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राजस्थान: 3 लाख किसानों को होगा फायदा, 6000 करोड़ की कर्जमाफी के लिए यह है सरकार की योजना

सहकारी क्षेत्र में किसानों का 14 हजार करोड़ का कर्ज माफ करने के बाद अब राजस्थान सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्ज से दबे किसानों को राहत देने की तैयारी में है। इसके तहत सरकार ने बैंकों को...

Deepak सचिन सैनी, जयपुरMon, 3 Jan 2022 12:53 PM
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सहकारी क्षेत्र में किसानों का 14 हजार करोड़ का कर्ज माफ करने के बाद अब राजस्थान सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्ज से दबे किसानों को राहत देने की तैयारी में है। इसके तहत सरकार ने बैंकों को प्रस्ताव दिया दिया है कि वह किसानों के लिए एकमुश्त समाधान जैसी योजना लाएं। हाल ही में राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी की बैठक और नाबार्ड के राज्य स्तरीय कर्ज सेमिनार के बाद मुख्यमंत्री ने यह प्रस्ताव भेजा है। 

सहकारी में किया वादा पूरा
इस मामले की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बैंकों ने तीन लाख किसानों के 6000 करोड़ से ज्यादा के कर्ज को एनपीए घोषित कर दिया है। अब राज्य सरकार ने बैंकों से एकमुश्त समाधान योजना लाने के लिए कहा है। ऐसी योजना स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अन्य राज्यों में ला चुकी है। इस योजना के तहत किसानों के कर्ज का 90 फीसदी बैंक माफ करेंगे। वहीं बाकी 10 फीसदी किसानों की तरफ से सरकार चुकाएगी। इसी तर्ज पर अन्य बैंक भी गरीब किसानों को राहत प्रदान करेंगे।

बैंकों से बातचीत जारी
गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार किसानों के कर्जमाफी के बारे में पहले ही घोषणा कर चुकी है। इसके तहत किसानों पर सहकारी बैंक का पूरा कर्ज और राष्ट्रीयकृत बैंकों का दो लाख रुपए तक का कर्ज माफ किया जाना था। सहकारी बैंकों का कर्ज माफ किया जा चुका है और राष्ट्रीयकृत बैंकों का कर्ज माफ किया जाना बाकी है। पत्रकारों से बात करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहाकि राष्ट्रीय बैंकों से बातचीत जारी है। हमने उनसे कहा है कि अगर उद्योगपतियों के ऋण माफ किए जा सकते हैं तो किसानों के क्यों नहीं। उन्होंने कहाकि राज्य सरकार किसानों के हिस्से का दस फीसदी चुकाएगी। वहीं बैंकों को बाकी 90 फीसदी चुकाना होगा। राज्य सरकार और बैंकों का उद्देश्य किसानों को राहत पहुंचाना है।

2023 विस चुनाव पर निशाना
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहाकि राज्य में कांग्रेस सरकार बनते ही सहकारी बैंकों के 14000 करोड़ रुपए चुका दिए गए थे। इसमें पूर्व सरकार का 6000 हजार करोड़ का लोन भी था। वहीं राजनीतिक विश्लेषक मनीष गोढ़ा का कहना है कि अगर बैंक यह प्रस्ताव स्वीकार कर लेते हैं तो राजस्थान के तीन लाख किसानों को इसका फायदा मिलेगा। उन्होंने कहाकि या तो सरकार अपने वादे के मुताबिक हर किसान को दो लाख रुपए की सहायता दे या फिर 10 फीसदी एनपीए को खत्म करे। उन्होंने कहाकि ऐसा सुनने में आ रहा है कि राज्य सरकार की योजना 10 फीसदी एनपीए चुकाने की है। राज्य में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इस फैसले का फायदा कांग्रेस चुनाव के दौरान उठाएगी।

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