ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News राजस्थानमुंबई में बच्चों के यौन उत्पीड़न का मामला: रेस्क्यू कर लाए बच्चों को उनके परिजनों को सौंपा, मां-बाप ने पढ़ने भेजा था पर वो जुल्म सहते रहे

मुंबई में बच्चों के यौन उत्पीड़न का मामला: रेस्क्यू कर लाए बच्चों को उनके परिजनों को सौंपा, मां-बाप ने पढ़ने भेजा था पर वो जुल्म सहते रहे

उदयपुर बाल कलयाण समिति के अध्यक्ष ध्रुव कविया ने बताया कि नवी मुंबई पुलिस आठ बच्चों को लेकर उदयपुर आई है। काउंसलिंंग के बाद इन बच्चों को परिजनों को सौंप दिया गया है।

मुंबई में बच्चों के यौन उत्पीड़न का मामला:  रेस्क्यू कर लाए बच्चों को उनके परिजनों को सौंपा, मां-बाप ने पढ़ने भेजा था पर वो जुल्म सहते रहे
Swati Kumariलाइव हिंदुस्तान,उदयपुरThu, 29 Sep 2022 03:09 PM

इस खबर को सुनें

0:00
/
ऐप पर पढ़ें

नवी मुंबई के सीवूड्स इलाके में स्थित एक चर्च में संचालित आश्रम से छुड़ाए गए आठ बच्चों को उदयपुर में उनके परिजनों को सौंप दिया गया। इन बच्चों को उनके माता पिता ने पढ़ने के लिए मुंबई भेजा था। बाल कल्याण समिति की ओर से यह इन्वेस्टिगेशन किया जा रहा है कि इन बच्चों को यहां से कौन ले गया था और मुंबई भेजने के लिए उन्हें किसने मोटिवेट किया था।

उदयपुर बाल कलयाण समिति के अध्यक्ष ध्रुव कविया ने बताया कि नवी मुंबई पुलिस आठ बच्चों को लेकर उदयपुर आई है। काउंसलिंंग के बाद इन बच्चों को परिजनों को सौंप दिया गया है। बच्चों ने बाल कल्याण समिति के सदस्यों को बताया कि उनके माता पिता की सहमति से ही वे मुंबई पढ़ाई करने के लिए गए थे। चार महीने पहले इन बच्चों को वहां ले जाया गया। वहां न तो उन्हें स्कूल में एडमिशन कराया गया बल्कि उन पर जुल्म किए गए।

यौन उत्पीड़न की बात किसी भी बच्चे नहीं बताई है। कविया ने बताया कि हमने एक वकील और टीम के सदस्यों को लगाया है जो इन्वेस्टिगेट कर रहे हैं कि बच्चों को कौन यहां से लेकर गया था और ऐसा करने के लिए उन्हें किसने मोटिवेट किया था।इनमें एक लड़का और 7 लड़कियां हैं। इनमी उम्र 5 साल से 13 साल की है।

सूत्रों के मुताबिक गत दिनों नवीं मुंबई में सीवूड्स स्थित बेथेल इंजील पेंटेकोस्टल आश्रम में बच्चों के यौन उत्पीड़न की शिकायत मिली थी। इसके बाद ठाणे जिले की बाल कल्याण समिति ने महिला एवं बाल विकास विभाग को साथ लिया। विभाग की सुवर्णा जाधव और जिला बाल संरक्षण इकाई की अधिवक्ता पल्लवी जाधव ने आश्रम में छापेमारी की।

यहां तीन से 18 साल के 45 बच्चों को बचाया गया। चर्च के पादरी राजकुमार व अन्य लोगों के खिलाफ बच्चों की सुरक्षा के लिए बनाए गए कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है।

इन बच्चों को राजस्थान, उड़ीसा और तमिलनाडु के अंदरूनी इलाकों से लाए गए थे। बचाए गए बच्चों ने इन अिधकारियों को बताया कि इन बच्चों को बहुत ही खराब स्थिति में रखा गया था। खाना भी कम देते थे और काम ज्यादा करवाते थे। कई बार बच्चों को पीटा भी गया हैं। पुलिस इस मामले में अभी अनुसंधान कर रही है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें