रणथम्भौर में भारी बारिश के बीच 100 लोग फंसे, बाघों के इलाका होने से बचाव में मुश्किलें
राजस्थान के रणथम्भौर में तेज बारिश से पानी की आवक बढने से रविवार शाम से त्रिनेत्र गणेश मंदिर से लौटने वाले करीब 100 श्रद्धालु रास्ते में फंस गए हैं।
राजस्थान में मौसम विभाग की ओर से जारी रेड अलर्ट के बीच कई जिलों में रविवार को भारी बारिश दर्ज की गई। इससे कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। राजस्थान में सवाई माधोपुर जिले के रणथम्भौर में तेज बारिश के चलते जलभराव से रविवार शाम से त्रिनेत्र गणेश मंदिर से लौटने वाले करीब 100 श्रद्धालु रास्ते में ही फंस गए हैं। यह बाघ का क्षेत्र होने के कारण वन विभाग की ओर से फंसे लोगों को रात से पहले निकालना चुनौती बना हुआ है। राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) का दल बचाव कार्य में लगा है।
यूनिवार्ता की रिपोर्ट के मुताबिक, आडा बालाजी के पास फंसे इन श्रद्धालुओं के छह घंटे से रास्ते मे फंसे होने की सूचना के बाद रात करीब आठ बजे वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। जहां उन्होंने एसडीआरएफ के दल की सहायता से कुछ लोगों को पहाड़ी के रास्ते जंगल से बाहर निकाला है, लेकिन पहाड़ी पर चढ़ने में अक्षम कुछ लोग अभी भी जंगल में फंसे हुए हैं। एसडीआरएफ का दल कड़ी मशक्कत करके रस्से की सहायता इन श्रद्धालुओं को जंगल से बाहर निकालने में जुटा है।
पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, जयपुर, अलवर, करौली, सवाई माधोपुर, दौसा जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई। आलम यह कि करौली और हिंडौन में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। करौली और हिंडौन में कल रात से रविवार दोपहर तक 15 इंच बारिश दर्ज की गई है। सूबे में भारी बारिश के चलते हुए हादसों में कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई है। राजधानी जयपुर में भी आज भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर जलभराव की स्थिति पैदा हो गई। यहां कनोता बांध में पांच लोग बह गए।
मौसम विभाग ने जयपुर, भरतपुर, अजमेर और कोटा संभाग के कई हिस्सों में 5-6 दिनों तक मानसून के सक्रिय रहने की संभावना जताई है। IMD ने कहा कि आगामी 4-5 दिनों तक कई स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भारी बारिश के रेड अलर्ट के बीच अधिकारियों की बैठक ली। आपदा प्रबंधन टीमों को जरूरी निर्देश दिए। सीएम ने एक्स पर कहा- मैं सभी प्रदेशवासियों से आग्रह करता हूं कि जल भराव, बिजली के खंभों और तारों से दूरी बनाए रखें।
वहीं भरतपुर में रविवार को बाणगंगा नदी में डूबने से सात युवकों की मौत हो गई। वहीं करौली में सुबह-सुबह मकान ढहने से पिता-पुत्र की मौत हो गई। सवाई माधोपुर में एक ग्रामीण नहर में बह गया और बांसवाड़ा के कडेलिया नाले में एक अन्य कॉलेज छात्र भी बह गया। भरतपुर में बाणगंगा नदी में नहाने गए तीन चचेरे भाइयों समेत सात युवकों की डूबने से मौत हो गई। तीन चचेरे भाइयों समेत सात युवक गहरे पानी में डूब गए, जबकि एक बच गया।
अधिकारियों के मुताबिक, पार्वती, गंभीर और बाणगंगा नदियां उफान पर हैं। लोगों को बचाने के लिए नागरिक सुरक्षा दल और एसडीआरएफ की टीमें भी तैनात हैं। करौली में रविवार को पिता-पुत्र जाकिर खान (40) और जिया खान (12) की मकान के मलबे में दबने से मौत हो गई। घटना के समय वे सो रहे थे। घटना में दो अन्य घायल हो गए।
करौली जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रामकेश मीणा ने संवाददाताओं को बताया कि घायलों का अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। एक अन्य हादसे में बांसवाड़ा में 19 वर्षीय नर्सिंग छात्र विकास शर्मा की रविवार को कडेलिया नाले में गिरने से मौत हो गई। यह घटना उस समय हुई, जब वह नाले में फिसलकर गिर गया और बह गया। एसडीआरएफ टीम ने बाद में उसका शव बरामद किया। सवाई माधोपुर में एक शख्स रविवार शाम को बह गया।