निकाय चुनाव टलवाने को लेकर हाइकोर्ट से नहीं मिली राहत, अब गहलोत सरकार जाएगी सुप्रीम कोर्ट
राजस्थान में 31 अक्टूबर तक निकाय चुनाव करवाने के हाईकोर्ट के फैसले को राजस्थान सरकार अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि कोरोना काल में निकाय...
राजस्थान में 31 अक्टूबर तक निकाय चुनाव करवाने के हाईकोर्ट के फैसले को राजस्थान सरकार अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि कोरोना काल में निकाय चुनाव कराना मुनासिब नहीं है। जिन तीन शहरों में नगर निगम के चुनाव होने हैं, उन तीनों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बहुत ज्यादा आ रहे हैं। लिहाजा ऐसे हालात में चुनाव करवाना सही नहीं है।
डोटासरा ने कहा कि इस बारे में हाईकोर्ट से आग्रह किया गया था, लेकिन अब सरकार के स्तर पर सहमति बनी है कि हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाए। अगर सुकोटाप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलती है और चुनाव करवाने का फैसला आता है तो कांग्रेस संगठन चुनावों के लिए पूरी तरह तैयार है। मुख्यमंत्री के कोराना संवाद के दौरान भी सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी और कई नेताओं ने कोरेाना का हवाला देते हुए निकाय चुनाव टलवाने का सुझाव दिया। ऐसे में अब सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर टिक गई हैं। अगर सुप्रीम कोर्ट सरकार को राहत नहीं देता है तो फिर तय समय पर ही चुनाव करवाने होंगे।
सरकार मार्च तक चुनाव टलवाना चाहती है
जयपुर, कोटा और जोधपुर के 6 नगर निगमों के चुनावों के लिये सरकार को अगर राहत नहीं मिलती है तो जल्द ही 129 शहरी निकायों में भी चुनाव करवाने होंगे, क्योंकि 6 नगर निगमों के अलावा 129 शहरी निकायों में भी बोर्ड का कार्यकाल पूरा होने के बाद वहां प्रशासक लगाये हुये हैं। उनमें भी चुनाव करवाने होंगे. इस मसले में अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ही सबकुछ निर्भर करेगा।
एक धडे़ ने दिया अपना अलग तर्क
हालांकि, नेताओं के एक धड़े का यह भी तर्क है कि जब कोरोना में बिहार विधानसभा और राज्य में पंचायत चुनाव करवाए जा सकते हैं तो फिर 6 नगर निगमों के चुनाव भी हो सकते हैं। हालांकि जयपुर, जोधपुर और कोटा में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले हैं। ये तीनों बड़े शहर कोराना हॉट स्पॉट बने हुये हैं।