अच्छा होता खरीद ही लेते हेलीकॉप्टर, कांग्रेस विधायक ने क्यों दी भजनलाल सरकार को सलाह
राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस विधायक शिखा मील बराला ने राज्य सरकार से वीआईपी उड़ानों को लेकर विमान सेवाओं से संबंधित सवाल पूछा था। अपने सवाल का जवाब जानने के बाद उन्होंने सरकार को एक सलाह दी।
राजस्थान विधानसभा में जारी मौजूदा सत्र के दौरान के कांग्रेस विधायक ने राज्य सरकार को एक सलाह दी है। कांग्रेस विधायक शिखा मील बराला ने एक सवाल पूछा था। इसका जवाब सुनने के बाद उन्होंने सरकार को अपनी सलाह दी।
शुक्रवार को विधानसभा में कांग्रेस विधायक शिखा मील बराला ने राज्य सरकार से वीआईपी उड़ानों को लेकर विमान सेवाओं से संबंधित सवाल पूछा था। उनके प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्य सरकार ने कहा कि उसके पास अपना कोई विमान नहीं है। सरकार ने विधानसभा को सूचित किया गया कि राजस्थान सरकार वीआईपी उड़ानों के लिए एक निजी कंपनी से हेलीकॉप्टर किराए पर लेने के लिए सालाना अनुमानित 23.79 करोड़ रुपये खर्च करेगी। यह भी बताया गया कि राज्य सरकार ने 2020-21 से 2023-24 तक हेलीकॉप्टर/हवाई जहाज सेवाओं पर 76.46 करोड़ रुपये खर्च किए।
कांग्रेस विधायक के सवाल के जवाब में कहा गया कि राज्य सरकार के पास वर्तमान में कोई हवाई जहाज या हेलीकॉप्टर नहीं है। 5 जून 2024 को राज्य सरकार ने मेसर्स रेडबर्ड एयरवेज प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली से एक हेलीकॉप्टर पट्टे पर लेने या किराए पर लेने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है।
इसमें कहा गया है कि इस पर हर साल 23.79 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। सदन को यह भी बताया गया कि विमान सेवाओं पर राज्य सरकार का खर्च 2020-21 में 8.03 करोड़ रुपये, 2021-22 में 7.19 करोड़ रुपये, 2022-23 में 31.30 करोड़ रुपये और 2023-24 में 29.94 करोड़ रुपये था।
सरकार के जवाब पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस विधायक बराला ने पीटीआई-भाषा से कहा कि लीज पर हेलीकॉप्टर लेने पर करोड़ों खर्च करने से बेहतर होता कि हेलीकॉप्टर खरीद लिया जाता। उन्होंने कहा, "अगर सरकार ने इस राशि में एक हेलीकॉप्टर खरीदा होता तो यह भविष्य में आर्थिक रूप से बेहतर होता।"