अलवर जिले के रामगढ़ और कठूमर सीटों पर BJP के सामने बागियों की चुनौती, क्या बन रहे हालात?
Rajasthan Assembly Elections 2023: अलवर जिले के रामगढ़ और कठूमर सीटों पर BJP के बागियों ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर ताल ठोंक रहे हैं। इन दोनों विधानसभा सीटों पर क्या बन रहे समीकरण...?

राजस्थान विधानसभा चुनाव में अलवर जिले की रामगढ़ और कठूमर विधानसभा सीटों पर भाजपा के लिए बागी उम्मीदवार चुनौती बने हुए हैं। कठूमर विधानसभा आरक्षित सीट से कांग्रेस ने संजना जाटव को टिकट दिया है तो भाजपा ने पूर्व विधायक रमेश खींची पर ही भरोसा जताया है। इस सीट से भाजपा के दावेदार के रूप में पूर्व मंत्री मंगल राम कोली थे लेकिन टिकट रमेश खींची को मिला। अब पूर्व मंत्री मंगल राम कोली ने नर्दिलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोकी है। भाजपा के लिए यह एक बड़ी चुनौती मानी जा रही है।
BJP के बागी पूर्व मंत्री मंगल राम कोली को बाल्टी चुनाव चिह्न आवंटित किया गया है। इसी बाल्टी के चुनाव चिह्न पर वह पहली बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधायक बनकर भैंरू सिंह सरकार में उपमंत्री बनाए गए थे। अब भाजपा ने बगावत करने पर उन्हें निष्कासित कर दिया है। अलवर जिला कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रहे रमेश खींची पिछले चुनाव में कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर भाजपा का दामन थाम लिया था।
कठूमर विधानसभा क्षेत्र में दो लाख 28 हजार मतदाता हैं जिनमें से एक लाख 22 हजार पुरुष और एक लाख छह महिला मतदाता है। इस सीट से नौ प्रत्याशी चुनाव मैदान में अपना चुनावी भाग्य आजमा रहे हैं। इनमें बसपा से दिनेश कुमार, आम आदमी पार्टी (आप) से सुनील बेरवा, करन चंद, जल सिंह, ठाकुर सिंह पवार, मंगल राम और मोतीलाल निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
हालांकि वर्तमान विधायक बाबूलाल बैरवा कुछ नाराज दिखाई दिए। उन्होंने नामाकंन पत्र भी भरा था लेकिन आला कमान के आदेश पर उसे वापस ले लिया। रामगढ़ विधानसभा में भी भाजपा के वर्ष 2018 में प्रत्याशी रहे सुखवंत सिंह बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया है। वह चंद्र शेखर रावण की आजाद समाज पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़ रहे हैं।
हालांकि वर्तमान विधायक बाबूलाल बैरवा कुछ नाराज दिखाई दिए। उन्होंने नामाकंन पत्र भी भरा था लेकिन आला कमान के आदेश पर उसे वापस ले लिया। रामगढ़ विधानसभा में भी भाजपा के वर्ष 2018 में प्रत्याशी रहे सुखवंत सिंह बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया है। वह चंद्र शेखर रावण की आजाद समाज पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़ रहे हैं।
दो लाख 71 हजार मतदाताओं वाली रामगढ़ विधानसभा सीट पर एक लाख 43 हजसा पुरुष और एक लाख 28 हजार मतदाता महिला मतदाता हैं। यहां 16 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जिसमें भाजपा से जय आहूजा, कांग्रेस से मेवात विकास बोर्ड के अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक जुबेर खान, बसपा से दीवान चंद, आम आदमी पार्टी से विश्वेंद्र सिंह, जननायक जनता पार्टी से इजहार, आजाद समाज पार्टी से सुखवंत सिंह शामिल हैं।
इनके अलावा अनूप कुमार, इकबाल सिंह, उमरदीन खान, गुरविंदर सिंह, जय सिंह, दिनेश, नवल सिंह, नितेश कुमार, भजनलाल सैनी एवं मुख्तार सिंह निर्दलीय रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा उम्मीदवार का यहां विरोध भी देखा जा रहा है। हालांकि यहां पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्ञान देव आहूजा ने मोर्चा संभाल रखा है। इस विधानसभा सीट को भी हॉट सीट माना जाता है। मेव बहुल इस इलाके में कभी भाजपा कभी कांग्रेस के विधायक रहे हैं। साल 2018 के आम चुनाव में बसपा प्रत्याशी की मौत के बाद चुनाव स्थगित होने के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सफिया खान ने चुनाव जीता था।
