ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News राजस्थानराजस्थान राज्यसभा चुनाव: वोटिंग से ठीक पहले सुभाष चंद्रा ने फेंका आरक्षण वाला पासा, बदलेगा खेल?

राजस्थान राज्यसभा चुनाव: वोटिंग से ठीक पहले सुभाष चंद्रा ने फेंका आरक्षण वाला पासा, बदलेगा खेल?

राज्यसभा चुनाव के लिए आज मतदान होना है। लेकिन मतदान से पहले गुरुवार देर रात भाजपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा के ट्वीट से सियासत गर्मा गई है। कांग्रेस ने हार्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया है।

राजस्थान राज्यसभा चुनाव: वोटिंग से ठीक पहले सुभाष चंद्रा ने फेंका आरक्षण वाला पासा, बदलेगा खेल?
Prem Meenaलाइव हिंदुस्तान,जयपुरFri, 10 Jun 2022 08:54 AM

इस खबर को सुनें

0:00
/
ऐप पर पढ़ें

राज्यसभा चुनाव के लिए आज मतदान होना है। लेकिन मतदान से पहले गुरुवार देर रात भाजपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा के ट्वीट से सियासत गर्मा गई है। सुभाष चंद्रा ने निर्दलीय विधायक बलजीत यादव को को टैग करते हुए 1 ट्वीट पोस्ट किया। जिसमें लिखा- "राजस्थान की जनता और विधायकों को भरोसा दिलाता हूं, प्रदेश की सरकारी भर्तियों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता व आरक्षण देने के प्रावधान के लिए राज्यसभा में उचित प्रयास करूंगा,राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने व संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करवाने की कोशिश करूंगा।

बलजीत यादव ने की थी मांग

उल्लेखनीय है कि बहरोड़ से निर्दलीय विधायक बलजीत यादव ने हाल ही में राज्य सरकार की नौकरियों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता व आरक्षण देने की मांग उठाई थी। यादव ने कहा कि जो उनकी मांगों को पूरा करेगी उसे ही वोट देंगे। सुभाष चंद्रा ने ट्वीट में उन सब मांगों का समाधान राज्यसभा के जरिए करवाने का प्रयास करने का आश्वासन दिया गया जो मांगे पिछले लंबे समय से निर्दलीय विधायक बलजीत यादव उठा रहे थे। खास बात यह भी है कि बलजीत यादव जो ट्वीट किए जाने तक कांग्रेस समर्थित विधायकों के कैंप में शामिल नहीं हुए थे इस पोस्ट के बाद बाड़ेबंदी में पहुंच गए। 

चौथी सीट पर कड़ा मुकाबला

राजस्थान में राज्यसभा की 4 सीटों पर हो रहे चुनाव में चौथे उम्मीदवार की एंट्री ने मुकाबले को रोचक बना दिया है। चौथी सीट पर मुकाबला कड़ा होगा। यही एक ऐसी सीट होगी जिस पर अपने प्रत्याशी को जिताने में निर्दलीय और छोटे दलों के विधायकों की भूमिका अहम होगी। यही कारण है कि हरेक विधायक को अपने पाले में डालने की पुरजोर कोशिश की जा रही है। बलजीत यादव का नाम इसमें ही शुमार है। हालांकि बलजीत यादव को मनाने के लिए गहलोत सरकार ने उनकी मांगे मान ली है। बलजीत यादव के कहने पर गुरुवार देर रात बहरोड़ के 3 स्कूलों के प्रधानाचार्यों को एपीओ कर दिया गया। बलजीत यादव कांग्रेस की बाड़ेबंदी भी शामिल हो गए है, लेकिट चंद्रा के ट्वीट से एक बार फिर अटकलों को हवा मिली है।

सुभाष चंद्रा को जीत के लिए 8 वोट चाहिए 

मौजूदा ​संख्या बल के हिसाब से BJP एक सीट पर जीत रही है। दूसरी सीट के लिए उसे 11 वोट चाहिए। भाजपा ने घनश्याम तिवाड़ी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है। सुभाष चंद्रा भी मैदान में है। भाजपा के 71 विधायक हैं। एक सीट जीतने के लिए 41 विधायकों के वोट चाहिए। दो उम्मीदवारों के लिए 82 वोट चाहिए। भाजपा समर्थक दूसरे उम्मीदवार को जीतने के लिए 11 वोट कम पड़ रहे हैं। हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के 3 विधायकों का सपोर्ट सुभाष चंद्रा को मिलने से कुल संख्या 74 हो जाती है। फिर दूसरे उम्मीदवार के लिए 8 वोटों की कमी रहती है। कांग्रेसी खेमे में सेंध लगाकर आठ वोट का प्रबंध करने पर ही भाजपा समर्थक दूसरा उम्मीदवार जीत सकता है। कांग्रेस के रणनीतिकार कांग्रेस के 108, 13 निर्दलीय, एक आरएलडी, दो सीपीएम और दो बीटीपी विधायकों को मिलाकर 126 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे हैं। इसलिए मुकाबला बहुत रोचक है। कांग्रेसी खेमे से भाजपा कुछ निर्दलीयों और नाराज कांग्रेस विधायकों में सेंध लगाने के प्रयास में है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें