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केसी वेणुगोपाल की जगह कौन जाएगा राज्यसभा? ज्योति मिर्धा ने पीएम मोदी से की मुलाकात

राजस्थान में केसी वेनुगोपाल के सासंद बनने से रिक्त हुई एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए बीजेपी ज्योति मिर्धा पर दांव खेल सकती है। ज्योति मिर्धा के जरिए बीजेपी हरियाणा के जातीय समीकरण साधना चाहती है।

केसी वेणुगोपाल की जगह कौन जाएगा राज्यसभा? ज्योति मिर्धा ने पीएम मोदी से की मुलाकात
Prem Meenaलाइव हिंदुस्तान,जयपुरFri, 09 Aug 2024 03:18 PM
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चुनाव आयोग ने राजस्थान में खाली हुई राज्यसभा की एक सीट को लेकर चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिया है। यह सीट कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद खाली हो गई है। इसके चलते 3 सितंबर को राज्यसभा सीट के लिए होने वाले चुनाव को लेकर सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। इस चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस की तरफ से कौन-कौन उम्मीदवार हो सकते हैं? इसको लेकर सियासी कयास तेज हो गए हैं। इसको लेकर राजनीतिक गलियारों में बीजेपी के कई नामों को लेकर चर्चा है। पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा बीजेपी की उम्मीदवार हो सकती है। ज्योति मिर्धा ने पीएम मोदी से मुलाकात की है। माना जा रहा है कि उनकी उम्मीदवारी को हरी झंडी मिल गई है। 

दीपेंद्र हुड्डा की साली है ज्योति मिर्धा

उल्लेखनीय है कि ज्योति मिर्धा हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा की रिश्ते में साली है। ज्योति मिर्धा मारवाड़ के ताकतवर घराने मिर्धा परिवार से आती है। ज्योति मिर्धा के दादा नाथूराम मिर्धा कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे है। माना जा रहा है कि बीजेपी ज्योति मिर्धा की जरिए बीजेपी जातीय समीकरण साधने के कोशिश करेगी। हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने है। ऐसे में ज्योति मिर्धा राजस्थान से एकमात्र राज्यसभा की सीट के लिए बीजेपी की उम्मीदवाप हो सकती है। हालांकि, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियाा और कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए पूर्व मंत्री लालचंद कटारिया भी प्रमुख दावेदार माने जा रहे है। 

राज्यसभा सीट पर बीजेपी की जीत तय

कांग्रेस के वेणुगोपाल के लोकसभा जीतने के बाद राजस्थान से एक राज्यसभा सीट खाली हो चुकी है। लिहाजा इस सीट को लेकर चुनाव आयोग ने चुनाव कार्यक्रम भी घोषित कर चुकी है। इसके अनुसार आगामी 3 सितम्बर को चुनाव होंगे। इधर, संख्या बल के आधार पर राज्य सभा सीट पर जीत के लिए 99 वोट चाहिए। इस आधार पर बीजेपी का पलड़ा काफी भारी है। बीजेपी के पास 114 विधायक है, जबकि कांग्रेस के पास 66 विधायक है। ऐसे में इस सीट पर बीजेपी की जीत को तय माना रहा है।