RSS-BJP के लोग 'जय सियाराम' क्यों नहीं बोलते, नारे से सीता मां को क्यों हटा दिया: राहुल गांधी
राहुल ने कहा, 'सीता के बिना क्या राम हो सकते हैं? सवाल ही नहीं उठता। सीता के बिना राम नहीं हो सकते, राम के बिना सीता नहीं हो सकतीं। अपने नारे से BJP-RSS के लोगों ने सीता मां को क्यों निकाल दिया।'

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने सवाल किया कि वे (आरएसएस और भाजपा) 'जय सियाराम' क्यों नहीं बोलते और उन्होंने इस नारे से सीता मां को क्यों निकाल दिया है। राहुल ने कहा कि आरएसएस के लोगों को 'जय सियाराम' बोलना पड़ेगा और वे लोग सीता मां का अपमान नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि आरएसएस के लोगों को भगवान राम और उनके जीवन जीने के तरीके को समझना होगा।
'भारत जोड़ो यात्रा' झालावाड़ जिले के नाहरड़ी में पहुंचने पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एक नुक्कड़ सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'पहले एक नारा हुआ करता था, जो पूरे देश में लगाया जाता था। वह जय सियाराम का नारा था।' उन्होंने कहा, 'भाइयों-बहनों... सीता के बिना क्या राम हो सकते हैं? सवाल ही नहीं उठता। सीता के बिना राम नहीं हो सकते, राम के बिना सीता नहीं हो सकतीं। अपने नारे से भाजपा और आरएसएस के लोगों ने सीता मां को क्यों निकाल दिया है। वे कभी जय सियाराम क्यों नहीं बोलते?'
जय सियाराम भी बोलना पड़ेगा: राहुल गांधी
कांग्रेस नेता ने कहा, 'ठीक है अगर जयश्रीराम बोलना है तो बोलिए, मगर आरएसएस के लोगों को जय सियाराम भी बोलना पड़ेगा और वे सीता मां का अपमान नहीं कर सकते। महात्मा गांधी ने गोली लगने के बाद 'हे राम' कहा था। जब हम 'हे राम' कहते हैं तो हम यह निर्णय करते हैं कि जो भगवान राम की भावना थी, उस भावना से हम अपना जीवन जिएंगे। ये शब्द भी आरएसएस के लोग भूल गए हैं। वे कभी जय सियाराम नहीं बोलते और 'हे राम' भी कभी नहीं बोलते क्योंकि वे भगवान राम की भावना को नहीं मानते। अगर मानते तो वे इस देश में नफरत और हिंसा कभी नहीं फैलाते। वे किसानों के साथ अत्याचार, युवाओं को बेरोजगार और महिलाओं का अपमान कभी नहीं करते।'
'राम ने नफरत और हिंसा की बात नहीं की'
राहुल गांधी ने कहा, 'मैं आरएसएस के लोगों से कहना चाहता हूं आप राम भगवान को समझिए, उनकी भावना और उनके जीवन जीने के तरीकों को समझिए। उन्होंने सिर्फ प्रेम, भाईचारा और सम्मान करने की बात की थी। उन्होंने नफरत और हिंसा की बात नहीं की थी। जब भी आरएसएस या भाजपा का कोई कार्यकर्ता मिले तो कांग्रेस के कार्यकर्ता और राजस्थान के लोग उनसे पहले 'हे राम' और फिर 'जय सियाराम' बोलने को कहें।
'नोटबंदी गरीबों को चोट पहुंचाने का हथियार'
राहुल ने नोटबंदी व जीएसटी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और इसे गरीबों को चोट पहुंचाने का हथियार बताया। उन्होंने कहा, 'नोटबंदी व गलत जीएसटी ये कानून नहीं हैं, बल्कि ये गरीबों को चोट पहुंचाने के हथियार हैं। उनका लक्ष्य हिंदुस्तान के अरबपतियों को फायदा पहुंचाना है। सच्चे तपस्वी देश के किसान-मजदूर हैं और केन्द्र की भाजपा नीत सरकार उन पर आक्रमण कर रही है। केन्द्र की नरेंद्र मोदी नीत सरकार और जहां भी भाजपा की सरकारें हैं वे एक के बाद एक रोजगार के सारे के सारे रास्ते बंद कर रही हैं और इसके कारण देश में डर पैदा हो रहा है और डर को भाजपा के लोग नफरत में बदलते हैं। इसीलिए हमने यह यात्रा शुरू की है।'