RAS Mains Exam: किरोड़ी लाल के बाद विनोद जाखड़ मिलने पहुंचे, बढ़ेगा CM दर्द
राजस्थान में RAS Manis Exam के अभ्यर्थियों का धरना जारी है। बड़ी संख्या में छात्र जयपुर में राजस्थान यूनिवर्सिटी के बाहर आंदोलन कर रहे हैं। शनिवार को किरोड़ी लाल और विनोद जाखड़ मिलने पहुंचे।
राजस्थान में RAS Manis Exam के अभ्यर्थियों का धरना जारी है। बड़ी संख्या में छात्र जयपुर में राजस्थान यूनिवर्सिटी के बाहर आंदोलन करते हुए प्रदेश की सबसे बड़ी प्रतियोगी परीक्षा स्थगित करने की मांग कर रहे हैं। अभ्यर्थियों से मिलने राजस्थान सरकार के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा पहुंचे।मंत्री मीणा शनिवार शाम राजस्थान यूनिर्वसिटी के पास धरना दे रहे अभ्यर्थियों से मिले. उन्होंने छात्रों से बातचीत भी की। एनएसयूआई के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष विनोद जाखड़ ने भी अभ्यर्थियों के समर्थन किया है। मिलने पहुंचे।इससे मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने धरना दे रहे छात्रों को समझाया। इस दौरान एक महिला अभ्यर्थी ने अपना विरोध जताते हुए कहा कि बाबा सबसे बड़ी दिक्कत है कि हमारी बात तो सुने। सरकार हमारी बात तक नहीं सुन रही है। हमें इसकी तकलीफ है। इस दौरान एक दूसरे अभ्यर्थी ने कहा कि आरपीएससी के लिए पहले 11 महीने तैयारी का समय मिलता था। फिर 5 महीने और अब न महीने। तीन महीनों में तैयारी कैसे होगी।
विनोद जाख़ड़ ने साधा निशाना
लोकसभा चुनाव में बीजेपी का असली चेहरा युवाओं के सामने लाएंगे, क्योंकि हाथी के दांत खाने के और व दिखाने के कुछ और होते है। राम के नाम पर वोट बैंक की राजनीति नहीं होनी चाहिए। ये कहना है राजस्थान के नवनियुक्त एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष विनोद जाखड़ का. शनिवार को पूरे दलबल के साथ विनोद जाखड़ राजस्थान विश्वविद्यालय पहुंचे। यहां भूख हड़ताल पर बैठे आरपीएससी के छात्रों को उन्होंने समर्थन भी दिया। साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव तक एनएसयूआई की आइडियोलॉजी युवाओं तक पहुंचाने के लिए उन्होंने 'कैंपस जोड़ो अभियान' चलाने की बात कही।
उल्लेखनीय है कि झोटवाड़ा विधानसभा सीट से एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी के चुनाव लड़ने के चलते खाली हुई अध्यक्ष पद की सीट पर विनोद जाखड़ को बैठाया गया। राजस्थान विश्वविद्यालय में 2018 में छात्र संघ अध्यक्ष रहे विनोद जाखड़ एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद शनिवार को पहली बार यूनिवर्सिटी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि एनएसयूआई का मुख्य काम छात्रों और युवाओं के बीच रहते हुए उनके मुद्दों को आइडेंटिफाई कर, उनकी आवाज उठाने का है। इसके लिए एनएसयूआई एक मेनिफेस्टो तैयार करेगी, फिर उनके मुद्दों और मांगों को मनवाने का काम करेगी।