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जयपुर के आसमान में दिखेंगे शुक्र, शनि एवं बृहस्पति, दिसंबर में होगा ऐसा चमत्कार

राजस्थान की राजधानी जयपुर से आसमान में कुछ खास चमत्कार होने वाला है। इस दौरान शुक्र, शनि और बृहस्पति को एक साथ देखा जा सकता है। वहीं दिसंबर के आखिरी सप्ताह में बुध भी इनके साथ शामिल हो जाएगा, जबकि...

जयपुर के आसमान में दिखेंगे शुक्र, शनि एवं बृहस्पति, दिसंबर में होगा ऐसा चमत्कार
वार्ता,जयपुरTue, 30 Nov 2021 04:53 PM

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राजस्थान की राजधानी जयपुर से आसमान में कुछ खास चमत्कार होने वाला है। इस दौरान शुक्र, शनि और बृहस्पति को एक साथ देखा जा सकता है। वहीं दिसंबर के आखिरी सप्ताह में बुध भी इनके साथ शामिल हो जाएगा, जबकि मंगल भोर में दिखेगा। बीएम बिड़ला तारामंडल के सहायक निदेशक संदीप भट्टाचार्य ने जयपुर शहर से दिसंबर महीने में आकाशीय स्थिति के बारे में जानकारी दी।  

शुक्र बना है आकर्षण
संदीप भट्टाचार्य ने बताया कि सबसे चमकदार ग्रह शुक्र पश्चिमी क्षितिज पर पिछले कई महीनों से आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। अब यह दिनोदिन क्षितिज पर नीचे सरक रहा है। फिर भी पूरे महीने सूर्यास्त के ठीक बाद अपनी चमक-दमक बनाए रखेगा। पश्चिमी क्षितिज से अलविदा को तैयार दैत्यगुरु शुक्र 19 दिसंबर से वक्री होगा। सबसे विशाल ग्रहराज बृहस्पति को अंधेरा घिरते ही दक्षिणी क्षितिज से लगभग 50 डिग्री ऊपर देखना आसान है। जैसे-जैसे रात बीतेगी यह पश्चिम और पश्चिम में नजर आएगा। एक छोटी दूरबीन से इसके चार चंद्रमा भी दिख जाते हैं। शनि संध्याकाल में दो चमकदार ग्रह शुक्र एवं बृहस्पति के बीच में एक चमकदार तारे जैसा पिण्ड की तरह नजर आएगा। दूरबीन से शनि के सुंदर वलय भी नजर आ  जाते हैं। अंधेरा होते ही सबसे पश्चिम में शुक्र उसके ऊपर शनि और सबसे पूर्व में बृहस्पति इन तीन ग्रहों को एक साथ देखा जा सकता है। 

ऐसे कर सकते हैं पहचान
मंगल भोर में पूर्वी क्षितिज पर दिनोदिन अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है तारों के झिलमिलाहट खत्म होने के पहले पूर्वी क्षितिज पर लगभग 12-15 डिग्री ऊपर उसे पहचाना जा सकता है। लाल ग्रह की चमक एवं ऊंचाई दोनों धीरे धीरे बढ़ रही  है। सुबह सवेरे गुलाब रंगत में इसे पहचाना जा सकता है। सबसे छोटा चंचल बुध 20 दिसंबर से सूर्यास्त के समय पश्चिमी क्षितिज पर अपनी जगह बना रहा है। दरअसल बुध को देखना कठिन होता है, क्योंकि यह सूर्य से ज्यादा दूर नहीं जा पाता। माह के आखिरी हफ्ते में चमकदार शुक्र के नीचे दक्षिण में इसे पहचानने का प्रयास सफल हो सकता है। 29 दिसंबर को यह शुक्र से जरा दक्षिण में दिख जायेगा। 

दूरबीन से दिखेगी स्पष्ट छवि
उन्होंने बताया कि एक छोटी दूरबीन से ग्रहों की छवि और स्पष्ट नजर आती है। एक बार ग्रह को पहचान कर उस पर हफ्तों या फिर महीनों नजर रखी जा सकती है। चंद्रमा तीन एवं 31 दिसम्बर को मंगल को अपनी ओट में ले लेगा। एक माह में एक ही ग्रह का दो बार आच्छादन एक दुर्लभ घटना है। चंद्रमा सात दिसंबर को शुक्र, आठ को शनि एवं नौ दिसंबर को बृहस्पति ग्रह के आस पास रहेगा। सूर्य 21 दिसंबर को उत्तरायण हो रहा है। अत: उत्तरी गोलार्द्ध में उसी दिन सबसे छोटा दिन एवं सबसे लंबी रात होगी। 21 दिसंबर को दोपहर बारह बजे दक्षिणी क्षितिज से सूर्य की ऊर्चा नीची होगी। 

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