राजस्थान के शैक्षणिक कैलेंडर पर बिफरी कांग्रेस, अनुच्छेद 370 और वीर सावरकर फिर चर्चा में
राजस्थान में हिंदुत्व विचारक वीर दामोदर सावरकर और अनुच्छेद 370 को लेकर राजनीतिक बहस छिड़ गई है। सरकारी स्कूलों में नए सत्र के शैक्षणिक कैलेंडर में इन दोनों का जिक्र होने से कांग्रेस बिफर गई है।
राजस्थान में हिंदुत्व विचारक वीर दामोदर सावरकर और अनुच्छेद 370 को लेकर राजनीतिक बहस छिड़ गई है। राज्य की भाजपा सरकार ने स्कूलों में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने और हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर के जन्मदिन का जश्न मनाने का फैसला लिया है। वहीं, कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले को शर्मनाक करार दिया है।
राजस्थान के सरकारी स्कूलों में नए सत्र के लिए जारी शिक्षा विभाग के शैक्षणिक कैलेंडर ने राजनीतिक बहस छेड़ दी है। इसमें जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर के जन्मदिन का जश्न मनाने का प्रस्ताव किया गया है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के कैलेंडर शिविरा पंचांग में भी 28 मई को सावरकर का जन्मदिन मनाने का प्रस्ताव है। बता दें कि केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को 5 अगस्त 2019 को निरस्त कर दिया था। संविधान के इस अनुच्छेद के तहत जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा प्राप्त था।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के फैसले की आलोचना की है। उन्होंने इसे राजनीतिक हितों की पूर्ति के लिए एक शर्मनाक कदम बताया। डोटासरा ने कहा, "कांग्रेस शिक्षा के इस राजनीतिकरण और छात्रों पर अपनी विभाजनकारी विचारधारा थोपने का विरोध करती है।"
रविवार को जारी किए गए कैलेंडर में 4 फरवरी को सूर्य नमस्कार दिवस, 7 फरवरी को छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती, 14 फरवरी को मदर्स डे-फादर्स डे और 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस दिवस मनाने का प्रस्ताव शामिल है। सुभाष चंद्र बोस के जन्म दिवस को देश प्रेम दिवस भी कहा जाता है। इससे पहले प्राथमिक विद्यालय शिक्षा विभाग ने 9 जुलाई को अपना वार्षिक कैलेंडर प्रकाशित किया था, जिसमें राम मंदिर अभिषेक का उत्सव शामिल था।
स्कूल शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने सावरकर और महाराणा प्रताप जैसी शख्सियतों के ऐतिहासिक चित्रण की आलोचना करते हुए तर्क दिया था कि पिछले आख्यानों में मुगल सम्राट अकबर का अन्यायपूर्ण महिमामंडन किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि आजादी की लड़ाई में सावरकर की भूमिका को इतिहास में गलत तरीके से लिखा गया है।
कांग्रेस प्रवक्ता स्वर्णिम चतुर्वेदी ने भी नए कैलेंडर की निंदा करते हुए कहा कि यह शिक्षा का राजनीतिकरण करने और हिंदुत्व विचारधारा का प्रचार करने का एक प्रयास है। चतुवेर्दी ने आरोप लगाया कि स्कूल शिक्षा मंत्री का दृष्टिकोण शिक्षा पर केंद्रित नहीं है, बल्कि उनका उद्देश्य छात्रों को सावरकर के बारे में पढ़ाना है, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के बजाए उनसे माफी मांगी थी।
बीजेपी प्रवक्ता मुकेश पारीक ने कैलेंडर का बचाव किया और कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। पारीक ने जोर देकर कहा कि भाजपा का इरादा छात्रों को सावरकर और महाराणा प्रताप जैसे प्रभावशाली नेताओं के बारे में शिक्षित करना है ताकि वे उनसे प्रेरित हो सकें। उन्होंने कहा, "भाजपा सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि छात्र महाराणा प्रताप और सावरकर जैसे महान नेताओं के जीवन और भूमिकाओं से प्रेरणा लें।"
माध्यमिक शिक्षा विभाग के कैलेंडर में दूसरे और चौथे शनिवार को "नो बैग डे" और स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और गांधी जयंती जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों का जश्न मनाना शामिल हैं।