किसानों की मेहनत पर ओले गिरे, वसुंधरा राजे ने गहलोत को घेरा; आज विधानसभा में चर्चा
राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में बैमौसम हुई बारिश से किसानों की फसल चौपट हो गई है। अन्नदाता की मेहनत पर पानी फिर गया है। अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से खेत में खड़ी किसानों की फसल बर्बाद हो गई है।
राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में बैमौसम हुई बारिश से किसानों की फसल चौपट हो गई है। अन्नदाता की मेहनत पर पानी फिर गया है। अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से खेत में खड़ी फसल बर्बाद हो गई है। इस बीच प्रदेश में अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से हुए नुकसान के मुद्दे पर विधानसभा में चर्चा होनी है। चर्चा के बाद आपदा राहत मंत्री अपना पक्ष रखेंगे। माना जा रहा है कि हर क्षेत्र में हुए नुकसान की जानकारी से सदन की अवगत कराएंगे। विधायक अपने क्षेत्र के फसल खराबे की जानकारी लेकर आ सकते हैं। 7 जिलों में बारिश औऱ ओलावृष्टि से से किसानों की फसल चौपट हो गई है।
वसुंधरा राजे ने सीएम को घेरा
राज्य की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया ने फसल खराबे के नुकसान का आंकलन कर सीएम गहलोत से उचित मुआवजे की मांग की है। वसुंधरा राजे ने ट्वीट किया-पिछले दिनों प्रदेशभर में कई बार ओलावृष्टि हुई। वहीं अब शुक्रवार व शनिवार को भी दर्जनभर जिलों में आंधी, बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी फसलों को काफी नुकसान हुआ है। राज्य सरकार प्रशासन को अलर्ट मोड में रखें तथा किसानों को उचित सहायता प्रदान करें।
गहलोत बोले- मुआवजा मिलेगा।
बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि से किसान परेशान
बीते कई दिनों से राज्य में हुई बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि से किसान परेशान हैं। मैं भी इसे लेकर चिंतित हूं। फसलों के नुकसान का आकलन करने के लिए लगातार गिरदावरी की जा रही है। राज्य सरकार इस मुश्किल समय में किसानों के साथ खड़ी है एवं खराबे का आकलन कर मुआवजा दिया जाएगा। भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों के अनुसार एक पंखवाड़े से मौसम खराब चल रहा है। जीरे व इसबगोल की फसलें पकने के समय बरसात के प्रति ज्यादा संवेदनशील होती हैं। बीच में मौसम साफ होने से किसान कुछ फसलों को काट कर समेटने में सफल हुए लेकिन अभी भी जीरा व ईसब की 50 प्रतिशत से ज्यादा फसलें कटी हुई या खेतों में खड़ी हैं। बचे हुए इस रकबे में जीरे में गुणवत्ता खराब होने, झड़ने तथा ओस व कोहरे से 60 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है। वहीं इसबगोल में 80 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान हुआ है जिसका वर्तमान बाजार भाव से आंकलन करे तो 1600 से 1700 करोड़ से ज्यादा का नुकसान केवल इन दो फसलों में हुआ है। सरकार को किसानों को आपदा अनुदान व फसल बीमा क्लेम दिलाने हेतु गंभीरता बरतनी होगी।