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कन्हैयालाल के हत्यारों से भाजपा का कनेक्शन; मोदी पर गहलोत ने यूं किया पलटवार; किसे बताया जिम्मेदार ?

CM गहलोत ने कहा," कन्हैयालाल के हत्यारों का कनेक्शन भाजपा से है। घटना के कुछ दिन पहले, इन आरोपियों को किसी अन्य मामले में गिरफ्तार किया था तब भाजपा नेता उन्हें छुड़ाने के लिए पुलिस स्टेशन गए थे।"

कन्हैयालाल के हत्यारों से भाजपा का कनेक्शन; मोदी पर गहलोत ने यूं किया पलटवार; किसे बताया जिम्मेदार ?
Abhishek Mishraलाइव हिन्दुस्तान,जोधपुर `Mon, 13 Nov 2023 08:38 AM
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Rajasthan Election: राजस्थान विधानसभा चुनाव में कन्हैयलाल हत्यकांड ज्वलंत मुद्दा बना हुआ है। पिछले साल हुए इस वीभत्स हत्याकांड पर भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे पर जमकर सियासी हमला बोल रहे हैं। चुनावों से ऐन पहले ये मुद्दा एक बार फिर सियासी सरगर्मी पैदा कर रहा है। भाजपा के आरोपों के बाद अब कांग्रेस ने पलटवार किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को हत्यारों का BJP से कनेक्शन का आरोप लगाया है। 

रविवार को जोधपुर में चुनावी यात्रा पर पत्रकारों से बात करते हुए, राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि अगर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के बजाय राजस्थान पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने मामले को संभाला होता, तो अबतक न्याय हो जाता। 

गौरतलब हो, निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा के समर्थन में कथित तौर पर सामग्री पोस्ट करने के आरोप में पिछले साल 28 जून को दिनदहाड़े दो हमलावरों ने उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की उनकी दुकान के अंदर सिर काट कर हत्या कर दी थी।

दर्जी कन्हैयालाल की हत्या पैगंबर के खिलाफ कथित बयानबाजी के लिए नूपुर शर्मा को भाजपा से निलंबित किए जाने के ठीक बाद सामने आई थी। अपराधियों ने दर्जी की दुकान में घुसकर शरीर से धड़ अलग कर दिया और इसका वीडियो भी बनाया। घटना के कुछ घंटो बाद सोशल मीडिया पर बयान के साथ वीडियो भी वायरल हुआ। जिसके बाद देश भर में सांप्रदायिक आक्रोश फैल गया। मामला शुरू में उदयपुर के धानमंडी पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में 29 जून, 2022 को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा फिर से दर्ज किया गया था।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा, "यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी और जैसे ही मुझे इसकी जानकारी मिली, मैंने अपना निर्धारित कार्यक्रम रद्द कर दिया और उदयपुर के लिए रवाना हो गया है। हालांकि, भाजपा के कई शीर्ष नेताओं ने उदयपुर घटना की जानकारी मिलने के बाद भी हैदराबाद में एक कार्यक्रम में भाग लेने का फैसला किया था।" उन्होंने कहा कि एनआईए ने घटना के दिन ही मामला अपने हाथ में ले लिया था और राज्य सरकार ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई थी। 

सीएम गहलोत ने रविवार को कहा, "कोई नहीं जानता कि एनआईए ने क्या कार्रवाई की है। अगर हमारी एसओजी ने मामले को आगे बढ़ाया होता, तो दोषियों को अब तक न्याय के कटघरे में लाया गया होता।"

घटना के कुछ ही घंटों के भीतर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने कहा कि हमलावरों ने वीडियो में अपनी पहचान रियाज अख्तरी और गौस मोहम्मद के रूप में बताई गयी है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना से कुछ दिन पहले, हमलावरों को पुलिस ने एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया था और भाजपा नेता उन्हें छुड़ाने के लिए पुलिस स्टेशन आए थे। गहलोत ने कहा, "अपराधियों का संबंध भाजपा से है। घटना के कुछ दिन पहले, जब पुलिस ने इन आरोपियों को किसी अन्य मामले में गिरफ्तार किया था और कुछ भाजपा नेता उन्हें छुड़ाने के लिए पुलिस स्टेशन गए थे।"

उन्होंने कहा, "बात यह है कि बीजेपी को चुनाव में हार का एहसास हो गया है और इसलिए वह अजीबोगरीब दावे कर रही है। वे हमारे द्वारा शुरू की गई योजनाओं और हमारे द्वारा लाए गए कानूनों के बारे में एक शब्द भी नहीं बोल रहे हैं। वे सिर्फ परेशानी पैदा करना चाहते हैं।" मुख्यमंत्री ने कहा, ''लोग उन्हें (बीजेपी) करारा जवाब देंगे।"

पिछले महीने चित्तौड़गढ़ में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर कन्हैया लाल मामले में 'वोट-बैंक की राजनीति' करने का आरोप लगाया था। PM मोदी ने कहा था,"उदयपुर में जो हुआ वह इतना भयावह है कि इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। कुछ लोग कपड़े सिलवाने के बहाने दुकान की दुकान पर गए और बिना किसी कानून के डर के दर्जी का गला काट दिया। हालांकि, कांग्रेस ने इस मामले को किस नजरिये से देखा? वोट बैंक की राजनीति। मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं: उदयपुर के दर्जी की हत्या के बाद आपने वोट बैंक की राजनीति करने के अलावा क्या किया?"

राजस्थान में 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों से ऐन पहले पिछले साल हुए कन्हैयालाल मर्डर का मामला सियासी तूल पकड़ रहा है। सूबे की 200 विधनसभा सीटों पर 25 नवंबर को मतदान और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। 2018 के विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस ने 200 सदस्यीय सदन में 99 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा ने 73 सीटें हासिल कीं। कांग्रेस ने बसपा और निर्दलियों के समर्थन से सरकार बनाई थी।
 

 

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