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महिलाओं को पूजा जाता है...; निर्वस्त्र करना घोर अपराध, 3 महिला समेत 17 लोगों को सजा 

राजस्थान में 20 वर्षीय गर्भवती महिला को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना के मामले में कोर्ट ने 17 लोगों को सजा सुनाई है। इनमें 3 महिलाएं भी शामिल भी हैं। कोर्ट ने इस दौराम मणिपुर की घटना का भी जिक्र किया।

महिलाओं को पूजा जाता है...; निर्वस्त्र करना घोर अपराध, 3 महिला समेत 17 लोगों को सजा 
Subodh Mishraपीटीआई,जयपुरSun, 04 Aug 2024 01:34 PM
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राजस्थान में 20 वर्षीय गर्भवती महिला को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना के करीब एक साल बाद एक जिला अदालत ने उसके पति और तीन महिलाओं समेत 17 लोगों को सजा सुनाई है। कोर्ट ने कहा कि यह एक जघन्य अपराध है। विशेष लोक अभियोजक मनीष नागर ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रतापगढ़ रामकन्या सोनी ने शनिवार को मामले में शामिल तीन महिलाओं को भी पांच साल कैद की सजा सुनाई।

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कहा कि हमारे देश में महिलाओं को देवी के रूप में पूजा जाता है और प्राचीन ग्रंथों में भी महिलाओं का सम्मान करने का उल्लेख है। उसके बावजूद महिलाओं पर हिंसा और अत्याचार जारी हैं।
मजिस्ट्रेट ने कहा, "यह आरोपी द्वारा महिला के खिलाफ किया गया एक गंभीर अपराध था। इसी तरह का जघन्य अपराध मणिपुर में भी किया गया था। ऐसे अपराधों से महिलाओं को भावनात्मक चोट पहुंचती है। महिलाओं के खिलाफ अपराध को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने जरूरी हैं, तभी अपराध कम होंगे।

अदालत ने पीड़िता के पति कान्हा मीना के अलावा खेतिया मीना, मोतिया उर्फ ​​मोतीलाल मीना, पुनिया मीना, केसरा उर्फ ​​केसरीमल मीना, सूरज मीना, पिंटू मीना, नाथूलाल मीना, मानाराम उर्फ ​​वेनिया मीना, नेतिया मीना, रूपा मीना, गौतम मीना, रामलाल मीना और  रमेश मीना को सात साल की सजा सुनाई। वहीं, तीन महिलाओं इंद्रा मीना, मिरकी मीना और झुमली मीना को पांच साल की कैद की सजा सुनाई।

पिछले साल 1 सितंबर को महिला के कपड़े उतारकर उसे नंगा घुमाने का वीडियो सामने आया था। यह घटना 31 अगस्त को प्रतापगढ़ के धरियावद शहर के निचलाकोटा गांव में हुई थी, जब आरोपी ने कथित तौर पर पीड़िता को एक आदमी के घर पर पाया था, जिसके साथ वह कथित तौर पर रिश्ते में थी। सात महीने की गर्भवती महिला को बाद में उसके पिता के घर छोड़ दिया गया। बाद में वह अपनी मां के साथ पुलिस के पास पहुंची और अपने पति सहित आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी महिला से मुलाकात की थी और मामले में 10 लाख रुपये मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी। मामले की जांच के लिए राज्य पुलिस द्वारा पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था।