राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर सचिन पायलट का शक्ति प्रदर्शन, एक दर्जन विधायकों ने दिखाई वफादारी; पढ़िये ये रिपोर्ट
राजस्थान में किसान नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट की पुण्यतिथि शनिवार को प्रेरणा दिवस के रूप में मनाई गई। इस मौके पर एक दर्जन विधायकों ने सचिन पायलट के प्रति वफादारी दिखाई।
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राजस्थान में किसान नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट की पुण्यतिथि शनिवार को प्रेरणा दिवस के रूप में मनाई गई। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने जयपुर रोड़ स्थित जीरोता व भड़ाना में पायलट स्मारक पहुंचकर पुष्पाजंलि अर्पित की। कार्यक्रम में सचिन पायलट समर्थक विधायकों ने शामिल होकर एक बार एकजुटता का परिचय दिया। राजेश पायलट को श्रद्धाजंलि देने वालों में मंत्री ममता भूपेश, परसादी लाल मीना, विधायक जीआर खटाना, दानिश अबरार, दीपेंद्र सिंह शेखावत, मुकेश भाकर,हरीश मीना, इंद्राज गुर्जर, इंद्रा मीना, सुरेश मोदी ,रामनिवास गावड़िया और प्रशांत बैरवा शामिल थे। ये सभी जनप्रतिनिधि पुष्पाजंलि अर्पित करने के लिए दौसा पहुंचे। हालांकि, इनमें से महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश और स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीना गहलोत समर्थक माने जाते हैं। दोनों मंत्रियों को राजस्थान की राजनीति में स्थापित करने में राजेश पायलट का बड़ा योगदान रहा है।
सचिन पायलट ने श्रद्धासुमन अर्पित किए
सचिन पायलट ने ट्वीट कर लिखा- आज मेरे पिता स्वर्गीय राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर दौसा में उनके समाधि स्थल पर पहुंचकर श्रद्धासुमन अर्पित किए। अपने जीवन में आम व्यक्ति और जमीनी कार्यकर्ता से सीधा और आत्मीय जुड़ाव रखकर, स्वच्छ राजनीति की राह उन्होंने हमें दिखाई। उसी रास्ते पर चलना मेरे जीवन का लक्ष्य रहेगा। उल्लेखनीय है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट दौसा से ही चुनाव जीतकर केंद्रीय बने थे। राजेश पायलट दौसा जिले से कई बार सांसद चुने गए थे।
पायलट को सीएम बनाने की उठी मांग
शुक्रवार को करौली जिले के श्रीमहावीर में हुई जनसभा को संबोधित करते हुए चाकसू से कांग्रेस विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने इशारों-इशारों में सीएम अशोक गहलोत पर जमकर निशाना साधा था। पायलट समर्थक विधायक ने सोलंकी ने कहा कि हम कांग्रेस के हितैषी हैं। कांग्रेस की सरकार दोबारा कैसे बने यह सब जानते हैं। उन्होंने नारा दिया- "पायलट को लाओ और राजस्थान बचाओ"। मतलब साफ है कि राजस्थान में राज्यसभा चुनाव में भले ही कांग्रेस को सभी विधायकों ने वोट दिया हो लेकिन अभी प्रदेश में गहलोत पायलट के बीच कुर्सी का संघर्ष जारी रहेगा।