राजस्थान में आपसी रार; जिस बात पर गहलोत-पायलट में चल रहा था झगड़ा उसी पर अब भाजपा में भी कलह
राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले एक तरफ जहां कांग्रेस आंतरिक कलह से जूझ रही है तो दूसरी तरफ भाजपा भी एकजुट नहीं दिख रही है। दिलचस्प यह है कि दोनों दलों में एक ही मुद्दे पर मतभेद है।
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राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले एक तरफ जहां कांग्रेस आंतरिक कलह से जूझ रही है तो दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी एकजुट नहीं दिख रही है। दिलचस्प यह है कि भगवा पार्टी में भी उसी मुद्दे पर मतभेद चल रहा है, जिसको लेकर कांग्रेस में गहलोत और पायलट खेमा भिड़ा हुआ है। इस बीच, भाजपा की कोशिश आंतरिक कलह को खत्म करके टीम को एकजुट करने की है।
भाजपा के लिए ताजा मुश्किल यह है कि पेपर लीक के मुद्दों पर गहलोत सरकार को घेरने निकले राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया को भी घेर लिया। उन्होंने अपनी पार्टी के प्रदेश प्रमुख को इस मुद्दे को प्रभावी तरीके से उठाने में असफल बताया। पेपर लीक केस में सीबीआई जांच की मांग को लेकर 12 दिन तक प्रदर्शन करने वाले मीणा ने कहा कि पूनिया ने मजबूती से इस मुद्दे को नहीं उठाया। सांसद ने कहा कि पूनिया ने भरोसा दिया था कि भाजपा इस मुद्दे पर राज्यव्यापी प्रदर्शन करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
अटकलें हैं कि मीणा को इस प्रदर्शन में पार्टी का पूरा साथ नहीं मिला। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने जरूर उनका समर्थन किया और उनके करीबी विधायक मीणा के समर्थन में उतरे। राजे और मीणा कभी कट्टर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हुआ करते थे, लेकिन चुनावों की अत्यावश्यकता ने उसने साथ ला दिया। पूनिया अंत में मीणा के पास पहुंचे, लेकिन किरोड़ी की नाराजगी दूर नहीं हुई। हालांकि, उन्होंने पार्टी नेताओं से मतभेद की बात से इनकार किया और कहा, 'भाजपा में आंतरिक लोकतंत्र है। मैंने अपना दर्द बयां किया। पेपर लीक का मुद्दा बड़ा है। कांग्रेस सरकार 60 लाख से अधिक युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। बीजेपी इस मुद्दे को प्रभावी तरीके से नहीं उठा पाई।'
राजनीतिक विश्लेषक मनीष गोढ़ा ने कहा, 'बीजेपी में कांग्रेस की जितनी खींचतान है। जिस तरह किरोड़ी मीणा ने सतीश पूनिया पर हमला किया है वह अभूतपूर्व है, खासकर पूर्वी राजस्थान में पीएम मोदी के दौरे से पहले। इसकी वजह पार्टी नेतृत्व को अपना राजनीतिक रसूख दिखाने की कोशिश हो सकती है।'राजस्थान भाजपा में गुटबाजी को तवज्जो नहीं देते हुए एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि भाजपा में अंदरूनी कलह की धारणा अक्सर दबाव की रणनीति के रूप में बनाई जाती है। उन्होंने कहा,'यह धारणा अक्सर उन नेताओं द्वारा बनाई जाती है जो डरते हैं कि उनका जनाधार मिट रहा है और जो प्रासंगिक बने रहने के लिए लड़ रहे हैं। लेकिन भाजपा में पार्टी हमेशा व्यक्ति से बड़ी होती है।'
भाजपा में मुख्यमंत्री पद के लिए कई दावेदार हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से सतीश पूनिया, राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और सांसदी दिव्या कुमारी का नाम चल रहा है। हालांकि, पार्टी ने किसी को उम्मीदवार घोषित नहीं किया है और पीएम मोदी के नेतृत्व को आगे रखकर में चुनाव लड़ सकती है।
पेपर लीक पर गहलोत को घेर रहे पायलट
पेपर लीक के मुद्दे पर कांग्रेस में भी घमासान छिड़ा हुआ है। पूर्व उपमुख्यमंत्री और लंबे समय से गहलोत से नाराज चल रहे सचिन पायलट अपनी ही सरकार को घेर रहे हैं। वह लगातार इस मुद्दे को जोरशोर से उठा रहे हैं और सरकार के ऐक्शन को नाकाफी बता रहे हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का दावा है कि उन्होंने सख्त ऐक्शन लिया है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।