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RTH बिल वापस नहीं होगा, फिर बोले गहलोत के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल

राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीना ने राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में डाॅक्टरों के कल प्रस्तावित महाबंद पर नाराजगी जताई है। कहा- किसी भी सूरत में आरटीएच बिल वापस नहीं होगा।

RTH बिल वापस नहीं होगा, फिर बोले गहलोत के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल
Prem Meenaलाइव हिंदुस्तान,जयपुरTue, 28 Mar 2023 06:02 PM
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राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीना ने राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में डाॅक्टरों के कल प्रस्तावित महाबंद पर नाराजगी जताई है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि किसी भी सूरत में आरटीएच बिल वापस नहीं होगा। अस्पतालों में सरकारी चिकित्सक काम कर रहे हैं। यदि वे कामकाज बंद करते है फिर सरकार भी सख्ती बरतेगी। विधानसभा में सदस्यों ने एक स्वर में बिल पास किया। आंदोलनरत डाॅक्टर्स अपने आप को कानून से ऊपर नहीं समझे। कानून लाने से पहले सभी चिकित्सकों से बात की गई थी। उनकी प्रत्येक बात को कानून में शामिल किया गया था। लेकिन अब चिकित्सक वादाखिलाफी कर रहे हैं, जो बर्दाश्त से बाहर है। चिकित्सकों के आंदोलन से जनता के बीच सरकार की नेक मंशा ज रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने एसएमएस के मेडिकल टीचर्स के बंद को समर्थन देने पर कहा कि निजी अस्पताल चाहे तो चिरंजीवी में इलाज छोड़ दें, लेकिन बिल वापस नहीं होगा। डाॅक्टर्स चिकित्सक धर्म को नहीं भूले। 

मरीज हो रहे हैं परेशान 

बता दें, डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार के कारण चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई हैं। एसएमएस में न केवल जयपुर बल्कि प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों और प्रदेश के बाहर से आए मरीजों और उनके परिजनों को भी इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है। दरअसल, राज्य सरकार द्वारा लाए गए 'राइट टू हेल्थ' बिल के विरोध में निजी अस्पतालों के डॉक्टर लगातार आंदोलन कर रहे हैं। अब इनके समर्थन में सरकारी चिकित्सक भी उतर आए हैं. उन्होंने आज सोमवार को दो घंटे का कार्य बहिष्कार कर अपना विरोध दर्ज करवाया और आंदोलनरत डॉक्टरों को अपना समर्थन दिया।

कानून से बड़े नहीं है डाॅक्टर

परसादी लाल मीणा ने कहा कि चिकित्सकों को कोई अधिकार नहीं है कि वह बिल को वापस लेने की मांग करें। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में सरकारी चिकित्सक अभी भी काम कर रहे हैं। यदि वे कामकाज बंद करते हैं तो फिर सरकार भी सख्ती करेगी। विधानसभा में सभी सदस्यों ने एक स्वर में बिल पास किया है. आंदोलनरत चिकित्सक अपने आपको कानून से ऊपर न समझें. कानून लाने से पहले सभी चिकित्सकों से बातचीत की गई थी, उनकी हर बात को कानून में शामिल किया गया है। लेकिन अब चिकित्सक वादाखिलाफी कर रहे हैं जो बर्दाश्त से बाहर है. चिकित्सकों के आंदोलन से जनता के बीच सरकार की नेक मंशा पर सवाल उठ रहे हैं. इसलिए उन्होंने स्पष्ट किया की राइट टू हेल्थ बिल वापस नहीं लिया जाएगा। हालांकि चिकित्सा मंत्री ने यह कहा है कि सरकार की ओर से वार्ता के द्वार खुले हैं और हड़ताल कर रहे चिकित्सक कभी भी सरकार के साथ वार्ता कर सकते हैं। 

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