कोरोना के डर से अपनों ने मना किया, तो पड़ोसियों ने दिया कंधा
कोरोना काल में जहां लोग एक दूसरे से दूरी बनाए हुए हैं, वहीं ऐसे में सामान्य मौत से मरने वाले व्यक्ति के शव को अपने परिजनों का कांधा नहीं मिल पा रहा है।ऐसा ही मामला सिरोही के रोहिडा से सामने आया...
कोरोना काल में जहां लोग एक दूसरे से दूरी बनाए हुए हैं, वहीं ऐसे में सामान्य मौत से मरने वाले व्यक्ति के शव को अपने परिजनों का कांधा नहीं मिल पा रहा है।ऐसा ही मामला सिरोही के रोहिडा से सामने आया है। जहां कोरोना के डर से मृतक के परिजनों ने शव को लेने और अंतिम संस्कार के लिए आने से मना कर दिया।
जानकारी के अनुसार, रोहिडा निवासी किशोर कुमार (70) को 16 जून को बीमारी की हालत में रोहिड़ा अस्पताल में भर्ती करवाया गया था लेकिन, वहां से उन्हें आबूरोड ले जाया गया. आबूरोड से 17 जून को सिरोही अस्पताल रेफर किया गया। जहां इलाज के दौरान 18 जून को उनकी मृत्यु हो गई। गुरुवार को मृत्यु के पश्चात अस्पताल प्रशासन ने उसे कोरोना संक्रमण से संदिग्ध मानते हुए कोरोना टेस्ट के लिए भेजा। साथ ही मामले की जानकारी पुलिस को दी गई। जिसके बाद पुलिस ने मृतक के परिजनों को शव ले जाने व अंतिम संस्कार के लिए सूचित किया। इस पर परिजनों ने शव को लेने से इंकार कर दिया।
जिसके बाद पुलिस ने शव को मोर्चरी में रखवाया। पुलिस ने अंतिम संस्कार के लिए समाजसेवी प्रकाश प्रजापति को सूचित किया। इस पर प्रजापति ने शव की विधि विधान से अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी ली। अंतिम संस्कार के लिए ले जाते समय मृतक की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई। जिसके बाद पुलिस ने एक फिर से मृतक के परिजनों को सूचित किया। लेकिन फिर भी सभी ने आने में असमर्थता जताई। इस पर पुलिस ने प्रशासनिक कार्रवाई करने के पश्चात प्रकाश प्रजापति को अंतिम संस्कार के लिए मोर्चरी में बुला कर शव को सुपुर्द किया।
वहीं, रोहिड़ा थाने के एएसआई जितेंद्र सिंह, हैड कांस्टेबल ताराचंद, किरण कुमार के सहयोग से कंधा दिया गया. वहीं लायंस क्लब की ओर से संचालित शव वाहिनी से प्रकाश प्रजापति ने श्मशानघाट ले जाकर मृतक को मुखाग्नि देकर विधि विधान से अंतिम संस्कार किया।