राजस्थान: जाति विवाद खत्म करने के लिए शुरू की गई अंतरजातीय विवाह योजना को लगे पंख, जयपुर समेत 5 जिले टाॅप पर

राजस्थान में जाति विवाद को खत्म करने के लिए गहलोत सरकार की अंतरजातीय विवाह योजना को पंख लग गए है। कोरोना काल में भी पात्र व्यक्ति अंतरजातीय विवाह कर योजना का लाभ उठाएं रहे हैं। सामाजिक न्याय एवं...

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राजस्थान: जाति विवाद खत्म करने के लिए शुरू की गई अंतरजातीय विवाह योजना को लगे पंख, जयपुर समेत 5 जिले टाॅप पर
Prem Meena लाइव हिंदुस्तान , जयपुर
Sat, 22 Jan 2022 9:11 AM

राजस्थान में जाति विवाद को खत्म करने के लिए गहलोत सरकार की अंतरजातीय विवाह योजना को पंख लग गए है। कोरोना काल में भी पात्र व्यक्ति अंतरजातीय विवाह कर योजना का लाभ उठाएं रहे हैं। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के पास पिछले साल दिसंबर महीने में ही राजधानी जयपुर से ही अंतरजातीय विवाह करने के करीब 150 आवेदन आए। जबकि वर्ष 2006-07 में सिर्फ जयपुर शहर में महज एक अंतरजातीय विवाह हुआ था। प्रदेश भर का यह आंकड़ा 2 हजार से अधिक का रहा। अंतरजातीय विवाह करने वाले जिलों में अलवर, कोटा, अजमेर, जोधपुर और गंगानगर टाॅप रहे। इन जिलों में अतंरजातीय विवाह करने वाले पात्र व्यक्तियों के संख्या बहुतायत रही। पिछले साल सरकार द्वारा तय कोरोना गाइडलाइंस के अनुसार अंतरजातीय विवाह करने वाले लाभार्थियों को 5 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई। योजना के तहत गहलोत सरकार अंतरजातीय विवाह करने वाले पात्र लाभार्थियों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करती है।

इंटर कास्ट मैरिज पर वर्ष 2013 से पहले 50 हजार मिलते थे

गहलोत सरकार ने पिछले अपने बजट भाषण के दौरान अंतरजातीय विवाह करने पर प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की घोषणा की थी। पहले 50 हजार रुपये मिलते थे। लेकिन अब राज्य सरकार 3 लाख 75 हजार रुपये देती है। एक लाख 25 हजार रुपये केंद्र सरकार प्रदान करती है।सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से संचालित इस  अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत  वर्ष 2013 से पहले प्रोत्साहन राशि महज 50 हजार रुपये मिलती थी, लेकिन इसके बाद राज्य सरकार ने अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन राशि 5 लाख रुपये कर दी।

जानिए योजना की पात्रता

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव समित शर्मा के अनुसार अनुसूचित जाति वर्ग के युवक अथवा युवती जिसने किसी सवर्ण हिन्दू युवक अथवा युवती से विवाह किया हो तो उसे इस योजना का लाभ मिलेगा। दोनों ही राजस्थान के मूल निवासी होने चाहिए। जोड़े में से किसी की भी आयु 35 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। साथ ही किसी आपराधिक मामले में दोषसिद्ध नहीं होना चाहिए।

दस्तावेज पूरे होने पर ही मिलती है प्रोत्साहन राशि

समित शर्मा के अनुसार दस्तावेज पूरे होने पर ही पात्र व्यक्तियों को योजना का लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि जरूरी दस्तावेज के अभाव में लाभार्थियों को प्रोत्साहन राशि नहीं मिल पाती है। अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन राशि के लिए 1 महीने के भीतर आवेदन करना होता है। इसके लिये अंतरजातीय विवाह करने वाले युगल के विवाह के प्रमाण स्वरूप सक्षम प्राधिकरण या अधिकारी कार्यालय से जारी विवाह पंजीयन प्रमाणपत्र होने के साथ ही युगल की संयुक्त आय 2.50 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।

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