साथ चली गई। दोनों ने एक वकील से मिलकर कोर्ट में शादी कर ली। परिजनों ने सादड़ी थाने में मुकदमा दर्ज कराया तो पुलिस उन दोनों को थाने लेकर पहुंची। इस दौरान युवती का पिता व अन्य परिजन थाने पहुंचे और उससे घर चलने की मिन्नतें की। मगर युवती नहीं मानी और गुलाब के साथ चली गई। सादड़ी थाने में युवती व परिजनों के बीच हुई बातचीत का किसी ने वीडियो बना लिया, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया।
पाली के एएसपी ब्रजेश सोनी ने बताया कि घटना का वीडियो वायरल कर सोशल मीडिया पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का काम किया गया है। असलियत में ऐसी कोई बात नहीं है। पुलिस साइबर सेल की मदद से वीडियो वायरल करने वाले आरोपियों का पता लगाने में जुटी है।