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राज्यसभा चुनाव बाद फिर कैबिनेट में फेरबदल? राजस्थान में सियासी हालात से मिल रहा है संकेत

मामले से अवगत एक वरिष्ठ पार्टी नेता ने बताया कि विधायकों में नाराजगी थी। यह बात आम लोगों के बीच भी आ रही थी। हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हस्तक्षेप के बाद यह मामला सुलझने लगा।

राज्यसभा चुनाव बाद फिर कैबिनेट में फेरबदल? राजस्थान में सियासी हालात से मिल रहा है संकेत
Deepakसचिन सैनी,जयपुरTue, 07 Jun 2022 06:40 PM

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राजस्थान में राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की कवायद रंग लाती नजर आ रही है। पांच दिनों के बाद बीटीपी आखिर कांग्रेस के साथ आने को तैयार हो गई है। हालांकि निर्दलीय विधायक बलजीत यादव ने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। इसके बावजूद सत्ताधारी दल चार राज्यसभा सीटों में से तीन को जीतने के लिए 126 विधायकों के जादुई नंबर को हासिल करता नजर आ रहा है। हालांकि विधायकों को संतुष्ट करने की इस कवायद ने 10 जून को राज्यसभा चुनाव के बाद कैबिनेट में एक और फेरबदल की राह खोल दी है। 

सीएम गहलोत ने दिए थे संकेत
मामले से अवगत एक वरिष्ठ पार्टी नेता ने बताया कि विधायकों में नाराजगी थी। यह बात आम लोगों के बीच भी आ रही थी। हालांकि गहलोत के हस्तक्षेप के बाद मामला सुलझने लगा। बसपा से कांग्रेस में आए छह विधायकों ने उचित सम्मान न दिए जाने की बात कही थी। जबकि इन लोगों राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बचाने में अहम भूमिका निभाई थी। वरिष्ठ पार्टी नेता ने कहाकि नवंबर 2021 में खुद सीएम गहलोत ने कहा था कि जो भी पार्टी के साथ खड़े थे उन्हें सरकार और पार्टी में अहम स्थान मिलेगा। साथ ही उन्होंने पार्टी हाईकमान की अनुमति मिलने के बाद कैबिनेट में एक अन्य फेरबदल की बात कही थी। 

कार्यकर्ताओं के फीडबैक पर फैसला
वहीं अप्रैल 2022 में एक अन्य पार्टी नेता ने फेरबदल को लेकर पुष्टि की थी। तब उन्होंने डूंगरपुर में कांग्रेस गौरव यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा दिए उस संकेत का जिक्र किया था। इसमें सीएम ने कहा था कि जो कैबिनेट का हिस्सा थे, उन्हें फिर से इसमें जगह दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि यह फेरबदल परफॉर्मेंस, सोशल इंजीनियरिंग और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखकर किया जाएगा। कई जिले ऐसे हैं, जिनका कैबिनेट में बिल्कुल भी प्रतिनिधित्व नहीं है। इसके अलावा परफॉर्मेंस भी अहम फैक्टर होगा। कांग्रेस नेता ने बताया कि शुरू में कोविड पीरियड के चलते प्रदर्शन का आंकलन नहीं हो सका। लेकिन इधर पर्याप्त समय मिला है, जिसमें आउटपुट देखा जा सकता है। इसके अलावा आउटपुट को लेकर कार्यकर्ताओं का फीडबैक भी काफी मायने रखेगा। 

कैबिनेट में शामिल होने का बदला पैमाना
राजनीतिक विश्लेषक मनीष गोढ़ा ने कहा कि पिछले साल नवंबर में कैबिनेट में जो फेरबदल हुआ था उसमें 11 नए चेहरों को मौका दिया गया था। इनमें से तीन को कैबिनेट रैंक दी गई थी। तब यह बदलाव गहलोत और पायलट कैंप को संतुष्ट करने के लिए किया गया था। मुख्यमंत्री ने उसी दौरान भविष्य में एक अन्य फेरबदल का संकेत दे दिया था। अनुमान जताया जा रहा है कि यह फेरबदल राज्यसभा चुनाव के बाद होगा। हालांकि इस बार कैबिनेट में शामिल होने का पैमाना सोशल इंजीनियरिंग और मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड होगा।
 

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