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हिंदी न्यूज़ राजस्थानराहुल गांधी के एक तरफ गहलोत, दूसरी ओर बघेल; कांग्रेस का क्या है संदेश? समझें सियासी मायने

राहुल गांधी के एक तरफ गहलोत, दूसरी ओर बघेल; कांग्रेस का क्या है संदेश? समझें सियासी मायने

राहुल गांधी के दोनों तरफ अशोक गहलोत और भूपेश बघेल को बैठाकर कांग्रेस पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए शक्ति प्रदर्शन भी किया है। मालूम हो कि इस साल कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं।

राहुल गांधी के एक तरफ गहलोत, दूसरी ओर बघेल; कांग्रेस का क्या है संदेश? समझें सियासी मायने
Devesh Mishraलाइव हिंदुस्तान,नई दिल्लीSat, 25 Mar 2023 08:43 PM
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चार साल पहले दिए एक बयान को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मुश्किलें दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही हैं। बयान देने के बाद सबसे पहले उनपर मानहानि का केस हुआ। केस के बाद कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई। कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी को सबसे बड़ा झटका तब लगा जब लोकसभा सचिवालय ने एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए उनकी सदस्यता ही रद्द कर दी। सांसदी जाने के बाद राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी के अगल-बगल कांग्रेस के कई दिग्गज नेता बैठे थे। मंच पर बैठे लोगों को लेकर अब कई तरह के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। आइए समझते हैं पूरा मामला...

एक तरफ गहलोत, दूसरी ओर बघेल
सांसदी जाने के बाद राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। मंच पर उनके साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मौजूद थे। लोग मंच का नजारा देखने के बाद अलग-अलग सियासी मायने निकाल रहे हैं। तस्वीर के पीछे छिपे संदेश को समझने से पहले हमें राहुल गांधी के उस बयान पर वापस लौटना होगा जिसके चलते उनकी सांसदी चली गई। दरअसल, साल 2019 में राहुल गांधी ने कर्नाटक में कहा था कि 'सभी चोरों का सरनेम मोदी ही क्यों होता है?' राहुल के बयान को लेकर तब भाजपा ने देशभर में नाराजगी जताई थी। भाजपा ने राहुल गांधी पर आरोप लगाया था कि राहुल ओबीसी समुदाय के विरोधी हैं। राहुल गांधी पर ओबीसी समुदाय के अपमान का आरोप भी लगा था। आज के प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी के साथ बैठे अशोक गहलोत और भूपेश बघेल दोनों ही नेता ओबीसी समुदाय से ही आते हैं।

कांग्रेस का क्या है संदेश?
सांसदी जाने के बाद पहली बार राहुल गांधी मीडिया से बातचीत करने आए। ऐसे में कांग्रेस पार्टी लोगों के बीच कई संदेश पहुंचाना चाहती थी। एक तरफ जहां राहुल गांधी अपने संबोधन के दौरान भाजपा पर जमकर बरसे तो वहीं दूसरी ओर उनकी अगल-बगल कांग्रेस के दो दिग्गज ओबीसी नेताओं को बैठाया गया। कांग्रेस पार्टी ने इससे यह संदेश दिया कि राहुल गांधी ओबीसी समुदाय के खिलाफ नहीं हैं। साथ ही कांग्रेस पार्टी ने यह भी संदेश दिया कि भाजपा का यह आरोप कि राहुल गांधी और कांग्रेस ने ओबीसी समुदाय का अपमान किया यह भी गलत है।

आगामी चुनावों के लिए शक्ति प्रदर्शन
राहुल गांधी के दोनों तरफ अशोक गहलोत और भूपेश बघेल को बैठाकर कांग्रेस पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए शक्ति प्रदर्शन भी किया है। मालूम हो कि इस साल कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में बघेल और गहलोत के राज्य में भी चुनाव होने वाले हैं। छत्तीसगढ़ और राजस्थान दोनों राज्यों में ओबीसी वोट बैंक का खासा प्रभाव है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी गहलोत और बघेल के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन भी करना चाहती है।

सांसदी जाने के बाद राहुल गांधी से प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक पत्रकार ने पूछा कि मोदी सरनेम वाले बयान को लेकर भाजपा आपसे माफी की मांग कर रही है, इसपर आप क्या सोचते हैं? राहुल ने जवाब देते हुए कहा, 'राहुल गांधी सोचता है कि मेरा नाम सावरकर नहीं है। मेरा नाम गांधी है। गांधी किसी से माफी नहीं मांगता।'