अलवर में इस हेडमास्टर साहब के तबादले पर फूट-फूटकर रोए बच्चे, सरकार भी है इनके काम की कायल-VIDEO
अलवर जिले में एक हेडमास्टर साहब का तबादला चर्चा का विषय बन गया है। हेडमास्टर साहब की कर्तव्य निष्ठा के मुरीद गांव के लोगों ने उन्हें घोड़ी पर बिठाकर विदा किया। इस मौके पर स्टूडेंट रोते नजर आए।

अलवर के मुंडावर क्षेत्र के कृष्ण नगर में एक हेडमास्टर साहब का तबादला होने से गांव के लोगों में मायूसी छा गई। गांव के लोगों ने हैडमास्टर साहब के सम्मान में विदाई समारोह का आयोजन किया। गांव के लोगों ने हेडमास्टर साहब को घोड़ी पर बिठाकर डीजे के साथ धूमधाम से तीन किलोमीटर दूर तक जुलूस निकाला और शानदार विदाई दी। पूरे आयोजन के दौरान गांव के लोग और बच्चे रोते बिलखते नजर आए तो दूसरी ओर हेडमास्टर दिनेश कुमार यादव भी यही कहते नजर आए कि परेशान मत हों मैं फिर आऊंगा। इस विदाई कार्यक्रम का वीडियो अब वायरल हो रहा है। हेडमास्टर साहब की कर्तव्य निष्ठा की खूब सराहना हो रही है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, हेडमास्टर दिनेश कुमार यादव का 28 दिसंबर को अलवर के बहरोड़ के खोर बसई स्कूल में तबादला हो गया था। वह 21 जनवरी को कृष्ण नगर स्कूल से रिलीव हुए। जैसे ही यह सूचना गांव के लोगों को मिली। गांव के लोग बेहद मायूस हो गए। इसके बाद गांव के लोगों ने हैडमास्टर साहब के सम्मान में विदाई समारोह आयोजित करने का फैसला किया। विदाई समारोह में हर कोई बिलखता नजर आया। स्टूडेंट अपने गुरु जी की विदाई के दौरान रोने लगे। स्टूडेंट हेडमास्टर साहब से लिपटकर उनसे नहीं जाने की गुहार लगाते रहे। गांव के लोगों ने दिनेश कुमार यादव को भावभीनी विदाई दी।
बच्चों को रोता देख गांव के लोग भी रो रहे थे। वहीं विद्यालय के दूसरे टीचर बच्चों और गांव के लोगों को संभालते और समझाते नजर आए। बताया जाता है कि दिनेश कुमार यादव अलवर के बहरोड़ के जखराना गांव के रहने वाले हैं। दिनेश कुमार यादव 15 साल से सरकारी सेवा में हैं। तीन साल से वह मुंडावर के इस स्कूल में तैनात थे। राजसमंद से उनका ट्रांसफर अक्टूबर 2019 में मुंडावर के श्रीकृष्ण नगर के सीनियर सेकेंडरी स्कूल में हुआ था। अपनी तीन साल की पोस्टिंग के दौरान उन्होंने बच्चों को बेहतरीन शिक्षा दी और अपने कर्तव्य के प्रति पूरी तरह समर्पित रहे।
हेडमास्टर दिनेश कुमार यादव की कर्तव्य निष्ठा का मुरीद पूरा स्कूल स्टाफ था। बच्चों के प्रति उनके समर्पण को देखकर गांव के लोग भी उनकी तारीफ करते नहीं थकते थे। यहां तक कि आस पास के लोग भी नहीं चाहते कि हेडमास्टर दिनेश कुमार क्षेत्र से किसी दूसरी जगह जाएं। अपने तीन साल के कार्यकाल में हेड मास्टर साहब ने पुराने जर्जर कमरों को तुड़वाकर नए कमरे बनवाए। करीब 1 करोड़ 25 लाख रुपए से उन्होंने स्कूल का शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा किया। शिक्षा के क्षेत्र में उनका काम बेजोड़ रहा। दिनेश कुमार ने 100 फीसदी परीक्षा रिजल्ट दिया। गांव के लोग कहते हैं कि उन्हें कभी बच्चों की पिटाई करते नहीं देखा।
गांव के लोगों का कहना है कि हेडमास्टर साहब शरारती बच्चों को भी शांत भाव से समझाते थे। उनके आने से पहले यह सरकारी स्कूल भी बाकी स्कूलों की तरह सामान्य तरीके से चल रहा था। अपने 3 साल के कार्यकाल में दिनेश कुमार ने बच्चों को मन से पढ़ाया। गांव के लोग एक वाकए का जिक्र करते हुए कहते हैं कि एक दिन दिनेश कुमार स्कूल के कमरों को पेंट करते नजर आए। वह गर्मी का सीजन था। दिन की चटख धूप में शिक्षक को स्कूल की पुताई करते देख ग्रामीण भी जुट गए और स्कूल के निर्माण कार्य में हाथ बंटाया। इस दौरान बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसका पूरा ख्याल रखा गया।
गांव के लोग बताते हैं कि हेडमास्टर साहब ने अपने कार्यकाल में बोर्ड की परीक्षाओं के लिए एक्स्ट्रा क्लास भी लगाई। यही कारण रहा कि 10वीं के बोर्ड का रिजल्ट 100 फीसदी रहा। हाल ही में राजस्थान सरकार की ओर से जिले में इस स्कूल को प्रथम अवॉर्ड दिया गया है। कोरोना में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं हो। इसके लिए हेडमास्टर साहब ने खुद एक ऐप बनाया। इसी ऐप के जरिए बच्चों की पढ़ाई महामारी के दौरान पूरी कराई गई। हेडमास्टर की जिम्मेदारी संभालते हुए दिनेश कुमार खुद 10वीं तक के बच्चों को साइंस और इतिहास पढ़ाते थे।
ग्रेड थर्ड से वाइस प्रिंसिपल तक पहुंचे दिनेश कुमार यादव की 15 साल की सर्विस हो गई है। पहले ग्रेड थर्ड टीचर के रूप में श्यामाका खैरथल में उन्होंने 7 साल पढ़ाया। फिर उनका सेकेंड ग्रेड में चयन हो गया। इसके बाद पाली जिले में सवा 2 साल पढ़ाया। इसके बाद उनका सिलेक्शन फर्स्ट ग्रेड में हो गया। बाद में वह राजसमंद चले गए। सवा दो साल वहां पढ़ाया। इसके बाद वह हेड मास्टर बनकर 2019 में मुंडावर के श्रीकृष्ण नगर के स्कूल आए थे। एकबार फिर उनका प्रोमोशन हुआ है। राज्य सरकार ने उनको हेड मास्टर से प्रमोट करके वाइस प्रिंसिपल बनाया है। उनके श्रम के कारण जिले में श्रीकृष्ण नगर के स्कूल की पहली रैंक आई थी।