सोशल मीडिया पर गैंगस्टरों को फॉलो करने वाले भी पुलिस के रडार पर, जयपुर में 48 अरेस्ट
जयपुर पुलिस ने गैंगस्टरों के सोशल मीडिया अकाउंट को फॉलो करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 48 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस टीमें अपराधियों के सोशल मीडिया अकाउंट की जांच कर रही हैं।

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जयपुर पुलिस ने सोशल मीडिया पर गैंगस्टर का अनुसरण करने वाले लोगों की धरपकड़ शुरू की है। ऐसे 48 फालोवर्स को गिरफ्तार किया है। पुलिस उपायुक्त (उत्तर) परिस देशमुख ने शनिवार को बताया कि आदतन अपराधियों को सोशल मीडिया पर 'फॉलो-लाइक' करने वाले 37 लोगों को जयपुर आयुक्तालय पुलिस ने एवं 11 लोगों को जिला जयपुर (उत्तर) द्वारा गिरफ्तार किया गया है। इनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस युवाओं के परिजनों को भी ऐसी गतिविधियों से बचने की सलाह दे रही है। युवाओं को आपराधिक गतिविधियों से भी दूर रहने को कहा जा रहा है।
देशमुख ने एक बयान में बताया कि पिछले कुछ समय से देखा जा रहा है कि गंभीर वारदात करवाने वाले बदमाशों का शहर के युवा सोशल मीडिया पर अनुसरण कर रहे हैं। इन अपराधियों का अनुसरण करने और 'लाइक' करने वालों पर शिकंजा कसने हेतु विशेष टीमें बनाई गई हैं। देशमुख ने बताया कि ये टीमें अपराधियों के नाम चल रहे सोशल मीडिया अकाउंट की जांच कर रही है और उन्हें अनुसरण करने वाले लोगों को चिन्हित कर रही है।
दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की सजा
जयपुर की एक विशेष अदालत ने 15 वर्षीय नाबालिग लड़की के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में एक व्यक्ति को 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। विशेष लोक अभियोजक राकेश महर्षि ने बताया कि पॉक्सो (यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण) अदालत की विशेष न्यायाधीश तारा अग्रवाल ने मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी शिवम यादव (22) को लड़की के अपहरण और बलात्कार का दोषी पाया और 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई तथा 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया।
महर्षि ने कहा कि अक्टूबर 2020 में दोषी ने जयपुर के मानसरोवर इलाके में रहने वाली पीड़िता को चॉकलेट का लालच देकर बुलाया, जिसे खाने के बाद वह बेहोश हो गई। अभियुक्त, पीड़िता को उत्तर प्रदेश के कानपुर ले गया जहां उसने आठ महीने तक जबरन शारीरिक संबंध बनाए। अभियुक्त पीड़िता को उसके माता-पिता से बात नहीं करने देता था। माता-पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी बेटी लापता हो गई है और उन्होंने अपने पड़ोस में रहने वाले शिवम यादव पर शक जताया था। अदालत ने अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद आरोपी को दोषी करार दिया था।