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Hindi Newsराजस्थान न्यूज़The process of issuing lease in Rajasthan will be online and the applicant will get the lease in 30 days

30 दिन में आवेदक को मिलेगा पट्टा, प्रक्रिया होगी ऑनलाइन; मंत्री झाबर सिंह खर्रा का ऐलान

राजस्थान में पट्टा जारी करने की प्रक्रिया अब ऑनलाइन होगी। आवेदक को 30 दिन में ही पट्टा मिल जाएगा। शहरी विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने सदन में यह जानाकरी दी। इससे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।

Prem Narayan Meena लाइव हिंदुस्तान, जयपुरSat, 27 July 2024 09:06 AM
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राजस्थान में पट्टा जारी करने की प्रक्रिया अब ऑनलाइन होगी। आवेदक को 30 दिन में ही पट्टा मिल जाएगा। शहरी विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने प्रदेशवासियों को जमीन का पट्टा लेने के लिए बड़ी राहत देते हुए विधानसभा में ये ऐलान किया। इसके साथ ही सफाई कर्मचारियों की भर्ती को पारदर्शी बनाने के लिए सकारात्मक सुझाव को शामिल करने की भी बात कही। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने शुक्रवार को विधानसभा में नगरीय विकास एवं आवासन विभाग और स्वायत्त शासन विभाग की अनुदान मांग पर हुई बहस का जवाब दिया। उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों के सुझावों को शामिल करते हुए पट्टा जारी करने की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर पूर्ण पारदर्शी बनानी की बात कही, साथ ही कहा कि पट्टे के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जिसमें संबंधित निकाय आवेदन के 30 दिन के अंदर आवेदक को पट्टा जारी करेगा या निरस्त करेगा।

यूडीएच मंत्री ने कहा कि आवेदन में कोई कमी-खामी होने पर नगरीय निकाय एक सप्ताह की अवधि में उसकी जानकारी आवेदक को देगा. पट्टा निरस्त होने की स्थिति में आवेदक प्रशासनिक अधिकारियों की समिति के समक्ष दोबारा आवेदन कर सकेगा। यदि गलत तरीके से पट्टा निरस्त करना पाया जाता है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।

भूमि मुआवजे की कमियों में सुधार होगा

खर्रा ने कहा कि जमीन मुआवजे के संबंध में बीती 12 जुलाई को आदेश जारी कर पूर्व के आदेशों की खामियों को दूर किया गया है। एक ही जोन में डीएलसी दर अलग-अलग हो सकती है, लेकिन आरक्षित दर एक ही होती है। नए आदेश में समतुल्यता लाते हुए मुआवजे का आधार डीएलसी दर को रखा गया है, जिससे अब कोई भी मुआवजे का नाजायज फायदा नहीं उठा सकेगा। खर्रा ने सफाईकर्मी भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने पर जोर देते हुए कहा कि पूर्व में सफाईकर्मी भर्ती में नगरीय निकायों में दो वर्ष कार्य अनुभव का प्रावधान था। इसे बाद में एक वर्ष कर दिया गया। इसके बाद निजी संस्थाओं के अनुभव को भी इसमें शामिल कर लिया गया, जिससे ये प्रक्रिया दूषित हो गई।

अब सभी के सकारात्मक सुझावों को शामिल कर सफाईकर्मी भर्ती को पूरी तरह पारदर्शी बनाया जाएगा।उन्होंने कहा कि यदि विभाग से सम्बन्धित नियम-कानूनों में कोई खामी है तो उन्हें संशोधन कर दुरूस्त किया जाएगा। उन्होंने नगरीय निकायों की टाउनशिप पॉलिसी को बदलकर इन्हें और बेहतर बनाने की बात कहते हुए कहा कि जमीन अधिग्रहण के मामलों में ये सुनिश्चित किया जाएगा कि अंतिम रूप से जमीन जिसके नाम थी, उसे मुआवजा मिले।

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