ओम माथुर का प्रमोशन या डिमोशन? क्या PM मोदी के करीबी राजनीति से बाहर हो गए
राजस्थान के मुख्यमंत्री बनने से लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की चर्चाओं के बीच ओम प्रकाश माथुर को सिक्किम का राज्यपाल बनाए जाने पर अटकलों का बाजार गर्म है। सियासी मायने निकाले जा रहे है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री बनने से लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की चर्चाओं के बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश माथुर को सिक्किम का राज्यपाल बनाए जाने पर अटकलों का बाजार गर्म है, जबकि चर्चाएं उफान पर है। राजनीतिक विश्लेषक इसके अलग-अलग मायने निकाल रहे है। पीएम मोदी के खास और आरएसएस के चहेते ओम माथुर क्या राजस्थान की राजनीति से बाहर हो गए? सियासी जानकारों का कहना है कि ओम माथुर राजनीतिक मैदान से बाहर हो गए है। आमतौर पर माना जाता है कि राज्यपाल बनाए जाने पर राजनीतिक कैरियर खत्म हो जाता है। राज्यपाल उससे ही बनाया जाता है कि जो राजनीति में रिटायरमेंट होने की स्थिति में है। राज्यपाल बनने के बाद सक्रिय राजनीति में आने के बहुत कम चांस होते है। सियासी जानकारों का कहना है कि झारखंड के पूर्व सीएम रघुबर दास को राज्यपाल बनाकर राजनीतिक मैदान से बाहर कर दिया गया था। माना जा रहा है कि वैसा ही ओम माथुर के साथ किया है।
सियासी जानकारों का कहना है कि ओम माथुर संगठन से जुड़े व्यक्ति माने जाते है। बीजेपी आलाकमान ने जहां भी लगाया वहां बीजेपी को जिताने में अहम भूमिका निभाई है। चाहें उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव हो या फिर छत्तीसगढ़। दोनों ही राज्यों में ओम माथुर को प्रभारी बनाया गया था। बीजेपी की वापसी कराई। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ओम माथुर इस बार राजस्थान के सीएम के प्रमुद दावेदर थे, लेकिन भजनलाल को मुख्यमंत्री बना दिया गया। मतलब साफ है कि ओम माथुर सक्रिय राजनीति में नहीं लौटेंगे। जैसे गुलाब चंद कटारिया के बारे में कहां जा रहा है। कटरिया के नेता प्रतिपक्ष से हटाकर असम का राज्यपाल बनाया गया था। अब पंजाब का राज्यपाल बनाया है।
सियासी जानकारों का कहना है कि साफ जाहिर है कि पार्टी आलाकमान उम्रदराज नेताओं रिटायरमेंट देने के मूड में है। माथुर और कटारिया का कई बार मुख्यमंत्री के लिए भी नाम चला था।माथुर पाली जिले के रहने वाले हैं. उन्हें भारतीय जनता पार्टी के उन नेताओं में माना जाता था, जो परदे के पीछे से संगठन को मजबूत करते थे। ओम प्रकाश माथुर गुजरात राज्य के प्रभारी समेत बीजेपी संगठन में कई पदों पर रह चुके हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ओम माथुर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद नजदीकी माने जाते हैं। वसुंधरा राजे के राजनीतिक युग के समय भी उनका नाम कई बार राजस्थान के मुख्यमंत्री पद के लिए भी चर्चा में रहा। ख़ास तौर पर जब राजस्थान में भाजपा पिछले साल सत्ता में आई तो हर कोई जिन संभावित मुख्यमंत्री के नामों की चर्चा रहा था उनमें ओम प्रकाश माथुर का नाम उस सूची में सबसे आगे था। परदे के पीछे ही सही लेकिन उनका राजस्थान की राजनीति में दबदबा रहा है। सियासी जानकारों का कहना है कि राजस्थान के भूतपूर्व मुख्यमंत्री भैरो सिंह शेखावत के समय उनके सियासी करियर का आगाज़ हुआ और वो देश भर में भाजपा के अंदरूनी और सियासी उलझनों को सुलझाते रहे हैं।
ओम प्रकाश माथुर को सिक्किम का राज्यपाल बनाये जाने पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उन्हें बधाई दी है. शर्मा ने 'एक्स' पर लिखा ''महामहिम राष्ट्रपति महोदया श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा श्री ओमप्रकाश माथुर जी को सिक्किम राज्य का महामहिम राज्यपाल नियुक्त किए जाने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाए। महामहिम राष्ट्रपति महोदया श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा श्री ओमप्रकाश माथुर जी को सिक्किम राज्य का महामहिम राज्यपाल नियुक्त किए जाने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। मुझे दृढ़ विश्वास है कि आपके कुशल मार्गदर्शन व आपके नेतृत्व में सिक्किम प्रदेश सुशासन के पथ पर अविराम बढ़ते हुए विकास के नित नवीन मानक स्थापित करेगा. आपके उज्ज्वल कार्यकाल हेतु हार्दिक मंगलकामनाएं। '
लेटेस्ट Hindi News, बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर ,और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।