अजमेर में थानेदारों से मंथली वसूली मामला: IPS राजेश मीणा बरी; जानिए पूरा मामला
राजस्थान के अजमेर जिले में मामला 2013 में थानेदारों से मंथली वसूली के मामले में तत्कालीन एसपी राजेश मीणा को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट से बरी होने के बाद राजेश मीणा ने कहा- सच्चाई की जीत हुई है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की विशेष कोर्ट ने वर्ष 2014 के बहुचर्चित मंथली प्रकरण में अजमेर के पूर्व एसपी राजेश मीणा, पूर्व एएसपी लोकेश सोनवाल समेत 9 थाना प्रभारियों, 2 एएसआई और समाजवादी पार्टी के नेता हेमंत जैन एवं एक अन्य को दोषमुक्त कर दिया है। कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया. प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से 90 गवाह और 330 दस्तावेज पेश किए गए थे। तकनीकी खामियों और पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में कोर्ट में एसीबी का पक्ष कमजोर रहा। वसूली के मामले में तत्कालीन एसपी राजेश मीणा को बड़ी राहत मिली है। वकील ने ACB का प्री-प्लान क्राइम बताया है। तत्कालीन एसपी राजेश मीणा ने कहा- गलत तथ्य पर केस दर्ज किया था। सच्चाई की जीत हुई है। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 90 गवाह और 300 दस्तावेज कोर्ट में पेश किया। दोनों पक्षों की सुनवाई और बहस के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया।
कोर्ट ने इन्हें किया बरी
मंथली वसूली मामले में तत्कालीन अजमेर एसपी राजेश मीणा, ASP लोकेश सोनवाल, दलाल रामदेव ठठेरा और थाना प्रभारी सहित 14 आरोपी थे। कोर्ट ने तत्कालीन अजमेर एसपी राजेश मीणा, एडिशनल एसपी शहर लोकेश सोनवाल, दलाल रामदेव ठठेरा, पुलिस इंस्पेक्टर हनुमान सिंह, जयपाल धार्डिया, खान मोहम्मद, रविंद्र यादव, कुशाल चौरडिया, गोपाल लाल, बंसीलाल, प्रमोद स्वामी, संजय शर्मा, सुनील बिश्नोई और अशोक बिश्नोई को कोर्ट ने बरी कर दिया। राजेश मीणा के वकील अशोक कुमार बाटड़ का कहना है कि जबरन फंसाया गया।
ACB ने किया था गिरफ्तार
उल्लेखनीय है कि 2 जनवरी 2013 को ACB ने अजमेर के तत्कालीन SP राजेश मीणा को जयपुर रोड पर सरकारी आवास से दलाल ठठेरा के साथ गिरफ्तार किया था। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने एसपी से एक थैली बरामद किया, जिसमें 2 लाख 5 हजार रुपए थे। राजेश मीणा को 3 जनवरी 2013 को कोर्ट में पेश किया गया था। तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लोकेश सोनवाल भारी पुलिस बल के साथ सेशन न्यायालय में उपस्थित हुए थे। ACB ने मीणा को पुलिस रिमांड पर सौंपने के लिए कोर्ट से अनुमति मांगी। उन्होंने अन्य आरोपी तक पहुंचने के लिए सोनवाल की भी रिमांड मांगी। इसकी सूचना सोनवाल को लगी तो वह कोर्ट से फरार हो गया था। इसके बाद उसने FIR निरस्त करवाने और अग्रिम जमानत का प्रयास किया थाष बाद में हाईकोर्ट के निर्देश पर कोर्ट में समर्पण करने जा रहा था। अदालत पहुंचने से पहले ही एसीबी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
राजेश मीणा वर्तमान में पीएचक्यू आईजी सिक्योरिटी
एसीबी रिपोर्ट के अनुसार, दलाल रामदेव ठठेरा एएसपी सोनवाल के ऑफिस से उनकी विभागीय कार में बैठकर पुलिस अधीक्षक राजेश मीणा के घर पर 2.05 बजे पहुंचा। कुछ ही देर में एसीबी टीम पहुंच गई। टीम ने वहां से रामदेव ठठेरा और राजेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया था। एक थैली में 2 लाख 5 हजार रुपए नकद बरामद हुए. रामदेव ठठेरा के जेब में रखी कई थानों के नाम में अंक लिखे पर्चियां मिली थीं। राजेश मीणा वर्तमान में पीएचक्यू आईजी सिक्योरिटी हैं।