चित्तौड़गढ़ में टिकट की लड़ाई, स्वाभिमान तक आई, कांग्रेस-BJP किसकी बढ़ेंगी मुश्किलें
चित्तौड़गढ़ विधानसभा सीट पर दो बार के विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने बागी तेवर अपना लिए हैं। 25 नवंबर को होने वाले चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर दो-दो हाथ करने की तैयारी कर ली है।

राजस्थान विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज बागी कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों की चुनौतियां बढ़ाते नजर आ रहे हैं। इसी कड़ी में भाजपा के एक बागी ने इसे चित्तौड़गढ़ के स्वाभिमान की लड़ाई के तौर पर पेश कर 25 नवंबर को होने वाले चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर दो-दो हाथ करने की तैयारी कर ली है। भाजपा ने जब पूर्व उपराष्ट्रपति दिवंगत भैरों सिंह शेखावत के दामाद और पांच बार के विधायक नरपत सिंह राजवी को चित्तौड़गढ़ सीट से उम्मीदवार घोषित किया तो दो बार के विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने बागी तेवर अपना लिए हैं।
सीपी जोशी को ठहराया जिम्मेदार
यह विधानसभा क्षेत्र भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के लोकसभा क्षेत्र में आता है। आक्या ने पार्टी द्वारा टिकट नहीं दिए जाने के लिए सीधे तौर पर सीपी जोशी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुरानी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण उन्हें निशाना बनाया गया है। आक्या ने कहा- यह निश्चित रूप से स्वाभिमान की लड़ाई है। मैं हर समय लोगों के बीच रहा हूं। मैंने हमेशा पार्टी के लिए काम किया है। इलाके के लोग मेरे साथ हैं जो चाहते हैं कि मैं चुनाव लड़ूं।
स्थानीय बनाम बाहरी का मुकाबला
आक्या ने कहा- मैं निश्चित रूप से चुनाव लड़ूंगा। मुझे उम्मीद है कि पार्टी अपना उम्मीदवार बदलेगी। आक्या ने कांग्रेस में जाने की संभावना को खारिज किया। उन्होंने कहा कि वह इस सीट से निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ेंगे और छह नवंबर को आखिरी दिन नामांकन दाखिल करेंगे। उनके समर्थक उनके पीछे एकजुट हो गए हैं, जिससे यह मुकाबला स्थानीय बनाम बाहरी होता नजर आ रहा है। राजवी जो विगत में इस सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं, उन्हें अब बाहरी कहा जा रहा है।
ऑल इज वेल की उम्मीद
वहीं राजवी ने खुद को बाहरी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मेवाड़ मेरे दिल में है तो मैं बाहरी कैसे हूं? मेरे लिए कोई चुनौती नहीं है। मुझे उम्मीद है कि सब कुछ सुलझ जाएगा। उन्होंने कहा कि 1993-1998 और 2003-2008 में विधायक के रूप में वह क्षेत्र के लिए काम कर चुके हैं।
राजवी को दूसरी लिस्ट में टिकट
दिलचस्प बात यह है कि भाजपा ने अपनी पहली सूची में जयपुर की विद्याधर नगर सीट पर राजवी की जगह राजसमंद से सांसद दीया कुमारी को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया जिससे राजवी के समर्थक नाराज हो गए। इसके बाद, राजवी को भाजपा की दूसरी सूची में चित्तौड़गढ़ से टिकट दिया गया, जिसका आक्या के समर्थकों ने भारी विरोध किया। हालांकि, विरोध के बावजूद आक्या समर्थकों के चिपकाए गए पोस्टरों में प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह की तस्वीरें हैं।
तस्वीरें इस्तेमाल करने पर भड़के जिला अध्यक्ष
कुछ में भैरों सिंह शेखावत की तस्वीरें भी हैं, जो तीन बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे थे। इसे लेकर भाजपा के चित्तौड़गढ़ के जिला अध्यक्ष मिट्ठू लाल जाट ने आक्या पर निशाना साधते हुए पूछा कि अगर उन्हें अपनी जीत का इतना ही भरोसा है तो फिर पार्टी का चिह्न और भाजपा नेताओं की फोटो का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं? आक्या के समर्थन की असली तस्वीर उस दिन स्पष्ट हो जाएगी जिस दिन वह पोस्टरों से भाजपा नेताओं के चुनाव चिह्न और तस्वीरें हटा देंगे। पार्टी के फैसले कई कारकों पर आधारित थे।
आक्या को हर समुदाय का समर्थन
चित्तौड़गढ़ के जिला अध्यक्ष मिट्ठू लाल जाट ने कहा कि ऐसा नहीं था कि केवल आक्या को नामांकन से वंचित किया गया। बड़ी सादड़ी से विधायक ललित कुमार ओस्तवाल को भी टिकट नहीं दिया गया है। वहीं कांग्रेस नेता नीतू कंवर भाटी ने कहा कि भाजपा की इस कलह से उनकी पार्टी को फायदा मिलेगा। दूसरी ओर कलक्ट्रेट रोड पर मिठाई की दुकान के मालिक हरि शंकर पंड्या ने दावा किया कि आक्या को हर समुदाय का समर्थन प्राप्त है। सहानुभूति उनके साथ है।
कांग्रेस की योजनाओं की सराहना
हरि शंकर पंड्या ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र में विकास ही मुख्य मुद्दा है। सीमेंट उद्योग जिले में अर्थव्यवस्था चलाता है लेकिन इसका लाभ स्थानीय लोगों को नहीं मिलता क्योंकि उन्हें रोजगार के पर्याप्त अवसर नहीं मिलते। हालांकि, उन्होंने कांग्रेस सरकार की योजनाओं की सराहना की और कहा कि चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा जैसी योजनाएं लोगों के लिए उपयोगी साबित हुई हैं।
जिले की पांच सीटों में से BJP ने तीन पर घोषित किए उम्मीदवार
बता दें कि चित्तौड़गढ़ जिले के पांच विधानसभा क्षेत्रों में से, भाजपा ने तीन सीट के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। पार्टी ने बड़ी सादड़ी सीट के लिए गौतम दक, चित्तौड़गढ़ के लिए नरपत सिंह राजवी और निंबाहेड़ा सीट के लिए श्रीचंद कृपलानी को अपना उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने निम्बाहेड़ा सीट से मौजूदा विधायक और मंत्री उदय लाल अंजना को अपना उम्मीदवार बनाया है।
पिछले चुनाव का रिकॉर्ड
कांग्रेस ने 2018 में चित्तौड़गढ़ सीट से सुरेंद्र सिंह जाड़ावत को मैदान में उतारा था, लेकिन वह आक्या से 23 हजार 800 मतों के अंतर से हार गए थे। चित्तौड़गढ़ विधानसभा क्षेत्र में शहर और कुछ ग्रामीण क्षेत्र आते हैं। क्षेत्र में लगभग 2.70 लाख मतदाता हैं। इनमें से अधिकतर राजपूत समुदाय से हैं। इसके बाद ब्राह्मण और अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के मतदाता हैं। चित्तौड़गढ़ मेवाड़ क्षेत्र का एक हिस्सा है। चित्तौड़ किले के लिए प्रसिद्ध है, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल सूची में शामिल छह पहाड़ी किलों में से एक है।