राहुल गांधी की हिदायत का असर? गद्दार विवाद के बाद पहली बार अशोक गहलोत-सचिन पायलट दिखे साथ
क्या राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच छिड़ा विवाद शांत हो चुका है? या फिर एक दिन पहले राहुल गांधी द्वारा दोनों को पार्टी के लिए धरोहर बताने का असर है? मंगलवार को यह सवाल फिर से उठा।

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क्या राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच छिड़ा विवाद शांत हो चुका है? या फिर एक दिन पहले राहुल गांधी द्वारा दोनों को पार्टी के लिए धरोहर बताने का असर है? मंगलवार को यह सवाल सियासी गलियारों में एक बार फिर तैर उठा। वजह, पायलट और गहलोत की वह तस्वीर जिसमें दोनों एक साथ खड़े नजर आ रहे हैं। गौरतलब है कि अशोक गहलोत द्वारा सचिन पायलट को हाल ही में गद्दार कहा गया था। इसके बाद काफी ज्यादा बवाल मचा था। इस विवाद के बाद दोनों नेता पब्लिकली पहली बार एक साथ नजर आए हैं। इसके अलावा एक अन्य वीडियो भी सामने आया है, जिसमें सचिन पायलट अपने सीएम को नमस्कार कर रहे हैं। सचिन पायलट और अशोक गहलोत ने एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया।
राहुल संदेश देने में कामयाब
सोमवार को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने पायलट और गहलोत को पार्टी की धरोहर बताया था। माना जा रहा था कि राहुल गांधी का यह बयान दोनों ही नेताओं के लिए एक समझाइश थी। इसके ठीक अगले दिन जिस अंदाज में अशोक गहलोत और सचिन पायलट सामने आए हैं, उससे यह पता चलता है कि राहुल गांधी संदेश देने में कामयाब रहे हैं। संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी यह बात स्वीकार की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जी ने कहा कि दोनों सम्मानित नेता हैं, अशोक गहलोत और सचिन पायलट संपत्ति हैं। इसके बाद गहलोत ने कहा कि हमारी पार्टी की खासियत रही है कि जब नेता का संदेश आता है तो ऊपर और नीचे के सभी नेता साथ मिलकर काम करते हैं।
गहलोत ने कही थी यह बात
गौरतलब है कि सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच रिश्ते लंबे अरसे से ठीक नहीं हैं। हाल ही में राजस्थान के मुख्यमंत्री द्वारा दिए एक बयान ने इसमें और ज्यादा खटास पैदा कर दी। अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को गद्दार बता दिया था। उन्होंने कहा था कि पायलट ने कांग्रेस से बगावत की थी, इसलिए उन्हें सीएम नहीं बनाया जाना चाहिए। गहलोत और पायलट के बीच चल रही इस अदावत से कांग्रेस भी अनजान नहीं थी। यही वजह है कि कभी चेतावनी तो कभी सलाह के रूप में दोनों को समझाने की कोशिशें की जाती रहीं। गहलोत-पायलट विवाद पर जयराम रमेश ने कहा था कि संगठन से बड़ा कोई नहीं है और अगर जरूरत पड़ी तो कड़ा से कड़ा कदम उठाया जाएगा।
राजस्थान में यादगार होगी यात्रा
संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री गुजरात में जिस प्रकार घूम रहे हैं,इस प्रकार से यात्राएं वहां क्यों हो रही हैं? आप समझ सकते हैं कि इतने घबराए हुए और बौखलाए हुए हैं क्योंकि राहुल गांधी की यात्रा का संदेश इतना शानदार है। उन्होंने आगे कहा कि लेकिन देश के अंदर जो माहौल बना है वो माहौल देश में जो चुनौती, तनाव और हिंसा का माहौल है इसे लेकर जो मुद्दा राहुल जी ने पकड़ा है उसे पूरे देश ने स्वीकार किया है। वहीं सचिन पायलट ने कहा कि राहुल गांधी की राजस्थान में होने वाली भारत जोड़ो यात्रा काफी यादगार रहेगी, यह एक ऐतिहासिक यात्रा होगी, हर वर्ग के लोग इस यात्रा से जुड़ेंगे। कार्यकर्ता और नेता भी इस यात्रा से जुड़ेंगे।