चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती होगी, 40 % अंक वाले दे सकेंगे CET; CM भजनलाल की घोषणा
राजस्थान विधानसभा में आज बजट पास होगा। इससे पहले शाम को सीएम भजनलाल शर्मा ने घोषणा की है कि सरकार अब 500 की बजाय एक हजार इलेक्ट्रिक बस खरीदेगी। 40 फीसदी अंक वाले दे सकेंगे सीईटी।
राजस्थान विधानसभा में आज बजट पास होगा। इससे पहले शाम को सीएम भजनलाल शर्मा ने घोषणा की है कि सरकार अब 500 की बजाय एक हजार इलेक्ट्रिक बस खरीदेगी। बजट भाषण में 500 बस खरीदने की घोषणा की गई थी। इस दौरान सीएम ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना 4.0 के अंतर्गत प्रदेश की ढाई हजार से अधिक ग्रामीण बसावटों को सड़क से जोड़ने का प्रावधान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार प्रकट किया। उन्होंने प्रदेश में सड़कों के निर्माण एवं उन्नयन संबंधी कार्यों के लिए 1 हजार 100 करोड़ रुपए के अधिक की राशि के कार्यों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि 2 वर्षों में 1 हजार करोड़ रुपए व्यय कर 10 हजार से अधिक आबादी वाले ग्रामीण क्षेत्रों में सीमेंट कंक्रीट के अटल प्रगति पथ निर्मित किए जाएंगे, उन्होंने बड़े शहरों में सार्वजनिक परिवहन के लिए 500 के स्थान पर 1000 ई-बस उपलब्ध करवाए जाने की घोषणा की।
भरतपुर एवं बीकानेर में बनेंगे विकास प्राधिकरण
मुख्यमंत्री ने भरतपुर एवं बीकानेर यूआईटी का उन्नयन कर वहां विकास प्राधिकरण का गठन करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों में जन सुविधा के कार्य समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण सम्पादित करने के उद्देश्य से जिला स्तर पर जिला नगरीय आयुक्त की नियुक्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि द्रव्यवती नदी के विकास के लिए नवीन योजना बनाई जाएगी। उन्होंने 10 हजार से अधिक आबादी वाले कस्बों एवं निकटवर्ती गांवों को शामिल करते हुए 100 क्लस्टरों में चरणबद्ध रूप से फेकल स्लज मैनेजमेंट के कार्य एवं दौसा शहर में सीवरेज मास्टर प्लान, सूरजगढ़ (झुंझुनूं), सांगोद (कोटा) में सीवरेज लाईन के कार्य, चेचट एवं खैराबाद कस्बों में क्षतिग्रस्त नालों की सफाई एवं पुनर्निर्माण कार्यों की घोषणा भी की।
शर्मा ने प्रदेश में पेयजल सुविधा के लिए बीसलपुर पेयजल योजना में अजमेर (फेज-3)-जयपुर (फेज-2) के लिए कॉमन इंटेक वैल मय ट्रांसमिशन लाइन के निर्माण सहित पेयजल संबंधी 9 कार्य 540 करोड़ रुपए की लागत से करवाए जाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि पेयजल की गुणवत्ता एवं स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए वाटर टेस्टिंग लैब्स को राष्ट्रीय स्तर का बनाकर एनएबीएल से मान्यता प्राप्त करने के लिए 15 करोड़ 50 लाख रुपए व्यय किए जाएंगे। साथ ही वाटर टेस्टिंग सेंपल्स को जीओ टेगिंग कर ऑनलाइन किया जाएगा।