राजस्थान सियासी संघर्ष में अशोक गहलोत को मिली राहत, बीजेपी को लगा झटका
राजस्थान में जारी सियासी संग्राम में पहली बार अशोक गहलोत और कांग्रेस पार्टी को राहत मिली है, जबकि बीजेपी को झटका लगा है। पिछ्ले कई दिनों से चल रहे घटनाक्रम में गहलोत खेमे को विशेष राहत नहीं मिल...
राजस्थान में जारी सियासी संग्राम में पहली बार अशोक गहलोत और कांग्रेस पार्टी को राहत मिली है, जबकि बीजेपी को झटका लगा है। पिछ्ले कई दिनों से चल रहे घटनाक्रम में गहलोत खेमे को विशेष राहत नहीं मिल रही थी। लेकिन, सोमवार (27 जुलाई) को हाईकोर्ट से राहत मिली है।
दरअसल, राजस्थान हाईकोर्ट ने बहुजन समाज पार्टी के विधायकों के कांग्रेस में विलय मामले को लेकर बीजेपी के विधायक मदन दिलावर की ओर से दाखिल याचिका खारिज कर दी है। मूल याचिका खारिज होने के साथ ही बसपा की पक्षकार बनने की अर्जी भी रद्द हो गई है। इससे पहले हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष सी.पी जोशी से बीएसपी विधायकों के कांग्रेस में विलय को लेकर जवाब मांगा था। सी.पी. जोशी का जवाब मिलने के बाद हाईकोर्ट ने बीजेपी विधायक की याचिका खारिज कर दी।
बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय को दी थी चुनौती
दरअसल, सोमवार को बीजेपी विधायक मदन दिलावर की याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें बीएसपी के छह विधायकों के कांग्रेस में विलय को चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया था कि बीएसपी, एक राष्ट्रीय पार्टी है और पार्टी के विलय के बिना विधायकों का विलय अलग से कांग्रेस में नहीं हो सकता है। इसी को आधार बनाकर बीजेपी विधायक मामले को हाईकोर्ट ले गए थे। याचिका में उन्होंने इन विधायकों को अयोग्य घोषित करने का आग्रह किया था।
याचिका हो चुकी थी खारिज, नहीं किया था सार्वजनिक
आपको बता दें कि इससे पहले विधानसभा के अध्यक्ष सी.पी. जोशी द्वारा बीजेपी विधायक मदन दिलावर की इस याचिका को खारिज कर दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक सीपी जोशी ने पिछले दिनों यह याचिका खारिज की थी लेकिन इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई थी। याचिका खारिज करने के पीछे दस्तावेजों में कमियां और तकनीकी आधार का तर्क दिया गया है।