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कोटा: विकास या विनाश? काला तालाब में एक महीने में 50 से ज्यादा मगरमच्छों की मौत, वन्यजीव प्रेमियों ने लगाए बड़े आरोप

राजस्थान के कोटा में इन दिनों कई जगहों पर यूआईटी द्वारा विकास कार्य करवाए जा रहे हैं, जिससे कोटा शहर का सौंदर्यीकरण हो सके। लेकिन इस सौंदर्यीकरण को गति देने के दावों के बीच एक हैरान कर देने वाली...

कोटा: विकास या विनाश? काला तालाब में एक महीने में 50 से ज्यादा मगरमच्छों की मौत, वन्यजीव प्रेमियों ने लगाए बड़े आरोप
लाइव हिंदुस्तान,कोटा।Sat, 05 Mar 2022 05:03 PM

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राजस्थान के कोटा में इन दिनों कई जगहों पर यूआईटी द्वारा विकास कार्य करवाए जा रहे हैं, जिससे कोटा शहर का सौंदर्यीकरण हो सके। लेकिन इस सौंदर्यीकरण को गति देने के दावों के बीच एक हैरान कर देने वाली तस्वीर भी सामने आई है। काला तालाब में किए जा रहे निर्माण और सौंदर्यीकण गतिविधियों के कारण अबतक कथित तौर पर 50 से अधिक मगरमच्छों की मौत हो चुकी है। इन मगरमच्छों की लगातार हो रही मौतों पर जिले के वन्यजीव प्रेमियों ने नाराजगी जाहिर की है और मगरमच्छों की मौतें के लिए यूआईटी प्रशासन को सीधा जिम्मेदार ठहराया है। वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि नहरों में मिट्टी और फ्लाई ऐश फेंकने की वजह से मगरमच्छों की मौत हो रही है। 

यूआईटी के अधिकारियों ने झाड़ा पल्ला
काला तालाब में मगरमच्छों की लगातार रही मौत पर जहां वन्यजीव प्रेमियों ने गुस्सा जाहिर किया तो वहीं यूआईटी के अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है। अधिकारियों कहना है कि उनके द्वारा करवाए जा रहे निर्माण कार्यों की वजह से मगरमच्छों की मौत नहीं हुई है। ऐसे में अब मगरमच्छों की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और स्थानीय लोगों से इस बारे में जानकारी ली। वहीं स्थानीय लोगो का कहना है कि अधिकारियों ने कथित तौर पर पार्क निर्माण और सौंदर्यीकरण के उद्देश्य से कला तालाब के एक हिस्से में बड़ी मात्रा में फ्लाई ऐश और मिट्टी डाली है। जिससे ऑक्सीजन की कमी हो गई और एक माह में लगभर 50 मगरमच्छों की मौत हो गई।

काला तालाब में है मगरमच्छों की भरमार
स्थानीय निवासी नफिस का कहना है कि इलाके के काला तालाब में मगरमच्छों की संख्या काफी है। ये मगरमच्छ तालाब से निकलकर घरों और नहरों तक आ जाते हैं, जिसके बाद वन विभाग की सूचना देने पर इन मगरमच्छों का रेस्क्यू किया जाता है। इन दिनों नहरों के निर्माण और अन्य कार्यों की वजह से तालाब में मिटृी और अन्य पदार्थों को डाला जा रहा है, जिसकी वजह से इन मगरमच्छों की मौत होती जा रही है। नफीस का ये भी कहना है अब तक उसने अपनी आंखो से इसी जगह से 15 से अधिक मगरमच्छों के शव देखे हैं।

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