CM अशोक गहलोत पर डबल अटैक, BJP ने दिखाया युवाओं का डर; 'कोई नहीं बचेगा कांग्रेस का नाम लेने वाला'
राज्य सभा सांसद किरोड़ी मीणा बीते चार दिनों से धरने पर बैठे हैं। बता दें कि मीणा पेपर लीक के विरोध में जयपुर की ओर मार्च कर रहे थे। उन्हें पुलिस ने राजधानी में प्रवेश करने से पहले ही रोक दिया।
राजस्थान में सियासी पारा दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। सूबे में साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद जताई जा रही है। राज्य में कांग्रेस की सरकार है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सूबे की सियासत पर कब्जा पाना चाहती है तो वहीं कांग्रेस फिर से सरकार बनाने के लिए मंत्रणा कर रही है। भाजपा सांसद किरोड़ी मीणा ने शुक्रवार को कहा कि अगर कांग्रेस सरकार ने बेरोजगारों के साथ न्याय नहीं किया तो राजस्थान के युवा विधानसभा चुनाव में उसे सबक सिखाएंगे। मालूम हो कि किरोड़ी मीणा पेपर लीक की सीबीआई जांच की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं। मीणा ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार का 'बड़े मगरमच्छों' को पकड़ने का कोई इरादा नहीं है।
राज्य सभा सांसद किरोड़ी मीणा बीते चार दिनों से धरने पर बैठे हैं। बता दें कि मीणा पेपर लीक के विरोध में जयपुर की ओर मार्च कर रहे थे। उन्हें पुलिस ने राजधानी में प्रवेश करने से पहले ही रोक दिया। इसके बाद मीणा ने जयपुर के बाहरी इलाके में धरना शुरू किया। मीणा ने कहा, 'सरकार ने अगर बेरोजगारों के साथ न्याय नहीं किया तो युवा शक्ति प्रदेश में कांग्रेस को सबक सिखाएगी।'
गहलोत पर कसा तंज
किरोड़ी मीणा ने ट्वीट कर कहा, 'अशोक गहलोत जी क्या आप जांच एजेंसी हो? जो आप खुले मंच पर अफसरों-नेताओं को क्लीन चिट देकर जांच एजेंसी को दबाब में लाने का काम कर रहे हों। क्या इसी वजह से पेपर लीक के एक भी मामले में राजस्थान पुलिस तह तक नहीं पहुंची है? यदि बड़े मगरमच्छों को पकड़ने की मंशा है तो CBI जांच कराएं।'
कांग्रेस का कोई नाम लेने वाला भी नहीं बचेगा
भाजपा सांसद किरोड़ी मीणा ने ट्वीट में लिखा, 'पेपर लीक के मामलों की सीबीआई जांच और नौकरियों में राजस्थान के युवाओं को 95% आरक्षण आदि मांगों को लेकर 4 दिन से कड़ाके की ठंड में भी मेरे साथ धरने पर डटे सैंकड़ों बेरोजगारों का धन्यवाद। चारों ओर से प्रताड़ित, निराश और हताश युवा शक्ति सरकार की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रही है। सरकार को बिना किसी राजनीतिक पूर्वाग्रह के युवा शक्ति की आवाज को सुनना चाहिए और उनकी जायज मांगों का ईमानदारी से समयबद्ध समाधान करना चाहिए। पेपर लीक कर बेरोजगारों के सपनों को चकनाचूर करने वाले नकल माफिया के सख्त कार्रवाई बेहद जरूरी है। चाहे वो कितना भी बड़ा क्यों न हो। यदि सरकार ने हठधर्मिता नहीं छोड़ी और बेरोजगारों के साथ न्याय नहीं किया तो युवा शक्ति आगामी चुनावों में ऐसा सबक सिखाएगी कि प्रदेश में कोई कांग्रेस का नाम लेने वाला भी नहीं बचेगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी आप तो सियासी नफा-नुकसान का गणित समझते ही होंगे। फिर इतना हठ क्यों?'
बता दें कि राजस्थान में पेपर लीक मामले को लेकर भाजपा ने सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और कांग्रेस पार्टी के नेताओं के शामिल होने का आरोप लगाया है। सीएम गहलोत ने भाजपा के इन सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। विपक्ष ने विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाया। राज्य सरकार ने मामले की सीबीआई जांच की मांग को खारिज कर दिया है।
पायलट भी नाराज
बीते दिनों राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने भी अशोक गहलोत पर पेपर लीक केस को लेकर निशाना साधा था। पायलट ने कहा था कि ऐसे मामलों में छोटी-मोटी दलाली करने वालों के बजाय सरगनाओं को पकड़ा जाना चाहिए। किसान सम्मेलन में अपने ही सरकार पर तंज कसते हुए पायलट ने कहा, 'नौजवानों के भविष्य की चिंता हम सब लोगों को है। मैं सच बताता हूं कि जब मैं अखबार में पढ़ता हूं ...देखता हूं कि हमारे प्रदेश में कभी प्रश्नपत्र लीक हो गए, कभी परीक्षा रद्द हो गई तो मन आहत होता है। मन में पीड़ा होती है।'
पेपर लीक केस को लेकर भाजपा के साथ-साथ सचिन पायलट भी सीएम गहलोत पर हमलावर हैं। ऐसे में गहलोत को डबल अटैक का सामना करना पड़ सकता है। गहलोत और पायलट के बीच का मनमुटाव जगजाहिर है। बीते दिनों गहलोत ने मीडिया से कहा कि वो मिशन 156 पर काम कर रहे हैं। यानी इस बार सूबे में कांग्रेस 156 सीटों पर जीत हासिल करेगी। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या गहलोत इस डबल अटैक का सामना कर मिशन 156 के लक्ष्य को पूरा कर सकेंगे या उनके ऊपर ये डबल अटैक भारी पड़ेगा।