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Hindi News राजस्थान'राजस्थान में जाति जनगणना नहीं करा सकती कांग्रेस', केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत का दावा; ये है वजह

'राजस्थान में जाति जनगणना नहीं करा सकती कांग्रेस', केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत का दावा; ये है वजह

शेखावत ने दावा किया कि ऐसी जनगणना नहीं की जा सकती क्योंकि यह राज्य सरकार के दायरे में नहीं है। उन्होंने अशोक गहलोत सरकार पर देश को विभाजित करने का भी आरोप लगाया।

'राजस्थान में जाति जनगणना नहीं करा सकती कांग्रेस', केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत का दावा; ये है वजह
Swati Kumariहिंदुस्तान,जयपुरTue, 21 Nov 2023 06:01 PM
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केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मंगलवार को राजस्थान में सत्ता में आने पर जाति जनगणना कराने के कांग्रेस के चुनावी वादे का जवाब दिया। शेखावत ने दावा किया कि ऐसी जनगणना नहीं की जा सकती क्योंकि यह राज्य सरकार के दायरे में नहीं है। उन्होंने अशोक गहलोत सरकार पर देश को विभाजित करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'वे (जाति जनगणना) कभी नहीं कर सकते क्योंकि यह राज्य सरकार के दायरे में नहीं है। संविधान के अनुसार, केंद्र विषय है और केवल केंद्र सरकार ही ऐसा कर सकती है।  उनकी पार्टी (कांग्रेस) ने हमेशा देश को विभाजित किया है और वे एक बार फिर ऐसा करने की कोशिश कर रहे हैं।'

मालूम हो कि मंगलवार को कांग्रेस ने अपने राजस्थान चुनाव घोषणापत्र में राज्य में सत्ता में लौटने पर जाति जनगणना का वादा किया। पार्टी ने घोषणापत्र में कहा, 'समाज के सभी वर्गों के लिए समान सामाजिक कल्याण की भावना पर आधारित नीतियां बनाने के लिए हम जाति आधारित जनगणना कराएंगे।'

पार्टी ने जातीय जनगणना के बाद अल्पसंख्यकों को उनकी आबादी के आधार पर आरक्षण देने का भी वादा किया। घोषणापत्र को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पीसीसी प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा, घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष सीपी जोशी और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने जयपुर में पार्टी कार्यालय में जारी किया।

पार्टी ने चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत लाभार्थियों के लिए राशि को सालाना 25 लाख रुपये से दोगुना करके 50 लाख रुपये करने का भी वादा किया। राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव होंगे और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। 2013 के विधान सभा चुनाव में बीजेपी ने 163 सीटें जीती थीं और वसुंधरा राजे के नेतृत्व में सरकार बनाई थी।

बता दें कि बीते विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने 100 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा ने 200 सदस्यीय सदन में 73 सीटें जीतीं। आखिरकार बसपा विधायकों और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से गहलोत ने सीएम पद की शपथ ली।
 

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