चना-सरसों खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन 20 मार्च से होंगे शुरू, गहलोत सरकार ने की तैयारी
राजस्थान में चना और सरसों खरीद 1 अप्रैल से शुरू होनी है। पहले इसके लिए रजिस्ट्रेशन 25 अप्रैल से शुरू होने थे। इसमें सरकार ने बदलाव कर दिया है। अब यह रजिस्ट्रेशन सोमवार से प्रारंभ होंगे।

राजस्थान में गहलोत सरकार ने चना और सरसों खरीद के आदेश प्रदेश सरकार ने जारी कर दिए है। इसके तहत खरीद 1 अप्रैल से शुरू होनी है। पहले इसके लिए रजिस्ट्रेशन 25 अप्रैल से शुरू होने थे। इसमें सरकार ने बदलाव कर दिया है। अब यह रजिस्ट्रेशन सोमवार से प्रारंभ होंगे। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चना और सरसों खरीद के आदेश राज्य सरकार ने जारी कर दिए हैं. इसके तहत खरीद 1 अप्रैल से शुरू होनी है। इसके पहले रजिस्ट्रेशन यहां पर 25 अप्रैल से होने से होने थे। राजफैड ने इसे बदलकर 20 अप्रैल सोमवार से शुरू करवा रहा है। इसके आदेश राजफेड ने जारी कर दिए हैं।
ई-मित्र के जरिए किसान करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन
राजफेड के अधिकारियों के अनुसार ई-मित्र के जरिए किसान अपना रजिस्ट्रेशन खरीद केंद्रों पर चना और सरसों बेचने के लिए करा सकते हैं। इसके लिए किसान को जनाधार, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, पंजीयन फॉर्म में गिरदावरी और गिरदावरी के जरिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा। हाड़ौती संभाग में 52 केंद्रों पर खरीदनी है। जिनमें बारां जिले में 17, बूंदी जिले में 7, झालावाड़ में 19 और कोटा जिले में 9 केंद्र है। किसानों का पहले आधार से वेरिफिकेशन किया जाएगा। इसके बाद खरीद शुरू होगी. इसके लिए बायोमेट्रिक मशीन के जरिए किसानों का वेरिफिकेशन फसल खरीद के समय होगा। इस दौरान किसान का फोटो भी खींचा जाएगा. किसानों को हिदायत दी गई है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पंजीयन कराते समय जन आधार कार्ड में अंकित बैंक खाते से पासबुक का मिलान कर लें। खाता संख्या या आईएफएससी कोड गलत होने पर, जनाधार में संशोधन तुरंत करवाएं। ऐसा नहीं होने पर इन किसानों का भुगतान अटक सकता है. बाद में भुगतान में असुविधा का सामना करना पड़ सकता है।
बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन नहीं होने पर ओटीपी से रजिस्ट्रेशन
अधिकारियों के अनुसार मोबाइल नंबर पर एक ही रजिस्ट्रेशन का नियम रखा गया है। इसके साथ ही आधार कार्ड में मोबाइल नंबर लिंक होना जरूरी है. उसी में ओटीपी के जरिए पंजीयन हो सकेगा। जिन किसानों का बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन नहीं हो सकेगा, उनके लिए आधार में दिए गए मोबाइल नंबर के जरिए रजिस्ट्रेशन होगा, जिस पर ही ओटीपी आएगा। खरीद के पंजीयन के लिए बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन को ही मान्यता दी गई है. हालांकि अंगूठे का फिंगरप्रिंट नहीं आने पर ही ओटीपी के जरिये रजिस्ट्रेशन करना है. जानबूझकर किसानों के ओटीपी के जरिए रजिस्ट्रेशन किए गए हैं। पंजीयन करवाने के लिए 31 रुपए का शुल्क तय किया गया है, जिसे किसान को जमा करवाना होगा। यह बैंक पासबुक में भी दर्ज करवानी होगी।