राजस्थान में UCC पर भजनलाल सरकार का क्या प्लान, मंत्री ने विधानसभा में दिया जवाब
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पारित होने के बाद राजस्थान में भी इसको सुगबुगाहट तेज हो गई है। विधानसभा में यूसीसी को लेकर पूछे गए सवाल पर राज्य के संसदीय कार्य मंत्री ने जवाब दिया।
उत्तराखंड में पिछले फरवरी में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पारित होने के बाद राजस्थान में भी इसको सुगबुगाहट तेज हो गई है। विधानसभा में यूसीसी को लेकर एक विधायक द्वारा पूछे गए सवाल पर राज्य के संसदीय कार्य मंत्री ने जवाब दिया।
राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को विधायक कालीचरण सराफ के एक सवाल के जवाब में संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि यूसीसी कानून का मामला सरकार के विचाराधीन है। सरकार इस मुद्दे के सभी पहलुओं की समीक्षा करने के बाद उचित समय पर विधेयक लाएगी।
बता दें कि भाजपा के नेतृत्व वाली उत्तराखंड सरकार भारत का पहला राज्य था, जिसने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पारित किया। गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और असम जैसे कई भाजपा नेतृत्व वाले राज्यों ने यूसीसी को लागू करने का वादा किया है। यह कानून देश के सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, विरासत और उत्तराधिकार पर एकसमान नियम लागू करने की वकालत करता है।
भाजपा ने 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनावों से पहले यूसीसी लाने का वादा किया था। जिस दिन उत्तराखंड सरकार ने राज्य विधानसभा में यूसीसी विधेयक पारित किया, उसी दिन राजस्थान में कई कैबिनेट मंत्रियों ने भी इसे राज्य में लागू करने की मांग की।
कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने जो यूसीसी बिल पेश किया है, वह समय की मांग है। यह बिल राजस्थान में भी लाया जाना चाहिए। वह इस संबंध में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से बात करेंगे। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने भी उत्तराखंड सरकार को बधाई देते हुए कहा, ''मैं उत्तराखंड सरकार को हार्दिक बधाई देना चाहता हूं। यह राज्य के लिए एक उल्लेखनीय कदम है। सभी पर एकसमान कानून लागू किया जाना चाहिए।''
इस पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता स्वर्णिम चतुर्वेदी ने कहा, "यूसीसी भारत में हमारी विविध संस्कृति पर एक बड़ा हमला है। ऐसे अलग-अलग कानून हैं, जो आदिवासी और विभिन्न अल्पसंख्यक समुदायों की विभिन्न परंपराओं की उपयुक्तता को ध्यान में रखते हुए तैयार किए गए थे। यूसीसी का लक्ष्य इस सारी विविधता को खत्म करना है, जो स्वीकार्य नहीं है।"
राजस्थान में भारी बारिश के कारण विभिन्न कस्बों और शहरों में बाढ़ और जल जमाव पर चर्चा के दौरान संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि सरकार प्रभावितों की मदद के लिए सभी प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में किसी की मौत की सूचना नहीं है। हालांकि, विधायक कालीचरण सराफ ने कहा कि जयपुर में तीन लोगों की मौत हुई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने कहा, ''मंत्री कहते हैं कि कोई मौत नहीं हुई है जबकि विधायक कह रहे हैं कि तीन मौतें हुई हैं। इस पर पटेल ने चुटकी लेते हुए कहा कि मंत्री जी क्या जवाब दे रहे हैं। अगर नहीं जानते तो जवाब देने के लिए क्यों खड़े हो जाते हैं।
विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि जयपुर, करौली, अजमेर सहित कई विधायकों ने अतिवृष्टि से हुए नुकसान का मुद्दा उठाया था। जहां भी बारिश से लोगों के प्रभावित होने की खबरें आती हैं, या जल जमाव की खबरें आती हैं, सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री ने सदन को आश्वासन दिया कि सरकार लोगों को राहत देने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी।
प्रश्नकाल के दौरान मांडल से विधायक उदयलाल भड़ाना ने मांडल विधानसभा क्षेत्र में वक्फ बोर्ड की अचल संपत्तियों की जानकारी मांगी और जानना चाहा कि कितनी संपत्तियों पर अतिक्रमण है। उपभोक्ता मामलों के मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि विभाग के विवरण के अनुसार, 200 से डोले शाह के महल पर चार अतिक्रमण थे। 2018 से मस्जिद मोहर्रम वली पर एक अतिक्रमण और 2022 से कुआं चांद का बाग कब्रिस्तान पर चार अतिक्रमण थे।
भड़ाना ने यह भी जानना चाहा कि क्या पिछले तीन साल में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों से कोई आय हुई है। गोदारा ने कहा कि वक्फ संपत्तियों से कोई आय नहीं हुई। विधायक ने कहा कि मोहर्रम मस्जिद को आय हो रही है और मंत्री को गलत जानकारी दी गई है। इस पर गोदारा ने कहा कि वह इसकी जांच कराएंगे कि क्या वक्फ कमेटी ने गलत जानकारी दी है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
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