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राजेंद्र राठौड़ खिला पाएंगे कमल? राहुल गांधी के रोड शो पर रहेगी नजर; जानिए तारानगर सीट के समीकरण

राजस्थान विधानसभा चुनाव में सबसे चर्चित सीटों में से एक तारानगर विधानसभा सीट भी है। यहां से नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार कड़े मुकाबले में फंसे हुए है।

राजेंद्र राठौड़ खिला पाएंगे कमल? राहुल गांधी के रोड शो पर रहेगी नजर; जानिए तारानगर सीट के समीकरण
Prem Meenaलाइव हिंदुस्तान,जयपुरMon, 13 Nov 2023 11:20 AM
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राजस्थान विधानसभा चुनाव में सबसे चर्चित सीटों में से एक तारानगर विधानसभा सीट भी है। यहां से नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने कांग्रेस बड़े जाट नेता नरेंद्र बुढ़ानिया है। बुढ़ानिया ने 2018 के चुनाव में बीजेपी को हराया था। इस बार यहां कांटे का मुकाबला है। तारानगर में राहुल गांधी का 16 नंवबर को रोड प्रस्तावित है। ऐसे में सियासी जानकारों का कहना है कि राजेंद्र राठौड़ के लिए इस बार तारानगर आसान नहीं है। बता दें राठौड़ अपनी परंपरागत सीट चूरू से इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। राठौड़ 6 बार के विधायक है। 2008 में तारानगर से विधायक रह चुके हैं। लेकिन इस बार हवा बदली हुई है। हालांकि, राठौड़ के लिए राहत की बात यह है कि कांग्रेस के बागी पूर्व विधायक चंद्रशेखब बैद बीजेपी में शामिल हो गए है। लेकिन सियासी जानकारों का कहना है कि जातिय समीकरण नरेंद्र बुढ़ानिया के पक्ष में है। फिलहल रेस के दोनों घोड़े बराबरी पर है। राहुल गांधी का रोड शो राजेंद्र राठौड़ को सिरदर्द दे सकता है।

बीएसपी ने मुकाबले के त्रिकोणिय बनाया 

शेखावाटी की तारानगर विधान सभा सीट पर अब तक हुए 10 विधानसभा चुनाव में से 6 बार कांग्रेस, दो-दो बार भाजपा और जनता पार्टी ने जीत हासिल की है। नरेंद्र बुढ़ानियां यहां से मौजूदा विधायक हैं। राजेंद्र राठौड़ इस सीट से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। वह 2008 में भी यहां से विधायक रह चुके हैं. राजेंद्र राठौड़ अपना पिछले चुनाव चूरू विधानसभा सीट से लड़े थे। इस बार वो सीट बदल कर तारानगर से चुनाव लड़ रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी ने छोटूराम के नाम की घोषणा कर यहां पर मामले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश की है। तारानगर से अब भाजपा के राजेंद्र राठौड़, कांग्रेस के नरेंद्र बुढ़ानिया और अब बसपा के छोटूराम मैदान में हैं। जानकारों की मानें तो इस बार का मुकाबला भाजपा या कांग्रेस के बीच ही है और यह किसी ओर भी मुड़ सकता है। 

कैसा रहा राजनीतिक इतिहास

तारानगर विधानसभा सीट के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो यहां सीट कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी और यहां पर बीजेपी की स्थिति बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती है। 1990 से लेकर अब तक 7 बार हुए चुनाव में कांग्रेस को 5 बार जीत मिल चुकी है। कांग्रेस ने 1990 से लेकर 2003 तक लगातार 4 चुनाव में जीत हासिल की। चंदन मल बैद ने जीत की हैट्रिक (1990, 1993 और 1993) लगाई फिर 2003 के चुनाव में डॉक्टर चंद्रशेखर बैद विधायक बने। 2008 के चुनाव में बीजेपी ने यहां से अपना खाता खोला और राजेंद्र राठौड़ यहां से विधायक चुने गए। 2013 में बीजेपी को फिर जीत मिली। इन दोनों ही चुनाव में डॉक्टर चंद्रशेखर बैद को हार मिली। 2018 में डॉक्टर चंद्रशेखर बैद फिर हारे और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में तीसरे स्थान पर रहे। कांग्रेस ने इस बार भी जीत हासिल की।


 

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