ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News राजस्थानविधायकों ने मर्जी से नहीं दिया था इस्तीफा, स्पीकर के जवाब से गहलोत पर सवाल

विधायकों ने मर्जी से नहीं दिया था इस्तीफा, स्पीकर के जवाब से गहलोत पर सवाल

राजस्थान विधानसभा सचिवालय ने सोमवार को राजस्थान हाई कोर्ट को बताया कि कांग्रेस विधायकों ने  'स्वेच्छा' से इस्तीफा नहीं दिया था और उन्होंने व्यक्तिगत रूप से स्पीकर सीपी जोशी से इस्तीफा वापस मांगा था।

विधायकों ने मर्जी से नहीं दिया था इस्तीफा, स्पीकर के जवाब से गहलोत पर सवाल
Sudhir Jhaसचिन सैनी,जयपुरMon, 30 Jan 2023 07:02 PM

इस खबर को सुनें

0:00
/
ऐप पर पढ़ें

राजस्थान विधानसभा सचिवालय ने सोमवार को राजस्थान हाई कोर्ट को बताया कि कांग्रेस विधायकों ने 
'स्वेच्छा' से इस्तीफा नहीं दिया था और उन्होंने व्यक्तिगत रूप से स्पीकर सीपी जोशी से इस्तीफा वापस लेने की गुजारिश की थी। कोर्ट के सामने स्पीकर के फैसले को रखते हुए विधानसभा सचिवालय ने कहा, 'विधायकों ने व्यक्तिगत रूप से अपना इस्तीफा वापस लेने की गुजारिश करते हुए साफ कहा था कि उन्होंने स्वेच्छा से इस्तीफा नहीं दिया था।' 

सचिव ने कहा कि विधायकों ने स्वेच्छा से अपना इस्तीफा वापस ले लिया और इस्तीफों को स्वीकार किए जाने की याचिका को जल्दबाजी करार दिया, क्योंकि स्पीकर ने इस पर फैसला नहीं लिया था। सचिन पायलट को विधायक दल का नेता घोषित किए जाने से रोकने के लिए 25 सितंबर 2022 को कांग्रेस के 91 विधायकों ने शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल के घर पर इस्तीफों पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद बसों में भरकर ये विधायक स्पीकर से मिले थे।

अशोक गहलोत के कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की संभावना के बीच बुलाई गई बैठक को सत्ता परिवर्तन की आहट मानते हुए मुख्यमंत्री के करीबी विधायकों ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया था। इसे कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ विद्रोह के रूप में देखा गया। इसके बाद, विपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ कोर्ट ने याचिका दायर करके स्पीकर की ओर से फैसला नहीं लिए जाने पर सवाल उठाए थे।  

खुद दलीलें रखने वाले राठौड़ ने कहा, 'यह पांचवीं बार है जब मुद्दा हाई कोर्ट बेंच के सामने था। स्पीकर की ओर से दिए गए 90 पेज के जवाब में सनसनीखेज बात सामने आई है कि विधायकों ने अपनी मर्जी से इस्तीफा नहीं दिया था। इसका मतलब है कि यह दबाव में किया गया था।' उन्होंने कहा कि जवाब में उन पांच विधायकों का भी जिक्र है जो सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के दोनों खेमों को खुश रखने की कोशिश कर रहे थे, उन्होंने इस्तीफे की फोटो कॉपी दी थी, वास्तविक कॉपी नहीं। उन्होंने बताया कि आखिरी सुनवाई 13 फरवरी को होगा।

विधानसभा सचिव के द्वारा जो जवाब दिया गया उसमें यह भी कहा गया था कि मुख्य संचेतक महेश जोशी, उप सचेतक महेंद्र चौधरी, निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा, मंत्री शांति धारीवाल और राम लाल जाट तथा विधायक रफीक खान ने संयुक्त रूप से 81 विधायकों का इस्तीफा सौंपा था। इन 81 इस्तीफों में, विधायक अमित चचान, गोपाल लाल मीणा, चेतन सिंह चौधरी, दानिश अबरार और सुरेश तक के इस्तीफे की कॉपी ऑरिजनल नहीं थी बल्कि वह फोटो कॉपी थी। 

राज्य विधानसभा के नियम के मुताबिक, इस्तीफा तब तक मंजूर नहीं किया जा सकता है जब तक कि ये इस्तीफे सही नहीं पाए जाते हैं। सभी विधायकों ने खुद आकर इस्तीफा नहीं दिया था बल्कि छह विधायकों ने संयुक्त रूप से उनके इस्तीफे से जुड़ा पत्र दिया था और पांच ने फोटो कॉपी सब्मिट की थी। इसलिए इस्तीफों को लेकर पूरी संतुष्टि के बाद ही फैसला लिया जा सकता था। यही वजह है कि किसी की भी विधानसभा सदस्यता खत्म नहीं की गई थी। 
 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें