राजस्थान के अलवर स्थित तिजारा पुलिया पर 11 जनवरी को मूक बधिर बच्ची के साथ हुई घटना के बाद बुधवार को फरेंसिक टीम घटना स्थल पर पहुंची और पूरे मामले में सीन को रीक्रिएट किया गया। सीन रिक्रिएशन के साथ ही मामले में हर एंगल से हर पहलू की जांच की गई। साथ ही घटना के वक्त से पहले जो बस निकली थी उस ड्राइवर को घटनास्थल पर भी लाया गया।
बस ड्राइवर ने बताया पूरा घटनाक्रम
बच्ची के साथ हुई दरिंदगी से पहले जो बस आगे निकली थी, उस बस के ड्राइवर ने मीडिया को बताया कि फरेंसिक की टीम को दोबारा से घटनाक्रम बताया गया। ड्राइवर ने कहा कि घटना वाले दिन हम लोग बस लेकर आगे निकल गए थे और पीछे से आए वाहन चालक ने हमें बताया कि पीछे किसी लड़की को टक्कर मार दी गई है। उसके बाद पता नहीं क्या हुआ, क्या नहीं। मामले में अलवर एसपी ने यौन हमले की संभावना जताई थी। फरेंसिक की टीम के साथ CO अमित सिंह समेत भारी पुलिस बल मौजूद रहा।
पुलिस और सरकार के गले की फांस बना मूक बधिर बच्ची का मामला
11 जनवरी को बच्ची के साथ हुई घटना के बाद पूरे देश में अलवर पुलिस व कांग्रेस सरकार की किरकिरी हुई है। इसमें ना तो पुलिस के हाथ कुछ लगा है और ना सरकार ही इस पूरे मामले में कुछ कह पा रही है। जिसके कारण यह मामला पुलिस व सरकार के गले की फांस बन गई है। दोनों ही चाहते हैं कि जल्द से जल्द केंद्र सरकार सीबीआई जांच को मंजूरी दे दे ताकि उनका पीछा छूट जाए।